फ्रांस के रिसर्चर्स के एक प्रारंभिक स्टडी ने चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों को सकते में डाल दिया है. एक ही उम्र और जेंडर के धूम्रपान करने वालों और धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना करने पर पाया गया कि धूम्रपान करने वालों में Covid-19 का खतरा 80% कम है.

द इकोनॉमिस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पब्लिक हेल्थ डेटा का एनालिसिस करने पर वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि पेरिस में 28 फरवरी से 9 अप्रैल के बीच पीटीई-सल्पीट्रिएर अस्पताल आने वाले 482 मरीजों में सिर्फ 5% लोग रोजाना धूम्रपान करने वाले थे.

ये रिजल्ट चौंकाने वाली है और कई अन्य स्टडी और विशेषज्ञ चेतावनियों का खंडन करती है जिन्होंने तंबाकू के इस्तेमाल और धूम्रपान के खिलाफ चेताया है. स्टडी करने वाले रिसर्चर्स ने भी धूम्रपान को स्वास्थ्य के लिए खतरा मानते हुए निष्कर्षों पर आगे की जांच को जरूरी बताया है.

रिसर्चर्स अगले तीन हफ्तों में मरीजों (400), फ्रंट-लाइन वर्कर (1500 हेल्थ वर्कर) और आम नागरिकों की निकोटीन पैच के जरिये ट्रायल करेंगे, जिनकी तुलना स्मोकिंग न करने वाले एक 'कंट्रोल्ड ग्रुप' से की जाएगी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हालांकि धूम्रपान करने वाले नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमित होने से पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं, वे संभवतः लक्षणों को विकसित करने की कम संभावना रखते हैं, और धूम्रपान न करने वालों की तुलना में उनमें हल्के लक्षण होने की संभावना ज्यादा होती है. उनके अस्पताल न जाने के पीछे ये वजह हो सकती है.

स्टडी निकोटिन के संभावित सकारात्मक प्रभाव पर आधारित है. समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक इसमें देखा गया है कि क्या कोरोना वायरस मोलिक्यूल खुद शरीर में मौजूद रिसेप्टर्स से जुड़ पाने में सक्षम हैं या नहीं.

हालांकि, इस स्टडी के रिसर्चर्स ने भी निकोटिन से जुड़े नुकसानों से इनकार नहीं किया है.

स्टडी में कहा गया है कि,

“किसी को ये नहीं भूलना चाहिए कि निकोटिन धूम्रपान की लत की वजह है. धूम्रपान के गंभीर परिणाम होते हैं और स्वास्थ्य के लिए ये एक गंभीर खतरा है. फिर भी नियंत्रित सेटिंग्स के तहत, निकोटिनिक एजेंट COVID-19 जैसे तीव्र संक्रमण के लिए एक कुशल उपचार प्रदान कर सकते हैं.”

फ्रांस के पाश्चर इंस्टीट्यूट में न्यूरोसाइंस प्रोफेसर और स्टडी रिसर्चर जीन-पियरे चेंजक्स के मुताबिक, "ये वायरस ऐसे हैं जो रिसेप्टर तक आते हैं और निकोटिन उन्हें ब्लॉक करता है, और वे अलग हो जाते हैं."

वेबसाइट वाइस ने एक रिपोर्ट में कहा कि न्यूयॉर्क जैसी जगहों के प्रारंभिक आंकड़ों में धूम्रपान करने वालों के बीच अस्पताल में भर्ती होने की दर कम पाई गई है. हालांकि साथ ही ये भी बताया गया है कि स्टडी की अभी समीक्षा नहीं हुई है.

क्या कहता है WHO?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सीडीसी ने भी धूम्रपान करने वालों को चेतावनी दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि धूम्रपान करने वालों और तम्बाकू सेवन करने वालों को COVID -19 का अधिक खतरा होता है. "धूम्रपान करने वालों की COVID -19 से असुरक्षित होने की संभावना ज्यादा है क्योंकि धूम्रपान करने का मतलब है - हाथ से मुंह तक का संपर्क जिससे वायरस के संक्रमण की संभावना बढ़ती है. धूम्रपान करने वालों को पहले से ही फेफड़े की बीमारी हो सकती है या फेफड़ों की क्षमता कम हो सकती है जो गंभीर बीमारी के खतरे को बढ़ा देगा."

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि धूम्रपान आपको COVID-19 से मौत के लिए उच्च जोखिम में डाल सकता है. 12 फरवरी और 2 मार्च के बीच सभी 50 राज्यों और 4 अमेरिकी टेरिटरी में पुष्टि किए गए मामलों के आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद सीडीसी इस निष्कर्ष पर पहुंचा.

वहीं, मैक्स अस्पताल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. नवीन किशोर के मुताबिक धूम्रपान फेफड़ों पर असर डालने के अलावा कई अन्य तरीकों से भी स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. इससे इम्युनिटी सिस्टम पर असर पड़ता है.

वो कहते हैं, "युवा धूम्रपान करने वाले और धूम्रपान न करने वाले बुजुर्गों में COVID-19 के जोखिम का स्तर समान होता है. फेफड़े पर असर डालने के साथ, धूम्रपान करने वालों को किसी बीमारी से पीड़ित होने का खतरा अधिक होता है."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 08 May 2020,06:09 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT