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हाल ही में उत्तर प्रदेश में 35 साल की एक महिला पर पिछले 6 साल में 4 बार एसिड हमला किया गया. वहीं, लंदन में दो युवाओं को गिरफ्तार किया गया जिन्होंने 90 मिनट के अंदर 5 लोगों पर एसिड अटैक किया था.
एसिड सरवाइवर फाउंडेशन इंडिया (ASFI) के मुताबिक अकेले भारत में साल 2015 में एसिड अटैक के कुल 249 मामले दर्ज किए गए.
ऐसी दुनिया में जहां एसिड अटैक घिनौने अपराधों की लिस्ट में सबसे ऊपर है, वहां ये जानना बहुत जरूरी है कि एसिड अटैक के पीड़ित को कैसे फर्स्ट एड दिया जाए.
याद रखें: इस तरह का हमला होने पर जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए, ताकि नुकसान कम हो.
तो जब तक मेडिकल मदद नहीं आती, उससे पहले क्या करना चाहिए कि जिससे पीड़ित को थोड़ी राहत मिल सके. आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए कि एसिड को फैलने से रोका जाए.
अगर पैरों या हाथों पर एसिड पड़ता है तो जले हुए भाग पर ज्यादा से ज्यादा पानी छिड़कें. तब तक छिड़किए जब तक कैमिकल फैलना और जलना रुक नहीं जाता. हालांकि, जलन कम होने में करीब एक घंटे का वक्त लग सकता है. सिर्फ साफ पानी का ही इस्तेमाल करें क्योंकि गंदे पानी से जलन और बढ़ जाएगी. पानी एसिड के प्रभाव को कम करता है.
जो व्यक्ति पीड़ित की मदद कर रहा है, उसे सुरक्षा के लिहाज से थोड़ी दूरी बनाए रखना चाहिए ताकि छीटें उसके ऊपर न पड़ जाएं. इस बात का भी ध्यान रखें कि जमीन पर आसपास एसिड न पड़ा हो जिससे दूसरों को नुकसान हो जाए.
द क्विंट से बात करते हुए इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कॉस्मेटिक और प्लास्टिक सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया
जब चेहरे पर एसिड पड़ा हो खासतौर पर आखों में, तब डॉ. कुलदीप उस भाग को डाइफोटेरीन से धोने की सलाह देते हैं. इससे आखें घातक नुकसान से बच जाएंगी.
डॉ. कुलदीप के मुताबिक:
ये याद रखना चाहिए कि ये पूरा समाधान नहीं है. ऐसे मामले में आप सिर्फ फर्स्ट एड दे रहे होते हैं जब तक मेडिकल मदद नहीं जा जाती है.
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