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आपकी सेहत के लिए एक अच्छी खबर है. जल्दी ही पोलियो ड्रॉप, ग्लूकोज, प्लाज्मा सैशे, हारमोनल इंजेक्शन और मल्टी विटामिन जैसी 500 से भी ज्यादा दवाइयों के दाम 80 फीसदी तक कम होने के आसार हैं. केंद्र सरकार इन दवाइयों में इस्तेमाल होने वाली 350 जीवनरक्षक दवाइयों (ड्रग फॉर्मूलेशन्स) को राष्ट्रीय सूची में शामिल करने जा रही है. इसके बाद ये 350 अहम दवाइयां सस्ती हो जाएंगी.
भारत में दवाओं के दाम तय करने वाली इकाईयों का विस्तार होने जा रहा है. इनके दायरे के विस्तार का मकसद उन दवाओं के आंकड़ों को शामिल करना है जो अब तक दर्ज नहीं थे. इन 350 मूल दवाओं का सरकार के पास कोई मार्केट डाटा नहीं है.
केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह प्रावधान अगले 15 दिनों में लागू कर दिया जाएगा. भारत में फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को फार्मास्यूटिकल डिर्पाटमेंट नियंत्रित करता है, जोकि मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल्स, पेट्रोकेमिकल्स और फर्टिलाइजर्स के अंर्तगत आता है. एनपीपीए अस्पतालों में कम उपयोग की जाने वाली लेकिन जरुरी दवाओं का डाटा इकट्ठा करेगी.
फिलहाल एनपीपीए ड्रग प्राइस कंट्रोल आॅर्डर (2013) के तहत काम करता है. वह बाजार में एक ही दवा की कई कीमतों के औसत के हिसाब से जरुरी दवाओं की कीमत निर्धारित करता है. एनपीपीए केमिस्टों से इसके लिए आंकड़ें इकट्ठा करता है.
एनपीपीए मौजूदा समय में 900 फॅार्मूलेशन की कीमत को नियंत्रित करता है. अबतक 368 एक्स्ट्रा फॅार्मूलेशन का अधिकतम खुदरा मूल्य तय किया गया है.
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