तलाक, किसी करीबी की मौत या नौकरी खोने जैसे जिंदगी के तनावपूर्ण अनुभवों के कारण 45 से 65 आयु वर्ग की महिलाओं में याददाश्त कमजोर होने और अल्जाइमर्स रोग का जोखिम बढ़ जाता है.

एक नई स्टडी में ऐसा कहा गया है. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ जेरीऐट्रिक साइकाइट्री में पब्लिश इस स्टडी के मुताबिक स्ट्रेस हार्मोन मस्तिष्क के स्वास्थ्य में लैंगिक आधार पर अलग-अलग भूमिका निभाते हैं और महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अल्जाइमर रोग अधिक होने का कारण भी यही है.

तनावपूर्ण अनुभवों के कारण 45 से 65 आयु वर्ग की महिलाओं में याददाश्त कमजोर होने का रिस्क बढ़ जाता है.(फोटो: iStock)
अल्जाइमर्स एसोसिएशन के मुताबिक, 60 साल से अधिक उम्र की हर 6 में से 1 महिला अल्जाइमर रोग से पीड़ित होती है, जबकि इस रोग से हर 11 में से 1 पुरुष पीड़ित होता है.

वर्तमान में इस रोग से बचाव या इस बीमारी को गंभीर होने से रोकने की कोई दवा नहीं है.

अमेरिका के जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सिंथिया मुनरो का कहना है, "हम तनाव से बच नहीं सकते हैं, लेकिन तनाव पर कैसे प्रतिक्रिया देनी है, उसे सुधार सकते हैं, और इसका असली असर उम्र बढ़ने के साथ हमारे दिमाग पर पड़ता है."

इस स्टडी के लिए 900 से ज्यादा लोगों (औसत उम्र-47) का डेटा कलेक्ट किया गया, जिसमें 63 फीसदी महिलाएं थीं.

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