घुटनों का दर्द और घुटनों की समस्याएं आजकल आम हो चुकी हैं. पहले ये समस्याएं बढ़ती उम्र के साथ आती थीं, इसलिए इन्हें बुढ़ापे की समस्याएं कहा जाता था. लेकिन अब बहुत कम उम्र से ही लोग घुटनों की समस्याओं से जूझ रहे हैं. इसका कारण आजकल की जीवनशैली, हमारा खान-पान और शारीरिक श्रम की कमी हो सकती है.
1. ज्वॉइंट स्पेस का कम होना
बढ़ती उम्र के साथ हमारी जांघ की हड्डी और पैर की हड्डी के बीच का स्थान, जिसे ज्वॉइंट स्पेस कहते हैं, कम होने लगता है. इसके कारण दोनों हड्डियां आपस में घर्षण करने लगती हैं और इस घर्षण के कारण उनमें इंफ्लेमेशन शुरू हो जाता है.
2. ज्वॉइंट लुब्रिकेटिंग मेटेरियल का कम होना
घुटने के जोड़ की हड्डियों में घर्षण न हो इसलिए घुटनों के अंदर तैलीय पदार्थ भरा होता है, जिसे हम ज्वॉइंट लुब्रिकेटिंग मेटेरियल भी कहते हैं. इसके कम हो जाने से भी घुटनों में दर्द होता है.
3. मसल्स और कार्टिलेज का कमजोर होना
अगर घुटनों से संबंधित मांसपेशियां और कार्टिलेज कमजोर हो जाए तो भी घुटनों के दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
4. जोड़ों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल
जोड़ों के अंदर लगातार माइक्रोट्रॉमा होता रहे, ये मुख्य रूप से अधिक खेलकूद और जरूरत से ज्यादा जोड़ों का इस्तेमाल करने के कारण होता है.
5. घुटने पर चोट
अगर बार-बार घुटने पर बाहरी चोट लगे तो भी हमें घुटनों में लंबे समय तक के लिए दर्द हो सकता है.
6. पोषक तत्वों की कमी
अगर शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी हो जाए जैसे कैल्शियम, विटामिन डी, मैग्नीशियम, तो भी जोड़ों में दर्द हो सकता है.
7. यूरिक एसिड की अधिकता
कुछ तत्वों की अधिकता भी जोड़ों में दर्द पैदा कर सकती है, जिसमें यूरिक एसिड मुख्य है.
8. शरीर का वजन
घुटने में दर्द का कारण हमारे शरीर का वजन भी हो सकता है. अगर शरीर का वजन हमारी लंबाई के अनुपात से अधिक हो, तो हमें असमय ही घुटने के दर्द की शुरुआत हो सकती है. अत्यधिक वजन के कारण घुटने पर लगातार भार पड़ता है और घुटनों को नुकसान पहुंचता है.
सबसे पहले अगर आपका वजन ज्यादा है, तो वजन कम करने पर ध्यान देना होगा.
अगर घुटने के दर्द का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी है, तो आहार में बदलाव कर और दवाइयों के जरिए उस कमी को पूरा करने की जरूरत होती है.
नियमित व्यायाम से घुटने की मांसपेशियों और हड्डियों की ताकत बढ़ाई जा सकती है.
जैसे कि घुटनों के व्यायाम में शरीर का भार सहन करने वाली एक्सरसाइज और शरीर के भार को हटाकर करने वाले व्यायाम के साथ-साथ पैसिव एक्सरसाइज और ज्वॉइंट मैनिपुलेशन भी शामिल है.
इनके अलावा फिजियोथेरेपी के उपचार और आयुर्वेद के उपचार जैसे पोटली मसाज, जानु बस्ति के जरिए भी घुटनों को स्वस्थ रख सकते हैं. एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर की मदद से भी आप अपने घुटने के दर्द से निजात पा सकते हैं.
(डॉ अखिलेश अग्रवाल (योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा) स्वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्सालय योग एवं अनुसंधान केंद्र के चीफ मेडिकल ऑफिसर हैं.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 23 Jan 2020,05:51 PM IST