चीन में मंकी बी वायरस (Monkey B Virus) संक्रमण से पहली मौत की पुष्टि हुई है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जानवरों के जिस डॉक्टर की मौत हुई है, उन्हें चीन में मंकी बी वायरस (BV) से संक्रमित पहला शख्स बताया गया था. चीन में इससे पहले BV संक्रमण का कोई कन्फर्म केस दर्ज नहीं किया गया.
रिसर्चर्स ने 53 साल के इस डॉक्टर का सेरिब्रोस्पाइनल (मस्तिष्कमेरु) फ्लुइड कलेक्ट किया था और उन्हें BV संक्रमित पाया था.
डॉक्टर ने कई अस्पतालों में इलाज कराया और 27 मई को उनकी मौत हो गई.
मंकी बी वायरस का संक्रमण का कैसे होता है? इस वायरस से संक्रमित होने पर कौन से लक्षण सामने आते हैं? किन लोगों को बी वायरस संक्रमण का ज्यादा रिस्क है? जानिए इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब.
क्या है मंकी बी वायरस (monkey B virus)?
ये एक अल्फाहर्पीजवायरस है. मंकी बी वायरस (monkey B virus) को आमतौर पर बी वायरस (B virus), हर्पीज बी (herpes B), हर्पीसवायरस सिमिया (herpesvirus simiae) और हर्पीसवायरस बी (herpesvirus B) के नाम से भी जाना जाता है.
इस प्रकार के ज्यादातर बंदर बी वायरस से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन इनमें आमतौर पर लक्षण नहीं होते हैं, या उन्हें केवल हल्की बीमारी होती है. चिंपैंजी और कैपुचिन बंदर, बी वायरस से संक्रमित हो सकते हैं और अक्सर इस संक्रमण से मर जाते हैं.
बी वायरस सतहों (खासकर नमी में) पर घंटों तक रह सकता है.
इंसान मंकी बी वायरस से कैसे संक्रमित हो सकते हैं?
बी वायरस (B virus) का संक्रमण मकैक बंदरों से हो सकता है. हालांकि इंसानों में बी वायरस (B virus) का संक्रमण दुर्लभ है.
मंकी बी वायरस से संक्रमण का रिस्क-
इस वायरस से संक्रमित बंदर द्वारा काटे या खरोंचे जाने पर
संक्रमित बंदर के ऊतक या फ्लुइड का आपकी कटी स्किन से संपर्क या आंख, नाक, मुंह के रास्ते संक्रमण
इस वायरस से दूषित किसी तेज धार वाली चीज जैसे पिंजरे वगैरह से चोट
संक्रमित बंदर के दिमाग, रीढ़ की हड्डी या खोपड़ी के संपर्क में आने से
रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में जानवरों के जिस डॉक्टर की मौत हुई है, उसने मार्च की शुरुआत में दो मृत बंदरों की चीरफाड़ की थी.
क्या इंसानों से इंसानों में Monkey B Virus का ट्रांसमिशन हो सकता है?
बी वायरस से संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण का अब तक सिर्फ एक मामला दर्ज है.
वहीं चीन के मामले में डॉक्टर के करीबी संपर्क वाले लोगों में कोई लक्षण नहीं हैं, उनका टेस्ट रिजल्ट भी निगेटिव आया था और वे फिलहाल सुरक्षित हैं.
किन लोगों को मंकी बी वायरस इन्फेक्शन का ज्यादा रिस्क है?
जो लोग बंदरों के संपर्क में नहीं आते हैं, उनके मंकी बी वायरस से संक्रमित होने का जोखिम बहुत कम है. वहीं जानवरों के डॉक्टर, इस तरह के लैब के कर्मचारियों और अन्य जो बंदरों या उनके सैंपल के संपर्क में आ सकते हैं, उन्हें बी वायरस संक्रमण का अधिक रिस्क होता है.
मंकी बी वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?
इसके लक्षण आमतौर पर बी वायरस के संपर्क में आने के एक महीने के अंदर दिखने लगते हैं, जैसे- चीन में इस वायरस से संक्रमित हुए डॉक्टर में दो बंदरों की चीड़फाड़ के एक महीने बाद मिचली और उल्टी जैसे लक्षण देखे गए थे. हालांकि इसके लक्षण 3 से 7 दिनों में भी सामने आ सकते हैं.
बी वायरस के संक्रमण के पहले संकेत आमतौर पर फ्लू जैसे होते हैं:
बुखार और ठंड लगना
मांसपेशियों में दर्द
थकान
सिरदर्द
बंदर के संपर्क वाले या घाव वाले हिस्से पर छाले हो सकते हैं.
अन्य लक्षण, जो दिख सकते हैं:
सांस लेने में कठिनाई
मिचली और उल्टी
पेट में दर्द
हिचकी
जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, वायरस फैलता है और मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सूजन का कारण बन सकता है.
बी वायरस के संक्रमण से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?
बी वायरस इन्फेक्शन से बचाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है.
अगर आप ऐसी जगह पर हैं, जहां मकैक बंदर हैं, तो आपको उनसे दूर रहना चाहिए.
हाई रिस्क वाले लोगों जैसे जानवरों के डॉक्टर और लैब वर्कर को लैब कोट, ग्लव्स और फेस शील्ड जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट का इस्तेमाल करना चाहिए.
बंदर के काटने, उससे खरोंच या स्राव से संपर्क को तुरंत अच्छी तरह से साफ करना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
(इनपुट- CDC, ग्लोबल टाइम्स)
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Published: 19 Jul 2021,01:57 PM IST