अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाए गए 70 साल के एक्टर रजनीकांत (Rajinikanth) की सेहत में सुधार हो रहा है. उन्हें हैदराबाद के अपोलो अस्पताल ने रविवार-27 दिसंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया. 25 दिसंबर को उन्हें ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव के कारण भर्ती करवाया गया था.

ट्रांसप्लांट के बाद और उनकी उम्र को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें इलाज और डाइट के लिए जरूरी सलाह दी है.

वो ‘सन पिक्चर्स’ की तमिल फिल्म ‘अन्नाथे’ की शूटिंग करने के लिए 13 दिसंबर से हैदराबाद में हैं. अस्पताल से जारी उनकी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ जाने और थकान महसूस होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्हें चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया. रजनीकांत को दवाइयां और उपयुक्त आहार लेने के अलावा एक हफ्ते तक पूरी तरह से आराम करने को कहा गया है, जिस दौरान ब्लडप्रेशर की नियमित रूप से निगरानी की जाएगी. उन्हें न्यूनतम शारीरिक गतिविधि करने और तनाव से दूर रहने को कहा गया है.

लेकिन आखिर किसी शख्स को क्यों होता है हाइपरटेंशन? इसे कैसे मैनेज किया जा सकता है?

क्या होता है हाइपरटेंशन?

आपको पता होगा कि हमारा हृदय ब्लड पंप कर शरीर के बाकी अंगों को ऑक्सीजन से भरपूर रक्त धमनियों के जरिए पहुंचाता है. जब धमनियों पर ब्लड का फोर्स बहुत ज्यादा होता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहते हैं.

हाई ब्लड प्रेशर दिल और वेसल्स पर अतिरिक्त तनाव डालता है, जिससे हार्ट और ब्लड वेसल कमजोर या डैमेज हो सकते हैं.

हर 10 में से 3 भारतीय हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित हैं. हाइपरटेंशन मौत और विकलांगता का चौथा सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है.

एक स्टडी में कहा गया कि हाई बीपी वालों को वर्क प्रेशर की टेंशन से दूर रहना चाहिए क्योंकि काम का बोझ, इस बोझ से तनाव और ठीक से नींद नहीं लेना हाई बीपी वाले लोगों में दिल की बीमारी से मौत के खतरे को तीन गुना अधिक बढ़ा सकता है.
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मायो क्लिनिक के मुताबिक, रिस्क फैक्टर में शामिल हैं-

  • उम्र
  • फैमिली हिस्ट्री
  • अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होना
  • शारीरिक गतिविधि का अभाव
  • तनाव और चिंता
  • तंबाकू का उपयोग
  • अनहेल्दी डाइट
  • शराब
  • क्रोनिक कंडिशन

हाइपरटेंशन को अमूमन मध्यम आयु वर्ग के लोगों की समस्या माना गया है, लेकिन संख्याओं पर एक गहरी नजर डालने से पता चलता है कि दुनिया भर के बच्चे भी इसका शिकार हो सकते हैं.

इससे होने वाली जटिलताओं से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखने के साथ-साथ अपने ब्लडप्रेशर की निगरानी करना और हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है. हाइपरटेंशन दिल की समस्याएं, मेटाबोलिक सिंड्रोम, डिमेंशिया का भी कारण बन सकता है.

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Published: 29 Dec 2020,05:59 PM IST

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