हम जानते हैं कि फाइबर से भरपूर, विटामिन B, विटामिन E और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स का स्रोत ओट सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है.

हालांकि हमारे पास एक रीडर का सवाल आया, जिसमें पूछा गया है कि क्या बच्चों को खाने में ओट देना अच्छा नहीं होता.

(ईमेल का स्क्रीनशॉट)

फिट ने इस सिलसिले में मैक्स हॉस्पिटल्स की चीफ न्यूट्रिशनिस्ट डॉ चारू दुआ से बात की.

ओट खिलाने से कोई नुकसान नहीं

उन्होंने बताया कि ओट घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है और बच्चों के लिए इसे पचाना आसान होता है.

जहां तक बहुत छोटे बच्चों की बात है, तो जरूरी ये है कि 6 महीने की ब्रेस्ट फीडिंग के बाद जब बच्चे को सॉलिड खाना खिलाने की शुरुआत की जाती है, तो आमतौर हम ये कहते हैं कि पहले चावल या घुली हुई दालों से शुरुआत करें, रोटी और दलिया खिलाने के बाद ओट भी खिलाया जा सकता है.
डॉ चारू दुआ, चीफ न्यूट्रिशनिस्ट, मैक्स हॉस्पिटल्स

डॉ दुआ बताती हैं कि 2 साल के बाद तो आंख बंदकर किसी भी एज ग्रुप को ओट्स खिलाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बच्चों को खाने में ओट बिल्कुल दिया जा सकता है, जो चीज हमें नहीं देनी चाहिए वो है- ब्रेड, पास्ता, पिज्जा, बर्गर जैसी मैदे वाली चीजें.

किसी एक तरह के मील पर पूरा फोकस करने की बजाए हमें बच्चे को संतुलित आहार देना चाहिए ताकि उन्हें जरूरी प्रोटीन, कैल्शियम, फैट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और जरूरी पोषक तत्व मिल सकें. बच्चों के लिए पूरी प्लेट खाने की रंगीन चीजों से भरी होनी चाहिए.
डॉ दुआ
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असल में किन बातों का रखना चाहिए ख्याल?

डॉ चारू दुआ कहती हैं कि जो चीज हमें ध्यान देनी चाहिए वो है कि हम बच्चों को फ्रेश चीजें खिलाएं.

हाई सोडियम, हाई फैट और दूसरे अनहेल्दी एडिटिव वाली चीजें, जो आजकल टिन या कैन में आ रही हैं या जिन्हें गर्म पानी में डालो और बन जाती हैं, ऐसे इंस्टेंट खाने से जितना दूर रह सकते हैं, हमें रहना चाहिए.
डॉ दुआ

डॉ दुआ बताती हैं कि हमारे देश में गेंहू और दूसरे मोटे अनाज प्रमुख रूप से होते हैं, तो हमारा गट वगैरह वैसा ही होता है, इसलिए हमारा जो पारंपरिक भारतीय भोजन है, चाहे वो गेंहू, ज्वार, बाजरा, ओट्स जैसे अनाज हैं, ऐसी चीजों से आमतौर पर कोई नुकसान नहीं होता.

ओट को लेकर वो बताती हैं कि एडल्ट और बच्चे की खुराक में फर्क होता है, इसलिए पोर्शन साइज पर ध्यान देना चाहिए.

डॉ दुआ दूसरी बात ये कहती हैं कि अगर बच्चा अंडरवेट है, तो उसे ओट ना खिलाने को कहा जा सकता है, हालांकि इसकी वजह ये है नहीं है कि उससे कोई नुकसान होगा बल्कि इसलिए कि ओट्स में फाइबर होता है और वो फाइबर उसका पेट भर देगा तो वो बहुत सारी चीजें नहीं खा पाएगा.

(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

(क्या कोई ऑनलाइन पोस्ट आपको गलत लग रही है और उसकी सच्चाई जानना चाहते हैं? उसकी डिटेल 9910181818 वॉट्सएप पर भेजें या webqoof@thequint.com पर मेल करें. हम उसकी सच्चाई आप तक पहुंचाएंगे.)

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Published: 10 Dec 2019,05:34 PM IST

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