advertisement
हमारे शरीर में सात चक्र होते हैं, जिनके नाम हैं मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर , अनाहत, विशुद्धि, आज्ञा और सहस्रार चक्र. जीवित प्राणी में ऊर्जा मूलाधार चक्र से सहस्रार चक्र की ओर ऊपर की दिशा में प्रवाहित होती है.
अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण सहस्रार चक्र की ओर प्रवाहित होने वाली ऊर्जा बाधित हो जाती है. यह शरीर के विभिन्न अंगों में ऊर्जा में अवरोध पैदा कर देता है. इससे आपकी शारीरिक बनावट और व्यवहार में बदलाव आ जाता है, जो जीवन में परेशानियां पैदा करता है, यानी आगे के करियर पर अचानक रोक लग जाती है.
ध्यान लगाने से ऊर्जा प्रवाह पर बढ़ रहे नियंत्रण को स्थिर करने, विचार प्रक्रिया में अनुकूलन, ऊर्जा में आने वाले अवरोध को दूर करने और चक्रों को संतुलित करने में मदद मिल सकती है.
सिद्धासन ध्यान लगाने में सहायता करता है. रोजाना ध्यान लगाना ऊपरी दिशा में ऊर्जा प्रवाह को सुगम बना देता है.
पैर आगे की ओर करके बैठ जाएं. धीरे-धीरे अपना दायां पैर मोड़ें और एड़ी को नितम्ब संधि (हिप ज्वाइंट) के नजदीक लाएं. बायां पैर मोड़ें, पंजों को दाएं पैर की पिंडली और जांघों के बीच रखें. साथ ही एड़ी को दाएं पैर की एड़ी पर रखें.
अगर आप बायें पैर को इस तरह रखने में दिक्कत महसूस करते हैं, तो इसे केवल सीधे पैर के टखने के सामने रखें.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)