अमेरिकन प्रेगनेंसी एसोसिएशन के अनुसार, गर्भावस्था में हार्टबर्न यानी सीने में जलन एक आम शिकायत है और इसके कई कारण हो सकते हैं. हार्टबर्न का दिल से कोई लेना-देना नहीं है, यह छाती के केंद्र में जलन महसूस होने वाली तकलीफ़ है, जो आपको काफी परेशान कर सकता है.

हार्टबर्न और अपच की समस्याएं तीसरी ट्राइमेस्टर के दौरान देखने को मिलती हैं क्योंकि इस समय बढ़ते बच्चे के कारण पेट और आंत पर दबाव भी बढ़ जाता है.

यहां कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप गर्भावस्था के दौरान हार्टबर्न से छुटकारा पा सकती हैं.

दही

दही हार्टबर्न को दूर करता है 

(फोटो: iStockphoto)

यूएस एनआईएच के मुताबिक, हार्टबर्न को दूर करने के लिए दही सबसे अच्छा विकल्प है. इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स हार्टबर्न को शांत करने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाते हैं.

प्रोबायोटिक्स में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो आंत में म्यूकोसल बैरियर को बढ़ाते हैं और पेट और आंत में माइक्रोबियल इकोसिस्टम के संतुलन को बनाए रखते हैं. ये आंत को ठंडा करने और हार्टबर्न को बढ़ने से रोकने में भी मदद करते हैं.

दूध और शहद

अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ प्रेग्नेंसी के मुताबिक, दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेट में बनने वाला एसिड बेअसर हो सकता है, जो सीने में जलन का मुख्य कारण होता है.

हेल्थलाइन के अनुसार, हर्बल चाय या गर्म पानी के साथ एक चम्मच शहद भी प्रभावी हो सकता है. इसके अलावा, अकेले एक गिलास दूध भी पाचन में मदद करता है और हार्टबर्न को रोकता है.

अदरक

अदरक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जलन को कम कर सकता है. 

(फोटो साभार: Pixabay)

एनआईएच के अनुसार, अदरक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जलन को कम कर सकता है, सूजन को कम कर सकता है, पेट से एसिड को एसोफैगस में बहने से रोक सकता है और हार्टबर्न या एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों से छुटकारा दिला सकता है.

इसके अलावा, अदरक गर्भावस्था के दौरान मांसपेशियों में दर्द, मतली और सूजन को भी कम कर सकता है।

बादाम

हेल्थलाइन के अनुसार, कच्चे बादाम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के लक्षणों से राहत दिलाते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान आम हैं. बादाम पेट में एसिड को बेअसर कर सकता है. इसके अलावा, बादाम में मौजूद प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट के अन्य स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं.

पपीता

हार्टबर्न के लक्षणों से राहत दिलाने में मददगार

(फ़ोटो: iStock)

पपीता, पपैन नामक एंजाइम की उपस्थिति के कारण, हार्टबर्न के लक्षणों से राहत दिलाने में मददगार होता है. यूएस एनआईएच के अनुसार, कच्चे पपीते से बचा जा सकता है क्योंकि वे गर्भाशय के संकुचन का कारण बनते हैं लेकिन पके पपीते गर्भावस्था के दौरान पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं.

बाजार में कई पपीते से बने एंजाइम सप्लीमेंट मौजूद हैं, जो स्वास्थ्य स्टोर में आसानी से मिल सकते हैं.

खाने की आदतों में बदलाव

हार्टबर्न गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य जटिलताओं में से एक है और भोजन का समय, आवृत्ति और खाने की मात्रा जैसे कुछ परिवर्तन, लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं.

मेयो क्लिनिक के अनुसार, तीन बड़े मील के बजाय दिन भर में छोटे मील लेना, सोने से तीन घंटे पहले भोजन करना और भोजन के बाद तेज गति से वॉक करना, हार्टबर्न के कारण होने वाले दर्द और बेचैनी को कम करने में मदद कर सकता है.

कुछ खाद्य पदार्थों से बचें

कुछ खाद्य पदार्थ हैं, जो सामान्य रूप से, और गर्भवती महिलाओं में तो खास कर, हार्टबर्न को ट्रिगर करते हैं. इनमें मसालेदार, असिडिक, खट्टे और फैटी खाद्य पदार्थ, कैफीन आदि शामिल हैं. इन खाद्य पदार्थों को बड़ी मात्रा में लेने से बचना बेहतर है या आप अपने भोजन के एक घंटे बाद इन्हें खाएं और फ़िर वाक करें ताकि पाचन में मदद मिले.

(यह लेख केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. किसी भी उपाय को आजमाने से पहले, फ़िट हिंदी आपको एक योग्य चिकित्सा पेशेवर से परामर्श करने की सलाह देता है.)

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