सर्दियां..गर्म चाय की प्याली और अलग-अलग कॉफी ‘क्रिएटिविटी’ के साथ दोस्तों, परिवार से मिलने जुलने का समय. लेकिन सर्दियां सबके लिए इतनी गुलाबी नहीं होतीं. कुछ लोग इस मौसम में परेशानी महसूस कर रहे होते हैं, उन्हें कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी का एहसास होता है. हो सकता है वो 'विंटर ब्लूज' के शिकार हों यानी उदासी भरा जाड़े का मौसम. हालांकि वो अकेले नहीं हैं. भारत में ऐसा महसूस करने वाले लोगों की संख्या करीब 10 मिलियन है. इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) कहते हैं.
COVID-19 ने ऐसे मानसिक हालत वाले लोगों के लिए परेशानी और बढ़ा दी है. सर्दियां, छोटे दिन, लंबी रातों के बारे में सोचकर ज्यादा बेचैनी महसूस हो सकती है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक COVID-19 SAD से जूझ रहे लोगों को कैसे प्रभावित करेगा, ये कहना मुश्किल है क्योंकि ये इस महामारी के बीच पहली सर्दी है.
ये मौसम से जुड़ी हुई मानसिक हालत होती है. माना जाता है कि सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) बीमारी में सूरज की रोशनी मस्तिष्क के उस हिस्से पर असर डालती है जो सोने और एनर्जी लेवल को रेगुलेट करती है.
सर्दियों के दिनों में (SAD) सिम्पटम क्यों बढ़ जाते हैं?
इसके बारे में कोई सटीक कारण नहीं पता है, लेकिन अमेरिका की मेंटल हेल्थ एजेंसी एनआईएमएच(NIMH) इन लक्षणों के आधार पर निष्कर्ष निकालने की कोशिश करती है-
SAD डिप्रेशन का एक प्रकार है जिसके लक्षण में शामिल है:
SAD के शिकार लोग किसी भी फोटोथेरेपी, मनोचिकित्सकीय दवाओं, या थेरेपी के बिना लक्षणों से निपटने की कोशिश करते हैं. जागरुकता के अभाव में अमूमन इसकी पहचान या इलाज नहीं हो पाता.
एक लेख में कम्युनिटी साइकिएट्री की मेडिकल डायरेक्टर लीला आर. मगवी का कहना है कि कई डॉक्टर इस बात के बारे में नहीं पूछते हैं कि मौसम उनके मूड को कैसे प्रभावित करता है क्योंकि सेशन के दौरान कई बाकी चीजें शामिल होती हैं, और कई लोग अपने सिम्पटम के बारे में खुलकर नहीं बता पाते क्योंकि वे शर्म का अनुभव करते हैं या कमजोर महसूस करते हैं कि मौसम उनके मूड को प्रभावित करता है.
"इस साल, कुछ लोगों को पहली बार SAD के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, या वे गंभीर SAD लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं, जो उनके खुद की या अपने लोगों की देखभाल करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है." मगवी कहते हैं.
उनका मानना है कि SAD के नए मामले बढ़ सकते हैं क्योंकि अधिकांश लोग आइसोलेशन का पालन कर रहे हैं, बाहर कम निकल रहे हैं और प्राकृतिक धूप में बाहर कम समय बिता रहे हैं.
लेकिन इससे कैसे बचें, ये पता हो तो आप बेफिक्र होकर इस मौसम का भी लुत्फ उठा सकते हैं.
SAD को छोटे दिनों और सर्दियों के महीनों में सूरज की कम रोशनी मिलने से जोड़ा जाता है. ऐसे में इन महीनों में धूप की कमी को दूर करने के लिए कृत्रिम रोशनी वाले लाइट थेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इसके अलावा स्वाभाविक तौर पर खुश रहने के लिए इन 2 हार्मोन्स को बढ़ाने की सोचें- सेरोटोनिन और एंडोर्फिन. अपने खाने में इसे कैसे शामिल कर सकते हैं, इस बारे में फिट आपको पहले भी बता चुका है. जानिए वो 15 तरीके, ताकि आपको उदास न कर सकें ये सर्दियां.
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Published: 17 Nov 2020,05:43 PM IST