मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019फल-सब्जियों के इस्तेमाल में पिछड़े हैं भारतीय

फल-सब्जियों के इस्तेमाल में पिछड़े हैं भारतीय

फल-सब्जियों का ज्यादा सेवन करने वाले हड्डियों की परेशानी से 42% तक बचे रहते हैं

द क्विंट
फिट
Published:
देश भर में हुई स्टडी में फल-सब्जियों के इस्तेमाल पर चौंकाने वाले आंकड़े
i
देश भर में हुई स्टडी में फल-सब्जियों के इस्तेमाल पर चौंकाने वाले आंकड़े
फोटो: iStock

advertisement

शहरों में पोषक आहार को लेकर हाल ही में हुई एक स्टडी में पाया गया कि भारतीय, फलों और सब्जियों में मौजूद कई तरह की वैरायटी के पौष्टिक और जरूरी विटामिन की बहुत कम खुराक लेते हैं.

स्टडी में सामने आए आंकड़े बताते हैं कि हरी पत्तेदार सब्जियों की जिस मात्रा की सिफारिश की जाती है, वह प्रति व्यक्ति 40 ग्राम प्रतिदिन है. जबकि देश में इसका औसत आंकड़ा प्रति व्यक्ति केवल 24 ग्राम ही है. अनाज और बाजरा का औसत 320 ग्राम प्रतिदिन पाया गया है. वहीं दालों और फलियों का सेवन 42 ग्राम प्रतिदिन देखा गया.
फलों और सब्जियों का ज्यादा सेवन करने वाले हड्डियों की परेशानी से 42% तक बचे रहते हैं( फोटो:Brent Lewin/Bloomberg)

स्टडी में कहा गया है जो लोग फलों और सब्जियों का ज्यादा सेवन करते हैं, वो हड्डियों की परेशानी से 42 प्रतिशत तक बचे रहते हैं. बहुत सारे फल और सब्जियां खाने, नमक पर कंट्रोल रखने, वेट कंट्रोल बनाए रखने और संतुलित आहार लेने से हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है. साथ ही टाइप 2 डायबिटीज से बचने की संभावना भी बढ़ जाती है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के. के. अग्रवाल और आईएमए के मानद महासचिव डॉ. आर. एन. टंडन ने एक संयुक्त बयान में कहा,

गैर-संचारी रोगों की एक वजह ये है कि लोग अनहेल्दी डाइट लेते हैं जिसमें फलों और सब्जियों की कमी रहती है. भारत में गैर-संचारी रोगों और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का बोलबाला है. अनहेल्दी डाइट मोटापे, हाई बल्डप्रेशर, ब्लड शुगर और ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाती है.
रिसर्च के मुताबिक, भारतीय रोज अपनी कुल ऊर्जा का 30% फैट से लेते हैं(फोटो: iStock)

रिसर्च के मुताबिक भारतीय अपनी एनर्जी का 30 परसेंट हिस्सा फैट से लेते हैं और पिछली पीढ़ियों की तुलना में आहार में फाइबर की आधी मात्रा का ही इस्तेमाल करता है. भारतीयों में काफी हद तक चेतावनी के संकेतों को अनदेखा करने की आदत होती है.

डॉ. अग्रवाल ने कहा, "हम धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो रहे हैं. बिजी लाइफस्टाइल, लंबे समय तक काम करना, जीवन में तेजी से नेगेटिव बदलाव ला रहे हैं. स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग पहले से तैयार नाश्ता खाने के ऑप्शन खोजते हैं और अक्सर दिन की जरूरी डाइट छोड़ देते हैं.
उन्होंने कहा, "फलों और सब्जियों को रोज थोड़ा-थोड़ा कर पांच बार खाना चाहिए."

( इनपुट:IANS )

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT