अगर लोग अपने दैनिक जीवन में किसी भी हल्के तनाव की स्थिति से नहीं गुजरते हैं, तो यह हमेशा बेहतर स्थिति नहीं मानी जा सकती है.
एक हालिया अध्ययन में देखा गया कि जिन लोगों ने किसी प्रकार के तनाव का अनुभव नहीं किया, उनका दैनिक जीवन बेहतर गुजरा और उन्हें पुरानी स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों से भी कम जूझना पड़ा, हालांकि, साथ ही साथ उनके कम संज्ञानात्मक फंक्शन की भी संभावना रही और उन्हें चीजों का ज्ञान भी कम मिला.
पेन स्टेट के शोधकर्ता डेविड एम. अल्मेदिया के अनुसार, अध्ययन से पता चलता है कि दैनिक तौर पर छोटे-छोटे तनाव असुविधा तो जरूर पैदा कर सकते हैं, मगर साथ ही साथ यह मस्तिष्क को लाभ भी पहुंचा सकते हैं.
डेविड ने कहा, "यह संभव है कि तनाव का सामना करना आपके लिए एक समस्या को हल करने के अवसर पैदा करता है. उदाहरण के लिए, शायद आपके कंप्यूटर को ठीक करना, जो एक महत्वपूर्ण जूम मीटिंग से पहले अचानक टूट गया था."
उन्होंने कहा,
शोधकर्ताओं के अनुसार, पिछले अध्ययनों में बड़ी संख्या में तनाव के कई नकारात्मक परिणामों को लेकर अधिक जोखिम के साथ जोड़ा गया है, जैसे क्रोनिक बीमारियां या फिर भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाना.
जर्नल इमोशन में प्रकाशित अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने 2,711 प्रतिभागियों के डेटा का उपयोग किया है.
अध्ययन की शुरुआत से पहले प्रतिभागी एक छोटे से ज्ञान संबंधी टेस्ट से भी गुजरे.
अध्ययन के लिए प्रतिभागियों को लगातार आठ रातों तक एक विशेष साक्षात्कार से गुजरना पड़ा, जिसमें उनकी मनोदशा, क्रोनिक कंडिशन, उनके शारीरिक लक्षणों - जैसे कि सिरदर्द, खांसी या गले में खराश के बारे में पूछा गया. इस बात पर भी गौर किया गया कि इस दौरान उन्होंने दिनभर क्या किया.
डेटा का विश्लेषण करने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि उन लोगों को लाभ हुआ है, जिन्हें अध्ययन के दौरान कोई तनाव नहीं था और इन प्रतिभागियों में से इनकी संख्या लगभग 10 प्रतिशत रही.
यही वजह है कि इस स्टडी के बाद शोधकर्ताओं का कहना है कि दैनिक जीवन में कम तनाव हमारे मस्तिष्क के लिए कुछ फायदेमंद भी हो सकता है.
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Published: 22 Mar 2021,01:08 PM IST