हाल ही में एक पारिवारिक समारोह में, दूर के चचेरे भाई के बारे में हो रही खुसुर-पुसुर ने मुझे भावनात्मक अफेयर्स के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया. जब हम “फरेब” या “बेवफाई” जैसे शब्द सुनते हैं, तो आमतौर पर हमारा दिमाग शादी से बाहर सेक्स संबंधों या अफेयर के बारे में सोचता है, लेकिन अब वैवाहिक संबंधों में भावनात्मक बेवफाई भी निश्चित रूप से बढ़ी है.
भावनात्मक बेवफाई तब होती है, जब एक शादीशुदा शख्स किसी से अंतरंग हो जाता है- हो सकता है ऐसा सेक्शुअली ना हो- बल्कि किसी अन्य शख्स के साथ सिर्फ अपनी भावनाओं और विचारों में हो. वे अपना वक्त, अपने सबसे गहरे और निजी ख्यालों और अपनी भावनात्मक ऊर्जा को शादी के बाहर किसी दूसरे शख्स से साझा कर रहे होते हैं.
ऐसी रिलेशनशिप में भावनात्मक निकटता बहुत ज्यादा और गहरी होगी, किसी आम रूहानी रिश्ते से एकदम अलग. और आमतौर पर, इस दूसरे शख्स के प्रति भावनात्मक समर्पण के उच्च स्तर के कारण, उसका जीवनसाथी भावनात्मक जुड़ाव कमजोर होने या इसमें कमी आने का अहसास कर सकता है.
इसके साथ ही परायापन और अकेलेपन का अहसास हो सकता है. उपेक्षित जीवनसाथी में तथाकथित मित्र की तुलना में हीन-भावना भी पैदा हो सकती है- और ऐसे में भावनात्मक अफेयर वास्तव में कहर ढा सकता है. कोई भी अकेलेपन के एहसास के साथ जीना नहीं चाहता और अपनी शादी में किसी ‘तीसरे’ की मौजूदगी नहीं चाहता.
ज्यादातर मामलों में, भावनात्मक अफेयर दोस्ती से शुरू होता है और फिर आमतौर पर एक गहरे भावनात्मक जुड़ाव या फ्लर्ट में बदल जाता है. हो सकता है ऐसी रिलेशनशिप में सेक्स शामिल ना हो, लेकिन दोस्ती की भी कोई सीमा होनी चाहिए. जब दोस्ती शादीशुदा जोड़े के बीच अंतरंगता में दखलअंदाजी करती है तो समस्याएं और संघर्ष पैदा होना ही है.
हालांकि गहरी भावनात्मक निकटता हर शख्स में दूसरे से अलग हो सकती है, लेकिन यहां कुछ संकेत बताए जा रहे हैं, जो आपको भावनात्मक अफेयर की पहचान करने में मदद कर सकते हैं.
आप अचानक महसूस करते हैं कि आप अपने जीवनसाथी की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने की बजाए इसे दर्शक की तरह दूर से देख रहे हैं. आपको लगता है कि उदासीनता स्थायी भाव हो गया है और वो काफी हद तक आप के प्रति उदासीन हो गया है. ऐसा भी हो सकता है कि वो अपने ख्यालों या जज्बात को आपके साथ उतना साझा नहीं करता जितना पहले किया करता था. या ऐसा हो सकता है कि आपको इसकी कतई जरूरत महसूस नहीं होती है. जब एक भावनात्मक अफेयर बन रहा होता है, तो भावनात्मक जरूरतें वैसे भी कहीं और से पूरी की जा रही होती हैं, ऐसे में वैवाहिक रिश्ते में भावनात्मक टूटन मुमकिन है.
कुछ हफ्ते और यहां तक कि कुछ महीने भी बाकी की तुलना में व्यस्त होते हैं, लेकिन जब आप महसूस करने लगते हैं कि आपका जीवनसाथी आपके लिए हमेशा बहुत व्यस्त है या वो घर से दूर रहने का बहाना खोज रहा है, तो समझ लीजिए कि कुछ तो गड़बड़ है.
हम सभी अपने दोस्तों के साथ अपनी परेशानियों और खुशियों के बारे में बात करते हैं, यह काम से जुड़ी या एकदम निजी हो सकती हैं, लेकिन हर चीज की हद होती है जिसका पालन किया जाना चाहिए. अगर हमारा जीवनसाथी किसी खास दोस्त के साथ बहुत ज्यादा बातें शेयर कर रहा है, तो यह निश्चित रूप से एक भावनात्मक समर्पण का इशारा देता है.
वजन कम करना और वर्कआउट करने या हेल्दी खाने की तरफ अचानक रुझान बढ़ने, कपड़ों और हेयर स्टाइल में बदलाव, खुद को सजाने-संवारने में ज्यादा वक्त बिताना, कोई ऐसा शौक, जिसमें पहले कोई दिलचस्पी नहीं थी- यह सभी छोटी और बारीक निशानियां हैं कि वो किसी और के बारे में सोच रहे हैं और उन्हें आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि पर्सनालिटी डेवलपमेंट और अच्छा बनना हमेशा एक सराहनीय गुण है, लेकिन देखना जरूरी है कि इस अचानक बदलाव की प्रेरणा क्या है.
क्या है और क्या नहीं है- हालांकि शादी में तलाक का आधार एक निजी और व्यक्तिपरक मुद्दा है. कुछ लोग वन नाइट स्टैंड को अक्षम्य मान सकते हैं, जबकि कुछ लोग सेक्सुअल धोखेबाजी को नजरअंदाज कर सकते हैं, पर अपने जीवनसाथी को दूसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ता देखना सहन करने में असमर्थ हो सकते हैं. जरूरी यह है कि एक-दूसरे के प्रति समर्पण हो और एक दूसरे का ख्याल रखा जाए.
(प्राची जैन एक मनोवैज्ञानिक, प्रशिक्षक, आशावादी, पाठक और रेड वेलवेट्स की प्रेमी हैं.)
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