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किडनी की पथरी (स्टोंस) के बारे में दो तथ्य हैं: सबसे पहला, ये बहुत अधिक दर्द का कारण बनती है, कमजोर करती है और बहुत से लोगों (जिसमें युवा भी शामिल हैं) में निश्चित रूप से तेजी से बढ़ रही है. एक और तथ्य जो सकारात्मक है, यह है कि किडनी की पथरी को रोका जा सकता है.
एक अल्ट्रासाउंड में मेरे दोस्त की 21 साल की बेटी की किडनी में पथरी का पता चला. वह पेट के निचले हिस्से के आसपास असहनीय दर्द से पीड़ित थी और उसे लगातार मितली व उल्टी का अहसास बना रहता था. हमें इस बात की चिंता थी कि कोई जेनेटिक हिस्ट्री (उनके परिवार में कोई और स्टोंस से पीड़ित नहीं था) नहीं थी और निश्चित रूप से उसकी उम्र भी बहुत कम भी.
दुर्भाग्य से, आज की जीवनशैली ऐसी है कि ज्यादातर नौजवान जंक फूड, सोडा और बहुत ज्यादा कॉफी पर जिंदा रहते हैं.
ये मानते हैं कि जेनेटिक प्रवृत्ति मायने रखती है, लेकिन आज इसमें हमारी खाने की गलत आदतों का भी बड़ा योगदान है. मोटापा जैसी वजहें (अधिक वजन होना किडनी पर दबाव डाल सकता है), पानी का सेवन कम करना, कम शारीरिक गतिविधि, हाई प्रोसेस्ड फूड, कैफीन का सेवन और फूड में बड़ी मात्रा में एनिमल प्रोटीन लेना अक्सर मुख्य कारण होते हैं, जो पथरी के बनने के जोखिम को बढ़ाते हैं. यह कारक इतना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के शोधकर्ता किडनी की पथरी से लड़ने के लिए कदम उठा रहे हैं.
किडनी की पथरी को रोकने के लिए खाने की इन पांच आदतों को ठीक करें:
डिहाइड्रेशन यानी निर्जलीकरण से अत्यधिक कंसनट्रेटेड यूरीन (गहरे रंग का) बनता है, जिससे कैल्शियम साल्ट का संघनन बढ़ता है और क्रिस्टल के बनने की संभावना को बढ़ाता है जिससे किडनी की पथरी बनती है. तो इसके बारे में सजग रहना चाहिए.
यह फैक्टर इतना अहम है कि NIH- फंडेड दो साल के क्लीनिकल ट्रायल में शोधकर्ताओं ने पथरी के जोखिम पर द्रव के सेवन के असर की निगरानी की. शोधकर्ता 1,642 लोगों का अध्ययन कर रहे हैं, जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि क्या हेल्थ कोच से सलाह हासिल करने और स्मार्ट वाटर बॉटल के उपयोग से दो साल की अवधि में किडनी की पथरी दोबारा होने का खतरा कम होगा.
आज ये एक बड़ी समस्या है क्योंकि हम में से बहुत से लोग बहुत ज्यादा नमक खाते हैं और बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड फूड पर निर्भर करते हैं, जिनमें नमक (सोडियम) ज्यादा होता है. ज्यादा नमक लेने से कैल्शियम का ज्यादा उत्सर्जन होता है.
जब यूरिन में सोडियम की मात्रा का बहाव बढ़ जाता है तो यह कैल्शियम को भी अपने साथ लाता है, जिससे पथरी बनने की आशंका बढ़ जाती है. ज्यादा नमक का सेवन भी यूरिन में साइट्रेट का उत्सर्जन कम करता है (साइट्रेट पथरी के बनने का एक अवरोधक है).
एरेटेड ड्रिंक्स से यूरिन में ऑक्सालेट्स का लेवल हाई हो सकता है. इससे पथरी का खतरा बढ़ सकता है. ज्यादातर एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन का उच्च स्तर भी यूरिनरी कैल्शियम के उत्सर्जन को बढ़ाता है.
कैल्शियम सप्लीमेंट्स उन लोगों के लिए एक समस्या बन सकता है, जो इन्हें मनमाने ढंग से खाते हैं और जिनके शरीर में पहले से ही कैल्शियम ज्यादा होता है. इसी तरह, विटामिन सी सप्लीमेंट भी जोखिम को बढ़ा सकता है क्योंकि शरीर विटामिन सी को ऑक्सालेट में परिवर्तित करता है.
यहां तक कि बिना डॉक्टरी सलाह के दुकानों पर बिकने वाली दवाओं- जैसे कि जुलाब और एंटासिड के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से पथरी के बनने का खतरा बढ़ सकता है. तो, इन्हें केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लें.
बहुत ज्यादा रेड मीट, पोल्ट्री, अंडे और सी फूड खाने से हमारे शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है और इससे किडनी की पथरी हो सकती है. तो, इसका ख्याल रखें.
किडनी की पथरी तकलीफदेह होती है, शरीर को कमजोर कर देती है और इसका इलाज महंगा है. इसलिए बेहतर है कि जीवनशैली में बदलाव कर लिया जाए, जो पथरी के बनने को रोकने में मदद करता है.
सर्जरी के बाद, मेरे दोस्त की बेटी को खाने में इन टिप्स का पालन करने के लिए कहा गया:
उसे खाने के साथ हर रोज एक गिलास दूध पीने के लिए भी कहा गया था (खाद्य स्रोतों से कैल्शियम का मिलना मदद करता है). ये निवारक टिप्स सभी के लिए काम करेंगे.
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(कविता दिल्ली में रहने वाली न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. उन्होंने दो किताबें- डोन्ट डाइट! 50 हैबिट्स ऑफ थिन पीपुल (जैको) और अल्टिमेट दादी हैक्स: 50 किकएस ट्रेडिशनल हैबिट्स फ़ॉर ए फिटर यू) (रूपा) लिखी है.)
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Published: 14 Mar 2019,03:37 PM IST