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गुस्सा क्यों आता है? जानिए गुस्से पर कैसे करें कंट्रोल

आपकी जो ऊर्जा गुस्से में बर्बाद हो जाती है, उसे किसी दूसरे काम में लगा सकते हैं.

फ़ातिमा फ़रहीन
फिट
Updated:
अगर गुस्सा आता है, तो इस पर कंट्रोल कैसे किया जा सकता है?
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अगर गुस्सा आता है, तो इस पर कंट्रोल कैसे किया जा सकता है?
(फोटो:iStock)

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गुस्सा, चिढ़ और झुंझलाहट दौड़-भाग वाली हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं. किसी पर चिल्ला देना, चीखना, थप्पड़ मार देना या गुस्से में कोई सामान तोड़ देना.

गुस्सा इस हद तक पहुंच सकता है कि कोई गुस्से में किसी की जान भी ले ले. आपने भी ऐसी तमाम खबरें पढ़ी होंगी, जिसमें गुस्से में किसी ने खुद को नुकसान पहुंचाया हो या सामने वाले पर हमला कर दिया हो.

कभी गौर किया है कि असल में हमें गुस्सा आता क्यों है? अगर गुस्सा आता है, तो इस पर कंट्रोल कैसे किया जा सकता है?

इस बात को समझने के लिए फिट हिंदी ने मैक्स हॉस्पिटल में मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और बिहेवियरल साइंस के डॉ समीर मल्होत्रा से बात की.

डॉ मल्होत्रा गुस्से को एक तरह का इमोशन बताते हैं, वो कहते हैं कि एक हद तक ये हमारे रक्षक की तरह भी होता है, गुस्सा हमारे सर्वाइवल व्यवहार का नतीजा होता है.

जब हम अपने अचेतन मन यानी अन्कांशस माइंड की बात करते हैं, तो हम अपने छिपे हुए व्यवहार की भी बात करते हैं, उसमें सर्वाइवल व्यवहार भी शामिल है, जिसमें गुस्से की भी एक जगह है. अगर हमें गुस्सा ना आए, तो हम अपने आप को बचा नहीं पाएंगे.
डॉ समीर मल्होत्रा, मैक्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली

गुस्सा आने का क्या कारण है?

डॉ समीर कहते हैं कि गुस्से का केवल एक कारण नहीं है. इसके कई कारण हो सकते हैं, जो गंभीर भी हो सकते हैं, जैसे:

  • डोपामाइन का रोल- ये एक रसायन है, जब ब्रेन में डोपामाइन बहुत ज्यादा मात्रा में हो जाता है, खासतौर पर लिम्बिक सिस्टम में तो वो भी गुस्सा अधिक आने की वजह बन सकता है.
  • मेनिया या उन्माद- ये एक मानसिक बीमारी है, जिसमें तेजी बहुत अधिक रहती है, इसमें भी बहुत गुस्सा आने लगता है.
  • स्किजोफ्रेनिया- इस बीमारी में शक करने वाले लक्षण होते हैं. पूरी दुनिया दुश्मन की तरह लगती है, जिसकी वजह से बहुत गुस्सा आ सकता है.
  • नशा- नशा करने वाले लोगों को भी रासायनिक फेर-बदल होने की वजह से बहुत गुस्सा आता है.
  • घबराहट- जब आपको घबराहट बहुत अधिक होती है और कंट्रोल से बाहर हो जाती है, तो आप असहाय महसूस करने लगते हैं, तो आपको गुस्सा आने लगता है.
  • जब दूसरा आपके मन मुताबिक काम नहीं करता है- जब कोई आपके मन मुताबिक काम नहीं करता है, तो आपको गुस्सा आने लगता है.
  • मेल हार्मोन का डॉमिनेंस- मेल हार्मोंस टेस्टोरॉन की अधिकता भी गुस्से की वजह बन सकती है.
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लोगों के व्यक्तित्व अलग-अलग तरह के होते हैं, हर किसी के दिमाग में सूचनाओं को प्रॉसेस करने का तरीका अलग-अलग होता है. कुछ लोगों को गुस्सा बहुत जल्दी आता है और जल्दी खत्म हो जाता है. लेकिन कुछ लोगों को गुस्सा आता है, तो वो उसे जाहिर करने की बजाए अंदर ही अंदर पीते रहते हैं.

डॉ समीर कहते हैं कि बहुत अधिक गुस्सा दिल के अंदर रखना भी सही नहीं माना जाता है, ये बहुत सी बीमारियों की वजह बन सकता है.

(फोटो:iStock)

गुस्से पर ऐसे करें कंट्रोल

  • आत्म संयम- किसी भी स्थिति को जंग का मैदान ना बनने दें या फिर करने या मरने वाली स्थिति पैदा ना कर दें.
  • मन को शांत रखने के तरीके अपनाएं- मन को शांत रखने के कई तरीके बताए जाते हैं, जिसमें मेडिटेशन और योग भी शामिल है.
(फोटो: iStockphoto)
  • पानी पीएं - गुस्सा आए तो तुरंत ठंडा पानी पी लें. अप्रैल, 2014 में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक हमारे पानी के सेवन का सीधा संबंध हमारे मूड से होता है.
  • जल्दबाजी से बचने के लिए समय पर अपना काम करें.
  • जगह बदल लें- जिस जगह गुस्सा आ रहा है, वहां से हट जाएं.
  • उल्टी गिनती गिनें- गुस्से वाली बात से ध्यान हटाने के लिए उल्टी गिनती गिनना गुस्सा कंट्रोल करने का एक तरीका है.
(फोटो: iStockphoto)
  • क्रिएटिव तरीका अपनाएं- क्रिएटिव तरीके से गुस्सा खत्म करें, डांस करके, गाना गाकर, पेंटिग करके गुस्से को कंट्रोल किया जा सकता है. कुछ लोग तो गुस्से में घर का काम करने लगते हैं. उसे एनर्जी ट्रांसफर करना कह सकते हैं, आपकी जो ऊर्जा गुस्से में जाती है, उसे किसी दूसरे काम में लगा सकते हैं.
गुस्सा कंट्रोल करने के लिए क्रिएटिव तरीका अपनाना एक तरह की थेरेपी हो सकती है.
डॉ समीर मल्होत्रा
(फोटो: iStockphoto)
  • एक-दूसरे की बात सुनें - सामने वाला अगर कोई बात कह रहा है, जरूरी नहीं कि उसको मानना है या उस पर सहमत होना है, लेकिन उसकी बात को सुन लेने से आपसी तकरार कम होती है और जब आप अपनी बात कहें, तो सामने वाला भी सुन ले.

गुस्से के संकेतों पर दें ध्यान

  • गुस्से के लक्षण को पहचानें- जब गुस्सा आने वाला होता है, तो आपका शरीर आपको सिग्नल देता है, जैसे दिल की धड़कन तेज हो जाती है, आप कांपने लगते हैं, सांसें तेज-तेज चलने लगती हैं. डॉ समीर कहते हैं कि उस समय आप वो काम करें, जिससे आपका ध्यान उस बात से हट जाए.

अगर किसी को बहुत अधिक गुस्सा आता है, तो डॉक्टर्स एंगर मैनेजमेंट क्लास या काउंसलिंग के लिए भी कहते हैं.

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Published: 27 Feb 2019,04:04 PM IST

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