गर्मी का मौसम है. तापमान बढ़ रहा है, पसीने की चिपचिपाहट बनी रहती है, ऐसे में हमारी त्वचा निश्चित रूप से हमारी त्वचा की चमक गायब होने लगती है. सनबर्न, धूप की वजह से रैशेज, जिद्दी एलर्जी- गर्मियां अपने साथ ये मौसमी त्वचा की समस्याएं लेकर आती हैं.
लेकिन परेशान न हों, इससे निपटने के लिए हमारे पास कुछ टिप्स हैं. थोड़ी सी सावधानी बरतकर आप गर्मियों में अपनी त्वचा से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर रख सकते हैं. हम आपको सबसे कॉमन त्वचा की समस्याएं के बारे में बताने जा रहे हैं.
गर्मियों में त्वचा की कई समस्याओं में सनबर्न शायद सबसे आम है. धूप में कदम रखने और बाहर समय बिताने से आप भूने हुए आलू की तरह लग सकते हैं, सचमुच! सनबर्न खुजली पैदा कर सकते हैं और अक्सर दर्दनाक होते हैं.
ये छोटे, लाल चकत्ते के रूप में शरीर पर कहीं भी हो सकते हैं. लंबे समय तक गर्मी, धूप के संपर्क में रहने के कारण चेहरे, गर्दन, छाती और पीठ पर ये ज्यादातर देखे जा सकते हैं.
गर्मी के महीनों में ज्यादा पसीने से घमौरियां शुरू हो जाती हैं. त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा पसीने से मृत त्वचा और बैक्टीरिया पसीने की ग्रंथियों(Sweat glands) को ब्लॉक कर देते हैं, जिससे त्वचा के नीचे पसीना रह जाता है, जिससे खुजली और दर्द होता है.
हल्के कैलमाइन लोशन और एलोवेरा घमौरियों में राहत पहुंचा सकते हैं.
फॉलिकलाइटिस एक सामान्य त्वचा की स्थिति है जो बैक्टीरिया या फंगल संक्रमण के कारण होती है. इससे त्वचा में सूजन हो जाती है और प्रभावित जगह पर लाल, खुजली वाले फोड़े हो जाते हैं. गर्मी में पसीना ज्यादा आने से ये समस्या और बढ़ जाती है. पसीने से लथपथ कपड़े बिलकुल न पहनें.
आप जब चलते हैं तो आपके जांघों के बीच टकराव होता है. लगातार रगड़ की वजह से त्वचा के छिल जाने का खतरा बना रहता है. ज्यादा तेज या ज्यादा देर तक त्वचा के रगड़ने से त्वचा छिल जाना एक आम बात हो जाती है. ये छिली हुई त्वचा जब पसीने के संपर्क में आती है तो और भी दर्दनाक हो जाती है और जलने लगती है.
जिन लोगों की त्वचा तैलीय होती है उन्हें गर्मियों में मुंहासे होने का खतरा अधिक होता है. इसके लिए क्रीम आती हैं. लेकिन मुंहासे कई तरह से और कई कारण से हो सकते हैं. हार्मोन में असंतुलन, खान-पान में बदलाव (जैसे समय पर खाना न खाना) और जीवनशैली के पैटर्न से भी मुंहासे हो सकते हैं और ऐसे मामलों में क्रीम बहुत प्रभावी ढंग से काम नहीं करेंगी.
डॉ ईशा सिंह गर्मी के महीनों के दौरान अल्कोहल फ्री टोनर का इस्तेमाल करने का सुझाव देती हैं. सनस्क्रीन से हर त्वचा की समस्या से बचाव नहीं हो सकता इसलिए इसके ज्यादा इस्तेमाल से भी बचना चाहिए.
सनस्क्रीन जरूरी सुरक्षा का सिर्फ 20-30% प्रदान करता है. बहुत अधिक सनस्क्रीन का इस्तेमाल कभी-कभी मुंहासे का कारण बन सकता है.
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