सेहतमंद रहने के लिए खेलकूद-एक्सरसाइज के जरिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहना जरूरी बताया जाता है. हालांकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की ओर से कराई एक स्टडी में पता चला है कि दुनिया भर में 80 प्रतिशत से ज्यादा स्कूल जाने वाले किशोर शारीरिक गतिविधियों से दूर हैं.

85 प्रतिशत लड़कियां और 78 प्रतिशत लड़के शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा ना लेने, एक्सरसाइज ना करने और ज्यादातर समय स्क्रीन पर बिताने के कारण अपनी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

इस स्टडी में पाया गया है कि बांग्लादेश और भारत के किशोर-किशोरियों में शारीरिक निष्क्रियता की दर कम है. किशोरों के शारीरिक सक्रियता के मामले में बांग्लादेश पहले और भारत सातवें पायदान पर है.

स्कूली किशोरों में शारीरिक निष्क्रियता के मामले में दक्षिण कोरिया पहले नंबर पर और फिलिपींस दूसरे नंबर पर है.

ये स्टडी साल 2001-2016 के दौरान 146 देशों के 298 स्कूलों में की गई, जिसमें 11 से 17 साल तक के करीब 16 लाख स्टूडेंट को शामिल किया गया. इसे द लांसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ (The Lancet Child and Adolescents Health) में पब्लिश किया गया है.

इसमें सक्रिय रूप से खेलना, मनोरंजन और खेल, घर के काम, टहलना, साइकिल चलाने जैसी शारीरिक गतिविधियों को शामिल किया गया.

WHO में इस स्टडी की ऑथर डॉ रेजिना गुटहोल्ड के मुताबिक किशोर-किशोरियों में शारीरिक श्रम बढ़ाने के लिए तुरंत नीति तैयार करने की जरूरत है. अगर शारीरिक गतिविधियां कम होती गईं तो भविष्य में कई नई चुनौतियां खड़ी हो जाएंगी.

शारीरिक निष्क्रियता कई लाइफस्टाइल बीमारियों का जोखिम कारक है, वहीं मोटापा भी स्वास्थ्य के लिए चुनौती साबित हो रहा है. ऐसे में जरूरी है कि बच्चे, बूढ़े और जवान सभी एक हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाते हुए एक्सरसाइज और खेल के जरिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहें.

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Published: 23 Nov 2019,05:10 PM IST

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