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इस कड़कड़ाती ठंड में अगर हम अपनी गरमा-गरम रजाई के अंदर हों और जोरों से प्यास भी लगी हो तो शायद हम रजाई से बाहर निकलने की बजाए प्यासे रहना ज्यादा पसंद करेंगें.
फिर नहाना या न नहाना ये सवाल रह-रह कर सताता है. ना नहाने पर डरावने कमेंट झेलने का भय है उसे मन से निकालना इतना असान नहीं होता. लोगों के सामने ये स्वीकार करना कि अपने नहाया नही है किसी आत्महत्या से कम नहीं होता.
पर यहां कुछ ऐसी जानकारीयां है जिनसे आप सीना ठोक कर नहीं नहाने की वकालत कर सकते हैं. ज्ञानी बाबा बनकर अब सबको ज्ञान दीजिए कि नहीं नहाना सेहत और त्वचा के लिए फायदेमंद है.
हमारे शरीर को अच्छे बैक्टीरिया की हमेशा जरूरत होती है जो हमारे पेट के कीटाणुओं को खत्म करने पाचन शक्ति को बढ़ाने और हमारी त्वचा को साफ रखने में बहुत मदद करता है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के त्वचा विज्ञान डिवीजन के चीफ ने अपनी रिसर्च में बताया है कि अच्छे बैक्टीरिया अपकी त्वचा कोशिकाओं को बेहतर रखने के लिए एक एंटीबायोटिक दवा की तरह काम करते हैं. तो फिर अगर नहाएंगे तो ये बैक्टीरिया भी पानी के साथ धुल जाएंगे और अगर नहीं नहाया तो स्किन साफ रखने के लिए ये बैक्टीरिया हैं न.
हमारी शरीर की त्वचा में नमी पानी के द्वारा आती है. अब ऐसे में ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल करना उस नमी को नुकसान पहुंचा सकता है.
गरम पानी से त्वचा में रूखाई और सूखापन आ सकता है . डैमेज त्वचा में ये कीटाणु आसानी से जगह बना कर त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए सर्दियों में ज्यादा गर्म पानी इस्तेमाल करने की बजाए गुनगुना पानी इस्तेमाल करना चाहिए.
हमारे शरीर से ज्यादा कीटाणु हमारे कपड़ों में होते हैं. अगर हमें बीमारियों से अपना बचाव करना है, तो अपने कपड़ों की साफ-सफाई का ध्यान जरूर रखना चाहिए. रोजाना कपड़ों की धुलाई नहाने से ज्यादा कारगर साबित हो सकती है. पर नहाने और रोजाना शरीर की सफाई से हम बहुत सी बीमारीयों से छुटकारा पा सकते हैं.
नहाते समय बालों को रोज-रोज धोने से हमारे सिर की त्वचा रूखी हो जाती है और बाल झड़ने और टूटने की समस्या बढ़ जाती है. यह समस्या और भी गंभीर रूप ले लेती है जब हम रोजाना सिर धोने के लिए शैम्पू का इस्तमाल करते हैं.
शैम्पू का इस्तमाल करने से बालों में डैंड्रफ और एक्ने होने की संभवनाए बढ़ जाती हैं. इसलिए हमें रोजाना बाल धोने से बचना चाहिए.
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