न्यूरोलॉजिकल विकार (Neurological Disorder) से 68 फीसदी तक होने वाली मौतों की वजह ब्रेन स्ट्रोक (Stroke) है. स्ट्रोक तब होता है, जब मस्तिष्क तक खून की आपूर्ति में कोई रुकावट या कमी आ जाती है.
यह आंकड़े मेडिकल जर्नल लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में पब्लिश स्टडी रिपोर्ट में जारी किए गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में साल 2019 में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के मरीजों में स्ट्रोक के बाद सबसे ज्यादा मौतें अल्जाइमर्स-डिमेंशिया (12%) और इंसेफेलाइटिस (5%) से हुई हैं.
स्टडी के मुताबिक गैर-संचारी (non-communicable) और चोट-संबंधी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का बोझ 1990 (4 प्रतिशत) से बढ़कर 2019 (8.2 प्रतिशत) दोगुना से अधिक हो गया है.
रिपोर्ट कहती है कि 2019 में देश के 48.8 करोड़ लोग सिरदर्द से परेशान रहे. यह माइग्रेन और तनाव से जुड़ा सिरदर्द था. पुरुषों के मुकाबले 35 से 59 साल की महिलाओं को सिरदर्द की समस्या ज्यादा रही.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस के प्रोफेसर और इस स्टडी के सह-लेखक एन गिरीश राव कहते हैं,
तंत्रिका संबंधी विकारों के बढ़ते बोझ को लेकर शोधकर्ताओं ने जिन मुख्य कारणों की ओर इशारा किया है, उसमें अन्य बाहरी जोखिम कारकों के अलावा भारत की उम्रदराज होती आबादी है.
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स पर हुई यह अपनी तरह की पहली ऐसी स्टडी है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्युएशन समेत 100 संस्थानों ने मिलकर ये स्टडी की है.
ICMR के डायरेक्टर-जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि इस रिसर्च पेपर के नतीजे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के भार को कम करने के लिए राज्य स्तर पर हेल्थकेयर प्लानिंग में उपयोगी होंगे.
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Published: 15 Jul 2021,12:19 PM IST