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कुछ साल पहले तक हमारे देश में लोग मुश्किल से इस बात पर भरोसा कर पाते थे कि डिप्रेशन एक जानलेवा बीमारी है. उनकी नजर में उदास हो जाना क्षणिक हुआ करता था लेकिन अब डिप्रेशन को लेकर जागरूकता आई है.
राॅबिन विलियम को गुजरे करीब एक साल ही हुआ होगा. क्या आप यकीन कर पाएंगे कि दुनिया का मनोरंजन करने वाला ये शख्स डिप्रेशन से जूझ रहा था. बहुत दूर जाने की जरूरत नहीं है.
आज के समय की सबसे सफल हीरोइन दीपिका पादुकोण भी एक समय में डिप्रेशन से पीड़ित रह चुकी हैं.
कई बार ऐसा होता है कि डिप्रेशन से जूझ रहे मरीज को खुद भी इसका एहसास नहीं हो पाता है कि वो ऐसी किसी परिस्थिति में फंसता जा रहा है. कई बार पता चल जाने पर भी वो उसे छिपाने की कोशिश करा है.
डिप्रेशन पल भर की स्थिति नहीं है. ये एक लंबे वक्त तक रहने वाली समस्या है. शरीर के घाव की तरह इसे भी छिपाना खतरनाक साबित हो सकता है.
आप ही बताइए अगर आपकी उम्र 20 साल है और डिप्रेशन से जूझ रही हैं तो क्या करेंगी? हम आपकी इस परेशानी को समझते हैं और इसीलिए हम लेकर आए हैं आपके लिए कुछ सुझावः
20 साल की उम्र में हम सभी की कोई न कोई ऐसी दोस्त होती है जिससे हम सबकुछ बांटते हैं. मान लीजिए कि आप उसके पास अपनी कोई बात लेकर गई और वो आपसे कहे कि उसके साथ तो ऐसा रोज़ ही होता है. हर रोज़ उसका दिन बुरा ही जाता है.
अगर वो ऐसा कहती है तो उससे अलग हो जाने में ही बेहतरी है और कुछ ऐसे दोस्त बनाने की जरूरत है जो हर स्थिति में खुश रहना जानते हैं. आपको ऐसे लोगों से बात करने की जरूरत है जो आपको समझाते हैं.
माता-पिता से बढ़कर दूसरा कोई सहारा नहीं है. आप उनसे अपनी परेशानी साझा कर सकते हैं और अगर आपको ये लगता है कि बुजुर्ग माता-पिता ये जानकर दुखी होंगे तो जरा ये सोचिए जब आपकी तबियत ज्यादा बिगड़ जाएगी तो उन्हें कैसा लगेगा.
डिप्रेशन से बाहर आने के लिए बहुत जरूरी है कि आप उसके कारण से दूर हो जाएं. कुछ भी खत्म नहीं होता है आप अभी युवा हैं और आप इन परिस्थितियों को बहुत आसानी से संभाल सकते हैं.
अगर आप किसी ऐसे आॅफिस में काम कर रहे हैं जहां माहौल सही नहीं है तो तुरंत उसे छोड़ दें. अगर आपका रिलेशनशिप जहर बन चुका है तो उसे खत्म करना ही सही है. अपनी सोच को आगे बढ़ाइए और जीवन में आगे बढ़िए.
हममें से कितने लोग ऐसे होंगे जो वही काम करते हैं जिनसे उन्हें खुशी मिलती है? शायद बहुत ही कम लोग ऐसे होंगे जो अपनी मर्जी से जिन्दगी जीते हैं. अपने आपको ऐसा मत बनाइए कि 70 साल की उम्र में आपको ये अफसोस रह जाए कि बहुत से ऐसे काम थे जो करने थे पर नहीं किए.
माना कि आपके पास दोस्तों की कमी नहीं है और आपका परिवार आपके हर दुख-तकलीफ में आपके साथ है लेकिन सिर्फ उनके प्यार से आपकी ये समस्या दूर नहीं हो सकेगी. हो सके तो किसी डाॅक्टर या मनोचिकित्सक से सलाह लें.
20 का होने तक आपने बहुत सी यात्राएं की होंगी लेकिन इस बार अकेले घूमने का प्लान बनाइए. बचपन में आप चाचा, चाची, मामा, मामी, उनके बच्चों के साथ गए होंगे और 30 का होते-होते जीवनसाथी के साथ जाने लगेंगे.
ये वक्त दोबारा लौटकर नहीं आएगा. जहां आपका दिल करे वहां अकेले घूमने निकल जाइए. ये जि़न्दगीभर न भूलने वाला अनुभव रहेगा.
इन सभी बातों के साथ एक जरूरी बात ये कि जब आप डिप्रेशन से गुजर रही हो तो भी ये याद रखें कि आप अकेली नहीं हैं.
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