उम्रदराज लोग जो रात को 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं और दिन में लंबी झपकी लेते हैं, उन्हें स्ट्रोक का खतरा उन लोगों के मुकाबले 85 प्रतिशत ज्यादा होता है, जो सामान्य नींद और झपकी लेते हैं. ये बात चीन में 31,750 लोगों पर की गई एक स्टडी में बताई गई है.

इस स्टडी में उन लोगों को शामिल किया गया था, जिन्हें पहले से स्ट्रोक या दूसरी कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं थी, लेकिन स्टडी के दौरान 1,557 स्ट्रोक के मामले सामने आए.

इन लोगों से इनके सोने और झपकियां लेने की आदत के बारे में कुछ सवाल पूछे गए थे.

स्टडी में पाया गया कि रात में जो लोग 9 या इससे ज्यादा घंटे सोए, उन्हें बाद में स्ट्रोक का खतरा रात में 7 से 8 की नींद लेने वालों के मुकाबले 23 प्रतिशत ज्यादा था.

वहीं जो लोग रात में 9 घंटे से ज्यादा सोने के साथ ही दिन में भी लंबी झपकी लेते, उनमें स्ट्रोक का खतरा 85 फीसदी ज्यादा था.

इसमें ये भी पाया गया कि अच्छी नींद लेने वालों की तुलना में खराब नींद वाले लोगों में स्ट्रोक खतरा 29 फीसदी ज्यादा था.

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इसलिए अधेड़ और उम्रदराज लोगों को ये ध्यान देना चाहिए वो कितने घंटे की नींद ले रहे हैं और साथ ही उनकी नींद कितनी गहरी और अच्छी होती है.

हालांकि ये स्टडी लंबी झपकी और ज्यादा नींद के कारण स्ट्रोक की पुष्टि नहीं करती बल्कि इनके बीच संबंध की बात करती है.

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