इस भागदौड़ वाली ज़िंदगी में समय से पहले बालों का सफ़ेद होना या चेहरे पर समय से पहले झुर्रियों का नज़र आना आम बात होते जा रही है. वैसे एक समय था जब 40-45 साल की उम्र में झुर्रियों का नज़र आना शुरू होता था, पर अब हालात बदल गए हैं. अब झुर्रियों को उम्र बढ़ने का संकेत नहीं माना जाता है. बल्कि समय से पहले आती झुर्रियां हमारे अस्वस्थ जीवनशैली की ओर इशारा करती है.
चलिए, इस लेख के ज़रिए हम विशेषज्ञों से ये जानने की कोशिश करते हैं कि समय से पहले झुर्रियों का आना हम कैसे कम कर सकते हैं.
झुर्रियों को बनने में मदद मिलती है हमारी मांसपेशियों से. जब भी हम अपने चेहरे के भाव बदलते हैं और मांसपेशियों को ऐसा करने के क्रम में हिलाते हैं, तो इससे चेहरे की मांसपेशियों में सिलवटें पड़ती हैं. ज़्यादातर मामलों में कम उम्र के लोगों की त्वचा पर पड़ी ये सिलवटों को, त्वचा में ही पाए जाने वाली नमी, कोलेजन और इलास्टिन नाम के प्रोटीन ठीक कर देते हैं. पर, एक उम्र के बाद हमारी त्वचा नमी के साथ-साथ इन दोनों प्रोटीन के भंडार को खोना शुरू कर देती है, जिसके कारण त्वचा पर पड़ी सिलवटें ठीक नहीं हो पाती हैं. साथ ही साथ हमारी त्वचा के नीचे मौजूद फ़ैट भी धीरे-धीरे कम होने लगता है, जिसकी वजह से हमारी स्किन पतली होने लगती है और साथ ही गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से ढीली हो लटकने लगती हैं.
फ़िट हिंदी ने समय से पहले झुर्रियां आने का कारण जब डॉ कशिश कालरा, हेड ओफ़ डिपार्टमेंट एंड कन्सल्टंट डर्मेटोलॉजी, मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, साकेत से पूछा तो उनका जवाब था, "पहले ये जानें कि एजिंग 2 प्रकार की होती है,
क्रोनोलॉजिकल एजिंग- जिसमें बढ़ती उम्र में स्किन के अंदर मिलने वाले प्रोटीन 'कोलेजन' की कमी होने के कारण झुर्रियों का आना, त्वचा का ढीला हो लटकना और जगह-जगह पर काले निशान बनना शुरू हो जाता है. यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो सभी के साथ होती है.
फ़ोटो एजिंग- यह सूर्य की किरणों से निकलने वाले यूवी रेडिएशन की वजह से होता है. जिसके कारण स्किन में पिग्मेंटेशन और सन स्पॉट्स होने लगते हैं. समय के साथ-साथ त्वचा का रंग भी गहरा होने लगता है."
समय से पहले झुर्रियां आने के कई कारण हैं, जैसे ख़राब लाइफ़्स्टायल जो क्रोनोलॉजिकल एजिंग को बढ़ाता है. ये हैं कुछ कारण झुर्रियों के:
जेनेटिक
यूवी रेडिएशन
स्मोकिंग
गंभीर बीमारी
मेंटल स्ट्रेस
स्क्रीन के सामने ज़्यादा समय रहना
नींद की कमी
शारीरिक व्यायाम कम करना
खाने में हाई कार्बोहाइड्रेट और मीठे का सेवन ज़्यादा करना
अचानक वज़न का बढ़ना या घटना
फ़ेस या बॉडी क्रीम में केमिकल की मात्रा का ज़्यादा होना
प्रदूषण
झुर्रियां आने से रोकने के बारे में फ़िट हिंदी को डॉ. सचिन धवन, सीनियर कन्सल्टंट डिपार्टमेंट ओफ़ डर्मेटोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने बताया "30 वर्ष की आयु के बाद धीरे-धीरे झुर्रियां आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, पर उससे पहले अगर किसी व्यक्ति में झुर्रियां आने लगती है, तब उसे हम समय से पहले झुर्रियां आना कहते हैं. ऐसी स्तिथि में अपने डर्मटॉलॉजिस्ट से मिलें. कुछ तरीक़े हैं, जिनसे हम समय से पहले झुर्रियों को आने से रोक सकते हैं."
डॉ. सचिन धवन ने बताए ये उपाय:
सनस्क्रीन का प्रयोग ज़रूर करें, हो सके तो हर 4 घंटे पर
धूप में धूप चश्मा (सन ग्लास) पहनें
कम से कम स्क्रीन टाइम रखने का प्रयास करें
त्वचा को मॉइस्चराइजड (नमी) रखें
हयाल्यूरोनिक एसिड (त्वचा के हाइड्रेशन) युक्त क्रीम लगाएँ
नारियल या बादाम का तेल लगाएँ (तैलीय त्वचा के लिए नहीं है)
रेटिनॉलयुक्त सिरम या क्रीम ( डर्मटॉलॉजिस्ट की सलाह पर)
पौष्टिक आहार लें
व्यायाम करें
पर्याप्त नींद लें
स्मोकिंग छोड़ें
नीचे दिए गए उपचार त्वचा के लिए कुछ लोकप्रिय उपचारों में से हैं. इन्हें डर्मटॉलॉजिस्ट की सलाह पर ही करें:
झुर्रियों के लिए दवा- रेटिनोल युक्त क्रीम जिनमें विटामिन ए होता है
फ़ोटो फ़ेशल- झुर्रियों को कम करने के लिए होती है, जो डर्मटॉलॉजिस्ट करते हैं
केमिकल पील- डर्मटॉलॉजिस्ट द्वारा केमिकल का घोल बना कर मृत त्वचा को हटाया जाता है, जिसके बाद नयी और कोमल त्वचा सामने आती है
बोटॉक्स- झुर्रियों के लिए बोटॉक्स का इंजेक्शन बेहद प्रसिद्ध इलाज है
फ़ेसलिफ़्ट- यह एक सर्जरी है, जिसे जवान दिखने के लिए कराया जाता है
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