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इन्वर्टेड निपल एक ऐसी कंडिशन है, जिसमें निपल बाहर की बजाए ब्रेस्ट पर अंदर की ओर (धंसे हए) होते हैं. ये बेहद आम कंडिशन है, जो हर 30 में से करीब 1 महिला में होता है. इन्वर्टेड निपल के कारण ब्रेस्ट फीड कराना मुश्किल या फिर नामुमकिन हो सकता है.
इससे अक्सर दोनों स्तन प्रभावित होते हैं, लेकिन कुछ रोगियों में केवल एक तरफ का स्तन शामिल हो सकता है. इस समस्या की बेहतर समझ और उपलब्ध समाधान की जानकारी इसके कारण होने वाली परेशानियों से बचा सकती है.
निपल दूध नलिकाओं और मांसपेशीय कोशिकाओं से बना होता है. 'फाइब्रोसिस' के कारण ये नलिकाएं छोटी हो जाती हैं और ये असंतुलन निपल को अंदर की ओर खींचता है, भले ही मांसपेशी इसे बाहर की ओर उठाने की कोशिश कर रही हो.
लंबे समय तक की इन्वर्टेड निप्पल विकृति एक विकासात्मक विकृति है, जो गंभीर नहीं होती, लेकिन नॉर्मल निपल के अचानक इन्वर्जन पर सचेत हो जाना चाहिए और मेडिकल कंसल्टेशन जरूर लेनी चाहिए.
निपल्स इन्वर्टेड होने पर भी ब्रेस्ट फीड कराना संभव हो सकता है, लेकिन ये निपल इन्वर्जन की गंभीरता या ग्रेड पर निर्भर करता है.
इन्वर्टेड निपल्स को तीन ग्रेड में बांटा जाता है:
फ्लैट या ग्रेड 1 विकृति में बहुत कम इन्वर्जन होता है, इस कंडिशन में निपल के चारों ओर उंगली के दबाव के जरिए इसे मैन्युअल रूप से उठाया जा सकता है.
इसमें इलाज की कोई जरूरत नहीं होती है और सिंपल मैनुअल स्ट्रेचिंग और रोजाना कुछ मिनट की स्ट्रोकिंग के जरिए निपल्स को नॉर्मल पोजिशन में रखा जा सकता है.
इस तरह के निपल को पुल करने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है और दबाव हटते ही ये दोबारा अपनी स्थिति में आ जाते हैं.
निपल सक्शन डिवाइसेज से कभी-कभार मदद मिल सकती है, लेकिन ये पूरी तरह से सही नहीं हो पाता. एडवांस प्लास्टिक सर्जरी टेक्नीक से इंवर्टेड निपल का 'डक्ट स्पेयरिंग' करेक्शन संभव है.
यह गर्भवती होने से पहले या कम से कम तीसरे तिमाही से पहले किया जाना चाहिए और लोकल एनेस्थेटिक के तहत डेकेयर प्रक्रिया के रूप में भी किया जा सकता है.
टक्ड-इन या ग्रेड 3 इन्वर्टेड निपल डिफॉर्मेटी सबसे गंभीर प्रकार है, जिसमें निपल को उभारा नहीं जा सकता है. यह दूध नलिकाओं के गंभीर फाइब्रोसिस के कारण होता है. इससे पीड़ित महिलाओं के लिए ब्रेस्ट फीड कराना संभव नहीं होता.
इन्वर्टेड निपल डिफॉर्मेटी बहुत कॉमन है, ये भावनात्मक रूप से परेशान कर सकती है और ब्रेस्ट फीडिंग में मुश्किल ला सकती है. ज्यादातर मामलों में कई महिलाएं इससे अनजान होती हैं, जब तक कि वे प्रेग्नेंट न हो जाएं. हालांकि सर्जिकल करेक्शन से लॉन्ग टर्म रिजल्ट मिल सकते हैं.
(डॉ सुनील चौधरी, मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल, साकेत में सीनियर डायरेक्टर और प्लास्टिक सर्जरी के चीफ हैं.)
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Published: 02 Aug 2019,11:44 PM IST