हम जानते हैं कि फाइबर से भरपूर, विटामिन B, विटामिन E और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स का स्रोत ओट सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
हालांकि हमारे पास एक रीडर का सवाल आया, जिसमें पूछा गया है कि क्या बच्चों को खाने में ओट देना अच्छा नहीं होता.
फिट ने इस सिलसिले में मैक्स हॉस्पिटल्स की चीफ न्यूट्रिशनिस्ट डॉ चारू दुआ से बात की.
उन्होंने बताया कि ओट घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है और बच्चों के लिए इसे पचाना आसान होता है.
डॉ दुआ बताती हैं कि 2 साल के बाद तो आंख बंदकर किसी भी एज ग्रुप को ओट्स खिलाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बच्चों को खाने में ओट बिल्कुल दिया जा सकता है, जो चीज हमें नहीं देनी चाहिए वो है- ब्रेड, पास्ता, पिज्जा, बर्गर जैसी मैदे वाली चीजें.
डॉ चारू दुआ कहती हैं कि जो चीज हमें ध्यान देनी चाहिए वो है कि हम बच्चों को फ्रेश चीजें खिलाएं.
डॉ दुआ बताती हैं कि हमारे देश में गेंहू और दूसरे मोटे अनाज प्रमुख रूप से होते हैं, तो हमारा गट वगैरह वैसा ही होता है, इसलिए हमारा जो पारंपरिक भारतीय भोजन है, चाहे वो गेंहू, ज्वार, बाजरा, ओट्स जैसे अनाज हैं, ऐसी चीजों से आमतौर पर कोई नुकसान नहीं होता.
ओट को लेकर वो बताती हैं कि एडल्ट और बच्चे की खुराक में फर्क होता है, इसलिए पोर्शन साइज पर ध्यान देना चाहिए.
डॉ दुआ दूसरी बात ये कहती हैं कि अगर बच्चा अंडरवेट है, तो उसे ओट ना खिलाने को कहा जा सकता है, हालांकि इसकी वजह ये है नहीं है कि उससे कोई नुकसान होगा बल्कि इसलिए कि ओट्स में फाइबर होता है और वो फाइबर उसका पेट भर देगा तो वो बहुत सारी चीजें नहीं खा पाएगा.
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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