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क्यों खास है अयंगर योग, निवेदिता जोशी से जानिए इसके फायदे

जानिए अयंगर योग क्या है, ये दूसरे योग से कैसे अलग है.

साखी चड्ढा
फिट
Updated:
अयंगर योग: निवेदिता जोशी से जानिए इसकी खासियत और फायदे
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अयंगर योग: निवेदिता जोशी से जानिए इसकी खासियत और फायदे
(फोटो: फिट)

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कैमरापर्सन: अभिषेक रंजन, मुकुल भंडारी

एडिटर: राहुल सांपुई

निवेदिता जोशी, डॉ मुरली मनोहर जोशी की बेटी दिल्ली में अयंगर योग इंस्टिट्यूट चलाती हैं, जिसका नाम योगक्षेम है. माइक्रोबायोलॉजी में मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद निवेदिता ने योग के रास्ते पर चलने का फैसला किया.

अब वो योग पढ़ाती हैं, सिखाती हैं और बहुत सारे मरीजों का इलाज भी करती हैं.

अयंगर योग क्या है, ये दूसरे योग से कैसे अलग है और इसकी मदद से उन्हें अपनी बीमारियों से कैसे मुक्ति मिली, ये बातें निवेदिता जोशी ने फिट को बताईं.

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अयंगर योग की खास बात क्या है?

85 सालों की प्रैक्टिस, प्रयोग और रिसर्च के बाद बी.के.एस अयंगर ने इसका विकास किया. अयंगर योग ऋषि पतंजलि के योग सूत्र की व्याख्या है. इसका फोकस खासकर संरेखण, सटीकता और आसन की टाइमिंग पर होता है, जो इसे योग के दूसरे स्टाइल से अलग बनाता है.

अयंगर योग की 4 मुख्य बातें

  • सीक्वन्सिंग: कौन सा आसन किस क्रम से किया जाए, ये जानना बहुत जरूरी है. अयंगर योग के हर क्लास में खास सीक्वन्स पर फोकस किया जाता है, ताकि सही तरीके से आगे बढ़ा जा सके.
  • ड्यूरेशन: किस आसन को कितनी अवधि तक करना चाहिए? हर आसन का अपना जेस्टेशन पीरियड होता है. जैसे आप जब किसी बच्चे को जन्म देते हैं, उसका जेस्टेशन पीरियड 9 महीना होता है. इसी तरह हर आसन अपने जेस्टेशन पीरियड के बाद स्पष्ट होता है. हर आसन की अलग टाइमिंग होती है.
  • इम्प्रोविजेशन: अयंगर योग की खूबी है कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसके कारण कोई शख्स योग न कर सके. हर आसन, पोज या एक्सरसाइज को किसी भी शख्स की जरूरत के मुताबिक ढाला जा सकता है.
  • प्रॉप्स: इसमें रस्सी, ईंट और कई तरह के चेयर जैसे कुछ ऐसे प्रॉप्स तैयार किए गए हैं, जिससे कोई भी किसी भी तरह की चोट के बावजूद आसन कर सकता है और उसके फायदे पा सकता है.

किसी चमत्कार से कम नहीं थी निवेदिता की रिकवरी

निवेदिता सिर्फ 15 साल की थीं, जब स्लिप्ड डिस्क और सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के कारण 12 साल बेड पर गुजारने पड़े. बी.के.एस अयंगर से मिलने के बाद उन्हें खुद में सुधार का विश्वास लौटा. उनके अंडर में प्रैक्टिस के 12वें दिन ही अधो मुख वृक्षासन करने के बाद निवेदिता को महसूस हुआ कि अब वो कुछ भी कर सकती हैं.

उस दिन मुझे एहसास हुआ कि अगर मैं अपनी बॉडी को हाथों के बल पर ला सकती हूं, तो यही वो शख्स है, यही चीज है, जो मेरी जिंदगी में सब कुछ ला सकता है.
निवेदिता जोशी

निवेदिता कहती हैं कि योग सिर्फ आसन और प्राणायाम नहीं है. योग जिंदगी का एक समग्र तरीका है.

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Published: 21 Jun 2019,03:09 PM IST

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