हाल ही में, एक्टर दिलीप जोशी ने, जिन्हें लोग 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' सीरीयल में जेठालाल का किरदार निभाते देखते हैं, अपनी बेटी नियति की शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाली. तस्वीरों में दुल्हन नियति की एक बात ने देखने वालों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. सर से पाँव तक पारंपरिक दुल्हन की तरह सजी नियति ने अपने सफ़ेद बालों को पूरे आत्मविश्वास के साथ दुनिया को दिखाया. ज़्यादातर लोगों के लिए बालों का सफ़ेद होना चिंता का विषय बन जाता है, वहीं कुछ लोग नियति जैसे भी हैं, जिन्हें ज़रा भी फ़र्क नहीं पड़ता.
तो चलिए, आज के इस लेख में विशेषज्ञों के साथ चर्चा करते हैं, सफ़ेद बालों के बारे में. जानें समय से पहले बाल सफ़ेद क्यों होते हैं, उसके कारण और बचाव के उपाय क्या हैं.
बालों के फॉलिकल्स (Follicles) में मेलानिन (Melanin) पिगमेंट का कम बनना भी इसका कारण हो सकता है. इसके अलावा कई अन्य वजहों के कारण समय से पहले कुछ लोगों में बाल सफेद होने की बात सामने आयी है. जैसे कि,
आनुवंशिक समस्या
मानसिक तनाव
वर्क लोड
खराब लाइफस्टाइल
प्रदूषण
हार्मोंस में बदलाव
धूप में ज़्यादा समय रहना
फ़िट हिंदी ने डॉ कशिश कालरा, हेड ओफ़ डिपार्टमेंट एंड कन्सल्टंट डर्मेटोलॉजी, मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, साकेत से बातचीत की. डॉक्टर कालरा ने कहा "समय से पहले बाल सफ़ेद होने का मतलब है 18 साल की उम्र से पहले बालों में सफ़ेदी आना. 18-20 साल की उम्र के बाद अगर ऐसा होता है, तो उसे बीमारी नहीं मानते हैं. वह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. यह समस्या स्त्रियों और पुरुषों में सामान्य रूप से देखी जा सकती है."
डॉ मंजुल अग्रवाल, सीनियर कन्सल्टंट डर्मेटोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग ने फ़िट हिंदी को बताया "ज़रूरी पौषक तत्वों की कमी बहुत बड़ा कारण है, बालों के जल्दी सफ़ेद और कमज़ोर होने का. अगर किसी बच्चे में प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन बी 12, आयरन या दूसरे ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी है, तो वो एक समस्या बन कर सामने आती है. थायराइड की वजह से भी ये दिक़्क़त सामने आती है. कुछ ऐसी दवाइयाँ हैं ख़ास कर कैंसर की, जिनकी वजह से ये समस्या कभी-कभी उत्पन्न हो जाती हैं.
कम उम्र में समय से पहले सफ़ेद हो चुके बालों की वजह से कई यंग लोगों के स्ट्रेस में बढ़ोतरी और आत्मविश्वास में कमी की बात बताते हैं डॉ कालरा. उनकी सलाह में ऐसे लोगों को डर्मेटोलॉजिस्ट से मिल कर सलाह लेनी चाहिए क्योंकि एक उम्र सीमा तक इसका इलाज शायद सम्भव हो सके, पर उसके बाद कुछ ख़ास फ़ायदा नहीं होता.
डॉ कालरा ने बालों को रंगने में इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल से भी सावधान रहने की सलाह दी है. ख़ास कर अमोनिया और पैराफेनिलेनेडियमिन नाम के केमिकलस से. उन्होंने कहा "अगर कुछ लगाना ही है, तो हरी मेहंदी लगाए क्योंकि वो नुक़सान नहीं पहुँचता."
सफ़ेद बालों की समस्या से बचाव के लिए डॉ मंजुल अग्रवाल ने कुछ आसान उपाय फ़िट हिंदी को बताए.
खाने-पीने में ज़रूरी पौषक तत्वों की मात्रा का ध्यान रखें और जंक फ़ूड से परहेज़ करें.
व्यायाम शरीर के हर अंग के लिए आवश्यक है. हर दिन कम से कम 45 मिनट का ब्रिस्क वॉक करें.
सोने के लिए एक निर्धारित समय को चुनें और उसका पालन करें.
ज़्यादा देर तक धूप में काम करने वाले टोपी या छाते का इस्तेमाल करें.
मानसिक तनाव को कम करने की कोशिश करें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined