advertisement
क्या आप जानते है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक मिर्च का उत्पादन करने वाले देशों की लिस्ट में नंबर एक पर है. शर्त लगा लें, आप नहीं जानते होंगे. और शायद आपने स्थानीय हरी मिर्च, जो आपके आसपास सब्जी वाले बेचते हैं, उनके अलावा किसी दूसरे तरह की मिर्च देखी भी न हो.
हमारे देश में कई तरह के मिर्च पाए जाते हैं. कुछ मिर्ची बहुत ज्यादा तीखी होती हैं, तो कुछ हल्की तीखी. यहां हम आपको चार तरह के मिर्चों के बारे में बता रहे हैं, जो अपने-अपने राज्यों में बेहद प्रचलित हैं और जिनका निर्यात दुनिया भर में किया जाता है.
कर्नाटक के कुर्ग में हाल ही में मैंने स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय बारबेक्यूड पोर्क का स्वाद लिया. इसमें पिसी हुई परांगी मलू मिर्च और नींबू का रस मिलाया गया था. यह कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है, लेकिन ये बहुत ही स्वादिष्ट था. ये व्यंजन इस मिर्च के वजह से ही इतना लजीज था.
रोचक तथ्यः यह शानदार लाल और छोटी मिर्च को उगाया नहीं जाता, यह अपने आप उग जाती है. स्थानीय लोग खाना पकाने में इसका खूब इस्तेमाल करते हैं. पांडी करी (कुर्ग पोर्क करी) सबसे लोकप्रिय डिश है, जो इस मिर्च से बनाई जाती है.
हैदराबाद न सिर्फ अपने मोतियों बल्कि अपनी मिर्च के लिए भी मशहूर है. गुंटूर क्षेत्र वास्तव में देश में मिर्च उत्पादन वाला सबसे बड़ा क्षेत्र है. यहां कई प्रकार की गुंटूर मिर्च होती हैं. इनमें एस 10 (ज्यादा तीखी नहीं), 334 (बहुत तीखी), तेजा और सबसे मशहूर सन्नम एस 4 (पतली सबसे अधिक तीखी मिर्च) शामिल है.
कोडी वेपाडू एक मसालेदार चिकन फ्राई है, एक कॉमन डिश है जो इस मिर्च से बनाई जाती है. ऐसे ही नाटी कोडी कूरा, एक आंध्र चिकन करी है जो नारियल, खसखस और गुंटूर सन्नम को मिलाकर बनाई जाती है. और एक जो मैंने अपनी पिछली हैदराबाद यात्रा के दौरान खाया था, चेपा पुलुसू, इमली वाली फिश करी. वो बहुत तीखी डिश थी.
रोचक तथ्यः गुंटूर मिर्च दुनियाभर में निर्यात की जाती है. यह भारत के कुल मिर्च निर्यात का लगभग 30 प्रतिशत है. दिल्ली में आमतौर पर तेजा मिर्जी खाई जाती है.
यह मिर्च नागपुर के बहुत छोटे क्षेत्र भिवापुर से आती है. इस मिर्च को इसके संतुलित तीखेपन के कारण पसंद किया जाता है. इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है. इसको खाने से मुंह में जलन भी नहीं होती है.
साओजी कुजीन (स्थानीय व्यंजन) में शाकाहारी व्यंजनों की तुलना में भिवापुर मिर्च का अधिक प्रयोग किया जाता है. वास्तव में साओजी चिकन करी (नागपुर का एक बहुत तीखा और स्वादिष्ट व्यंजन ) इस क्षेत्र का कल्ट है. इसे सबसे तीखे व्यंजनों में से एक माना जाता है.
यह मिर्च तीखी होने के बावजूद जाहिर तौर पर पेट में गड़बड़ नहीं करती है. वास्तव में यह एसिडिटी और बदहजमी दूर करने में मददगार मानी जाती है.
रोचक तथ्यः यह मिर्च नागपुर से बाहर ज्यादा नहीं पाई जाती है क्योंकि इसकी अधिकतर खपत स्थानीय क्षेत्र में ही हो जाती है.
यह भारत की सबसे मारक यानी तीखी मिर्च है. इसे भूत मिर्च भी कहते है. मैं इसे पहले से जानती हूं क्योंकि जब मैं असम में थी तो मैंने देखा था कि इस मिर्च को सीधे खाने में नहीं डाला जाता है. इसमें सरसों तेल, थोड़ा सा नमक मिलाकर चुटकी भर खाने में डाला जाता है. मुझे तीखा भूत मिर्च सालसा और अचार भी काफी अच्छा लगा, जिसे मैंने गुवाहाटी में चखा था.
रोचक तथ्यः मिर्चों का मूल्यांकन उनकी स्कोविले रेटिंग से किया जाता है. सामान्य मिर्च जो हम खाते हैं, उसकी स्कोविले रेटिंग 10 हजार होती है. वहीं भूत झोलोकिया की स्कोविले रेटिंग 10 लाख है.
(दिल्ली की कविता देवगन एक न्यूट्रिशियनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. इन्होंने ‘Don't Diet! 50 Habits of Thin People (Jaico)’ किताब लिखी है. इनकी अगली किताब ‘Ultimate Grandmother Hacks: 50 Kickass Traditional Habits for a Fitter You (Rupa) सितंबर में आने वाली है.)
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)