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एसिड पीड़ित को तुरंत फर्स्ट एड कैसे दें?जानिए तरीके

अकेले भारत में साल 2015 में एसिड अटैक के कुल 249 मामले दर्ज किए गए

आशा रितु
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साल 2015 में भारत में एसिड अटैक के कुल 249 मामले दर्ज किए गए
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साल 2015 में भारत में एसिड अटैक के कुल 249 मामले दर्ज किए गए
(फोटो: Liju Joseph/The Quint)

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हाल ही में उत्तर प्रदेश में 35 साल की एक महिला पर पिछले 6 साल में 4 बार एसिड हमला किया गया. वहीं, लंदन में दो युवाओं को गिरफ्तार किया गया जिन्होंने 90 मिनट के अंदर 5 लोगों पर एसिड अटैक किया था.

एसिड सरवाइवर फाउंडेशन इंडिया (ASFI) के मुताबिक अकेले भारत में साल 2015 में एसिड अटैक के कुल 249 मामले दर्ज किए गए.

ऐसी दुनिया में जहां एसिड अटैक घिनौने अपराधों की लिस्ट में सबसे ऊपर है, वहां ये जानना बहुत जरूरी है कि एसिड अटैक के पीड़ित को कैसे फर्स्ट एड दिया जाए.

याद रखें: इस तरह का हमला होने पर जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए, ताकि नुकसान कम हो.

तो जब तक मेडिकल मदद नहीं आती, उससे पहले क्या करना चाहिए कि जिससे पीड़ित को थोड़ी राहत मिल सके. आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए कि एसिड को फैलने से रोका जाए.

अगर पैरों या हाथों पर एसिड पड़ता है तो जले हुए भाग पर ज्यादा से ज्यादा पानी छिड़कें. तब तक छिड़किए जब तक कैमिकल फैलना और जलना रुक नहीं जाता. हालांकि, जलन कम होने में करीब एक घंटे का वक्त लग सकता है. सिर्फ साफ पानी का ही इस्तेमाल करें क्योंकि गंदे पानी से जलन और बढ़ जाएगी. पानी एसिड के प्रभाव को कम करता है.

जो व्यक्ति पीड़ित की मदद कर रहा है, उसे सुरक्षा के लिहाज से थोड़ी दूरी बनाए रखना चाहिए ताकि छीटें उसके ऊपर न पड़ जाएं. इस बात का भी ध्यान रखें कि जमीन पर आसपास एसिड न पड़ा हो जिससे दूसरों को नुकसान हो जाए.

द क्विंट से बात करते हुए इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कॉस्मेटिक और प्लास्टिक सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया

एसिड में ज्यादातर सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड का इस्तेमाल होता है. पानी एसिड के प्रभाव को भले ही कम करता है, लेकिन ये फिर भी नुकसानदेह है. इसलिए एसिड अटैक के पीड़ित की मदद करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए.

जब चेहरे पर एसिड पड़ा हो खासतौर पर आखों में, तब डॉ. कुलदीप उस भाग को डाइफोटेरीन से धोने की सलाह देते हैं. इससे आखें घातक नुकसान से बच जाएंगी.

डाइफोटेरीन एक बफर सोल्युशन है जो एसिड और एल्कली को बेअसर करता है. अगर आखों में एसिड चला गया है तो आंखे बचाने के लिए एक घंटे के अंदर डाइफोटेरीन से आखें धोनी चाहिए.
डॉ. कुलदीप सिंह

डॉ. कुलदीप के मुताबिक:

  • एसिड से जले हुए भाग को गीले कपड़े से नहीं पोछना चाहिए, इससे घाव और गहरा हो जाएगा.
  • जले हुए भाग पर कुछ भी न लगाएं. न लोशन, न मलहम, न पाउडर कुछ भी नहीं. ये सब सिर्फ मेडिकल सुपरविजन में लगाया जाना चाहिए.
  • कोशिश करें और ऐसे कपड़े और या किसी प्रकार के गहने को उतार दें जिस पर एसिड लग गया हो.
  • जब आप पीड़ित को फर्स्ट एड दे रहे हैं तो उस समय किसी और को जल्द से जल्द एंबुलेंस बुलाने के लिए कह दें.

पीड़ित को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में पहुंचाना चाहिए. एसिड हमले के पीड़ित को घातक नुकसान से बचाने के लिए मेडिकल प्रोफेशनल्स से ही इलाज कराना चाहिए, जिससे वह घातक विरुपता से बच जाए.
डॉ. कुलदीप सिंह

ये याद रखना चाहिए कि ये पूरा समाधान नहीं है. ऐसे मामले में आप सिर्फ फर्स्ट एड दे रहे होते हैं जब तक मेडिकल मदद नहीं जा जाती है.

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Published: 17 Jul 2017,11:00 PM IST

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