सर्दी का मौसम ज्यादा खाने, ज्यादा सोने और कम चलने का समय होता है. यह हमें कसूरवार महसूस कराता है. हालांकि, सबसे अच्छी स्ट्रेटजी सिर्फ आराम करना और मजा लेना है. आयुर्वेद के अनुसार, शरीर का खुद को गर्म रखने का अपना सिस्टम है. बेशक, इसका मतलब अनहेल्दी लाइफस्टाइल की पैरवी करना नहीं है!
तापमान में गिरावट जठराग्नि को तेज करती है, जो फैट, प्रोटीन और कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फूड्स को पचाने में मदद करती है.
आयुर्वेद, प्राचीन विज्ञान पर आधारित है, जो ऐसे समय में फला-फूला, जब मानव जीवन प्रकृति से नजदीकी से जुड़ा हुआ था. इसने मौसम और लय के प्रभावों का अध्ययन किया और किसी व्यक्ति और मौसम के ऊर्जा चक्रों (दोषों) के आधार पर आहार तय किया.
मौसम के मुताबिक खान-पान और लाइफस्टाइल को लेकर स्पष्ट आयुर्वेदिक दिशा-निर्देशों का पालन करके प्राकृतिक लय और चक्रों के अनुसार इन दोषों में संतुलन कायम कर सबसे बेहतर मुमकिन सेहत हासिल की जा सकती है.
गर्म, कम मसालेदार और पके हुए फूड खाएं.
बादाम, काजू, पिश्ता, अखरोट और खजूर डाइट में शामिल करें.
हींग, तुलसी, इलायची, अजवाइन, दालचीनी, लौंग, जीरा, सौंफ, अदरक, नींबू, सरसों, जायफल, काली मिर्च और हल्दी खाने में डालें.
मूंग, काला चना और मसूर फायदेमंद हैं.
भौगोलिक क्षेत्र के हिसाब से सरसों, तिल या किसी अन्य चीज का प्राकृतिक विधि से निकाला तेल.
घी और व्हाइट बटर.
सब्जियां जैसे कि चुकंदर, गाजर, हरी सब्जियां जैसे मेथी, पालक, बथुआ, मूली और प्याज.
पपीता, केला, सेब, अनार और सपोता जैसे फल.
प्रोसेस्ड, केमिकल युक्त और पैकेज्ड फूड से बचें.
कोल्ड ड्रिंक्स, कृत्रिम पेय और आइसक्रीम से बचें.
अन्नयोग या खाना पकाने की आयुर्वेदिक कला स्वादिष्ट, तृप्त करने और सेहतमंद बनाने वाले फूड को तैयार करने में मदद करती है. खाना पकाने का तरीका आसान है और तैयारी के साथ करने पर आसान हो जाता है. एक आयुर्वेदिक मेन्यू षडरस को शामिल करने की कोशिश करती है- हर भोजन में छह स्वाद यानी मीठा, खट्टा, नमकीन, तीखा, कड़वा और कसैला.
यह सात्विक डाइट पर जोर देता है, जो पचने में आसान हो और दोषों को संतुलित रखता हो. प्राण (सार्वभौमिक जीवन-शक्ति) में सात्विक भोजन प्रचुर मात्रा में होते हैं और मुख्यतः इसमें ताजी सब्जियां और फल शामिल होते हैं.
एक आयुर्वेदिक चिकित्सक आपको आपकी बनावट और उसके हिसाब से आपकी मौसमी डाइट में शामिल किए जाने वाले फूड्स की लिस्ट दे सकता है.
आज की मशरूफ जिंदगी में, आयुर्वेदिक खाना मुश्किल लग सकता है. फिर भी, कुछ तैयारी और प्रेरणा के साथ इस पर कारगर अमल मुमकिन है. घर में तैयार खाना दुकान के बने-बनाए किसी भी खाने से बेहतर है.
पहला कदम उठाएं और इन खानों को आजमाने के लिए एक योजना बनाएं. ठंड में ठंड को भगाकर सेहतमंद और खुश रहें!
(नूपुर रूपा एक फ्रीलांस लेखिका हैं और मदर्स के लिए लाइफ कोच हैं. वे पर्यावरण, फूड, इतिहास, पेरेंटिंग और यात्रा पर लेख लिखती हैं.)
(ये लेख आपकी सामान्य जानकारी के लिए है, यहां किसी बीमारी के इलाज का दावा नहीं किया जा रहा. स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए फिट आपको डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह देता है.)
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