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सेक्सॉल्व समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब पर आधारित कॉलम है.
अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीकों या रिलेशनशिप से जुड़ी कोई परेशानी है, कोई उलझन है, जिसे आप हल नहीं कर पा रहे हैं या आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखें, वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल कर सकते हैं.
पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाबः
डियर रेनबोमैन,
मेरी एक अजीब समस्या है जो कि मुझे लगता है इस मायानगरी के अधिकांश लोगों को परेशान करती है. मेरी पत्नी और मेरी शादी को 3 साल बीत चुके हैं. लेकिन हमें अपने सेक्स संबंधों में संभावनाएं तलाशने के लिए कभी एकांत नहीं मिला.
मैं माता-पिता, दादा-दादी और भाई के साथ एक संयुक्त परिवार में रहता हूं. हमारा घर 400 वर्ग मीटर से भी छोटा है. हमें जब भी मौका मिलता है, हम एक दूसरे को गले लगा लेते हैं या भींच लेते हैं. हमारी शादी कोर्ट मैरिज से हुई और मेरी कोई ‘‘सुहागरात’’ नहीं हुई थी क्योंकि मेरी पत्नी के पिता हमारी शादी से दो दिन पहले ही गुजर गए थे और वह दुख में थी.
मेरी पत्नी बहुत चिढ़ पैदा करने वाली महिला है. वह घरेलू औरतों की तरह हमेशा घर पर रहती है और सिर्फ गपशप में वक्त बिताती है क्योंकि मेरे परिवार की महिलाएं बाहर काम करने नहीं जाती हैं. परिवार हम पर बच्चे पैदा के लिए दबाव बना रहा है. मेरी मां समझती ही नहीं कि माता-पिता बनने के लिए हमें एक साथ वक्त बिताने की जरूरत है. मैंने अभी तक अपनी पत्नी को नग्न नहीं देखा है और यही बात उधर भी है. हम जब भी अंतरंग होने वाले होते हैं, कोई आ जाता है. यह हम पर असर डाल रहा है.
मेरी पत्नी इस बात से बहुत चिढ़ती है कि बच्चे पैदा नहीं कर पाने के लिए उसे परिवार के बड़ों से पूरे दिन ताने सुनने पड़ते हैं. अब वह बहुत ज्यादा परेशान हो रही है और लगता है कि खुदकुशी ही कर लेगी. इस शादी को बचाने के लिए मैं क्या करूं?
परेशान बॉम्बे मैन
डियर परेशान बॉम्बे मैन,
यह सचमुच हमारे शहर में एक बड़ी समस्या है. रहने की सिकुड़ती जगह सेक्सुअल अंतरंगता में कमी की आनुपातिक है. महंगे प्रॉपर्टी रेट यह तय कर देते हैं कि हम या तो कच्चे मकानों में रहें या सड़कों पर. आपके और आपकी पत्नी के साथ मेरी सहानुभूति है.
आपके ये कहने कि “हमारे परिवार में महिलाएं काम करने बाहर नहीं जाती हैं” का क्या मलतब है? क्या आप कहना चाहते है कि उन्हें काम करने बाहर जाने की इजाजत आप दे सकते हैं? आप जैसे, मर्दों को नींद से जाग जाने की जरूरत है. आपकी पत्नी ने अपना घर छोड़ा और आपके व आपके परिवार के साथ रहने का फैसला लिया. वह आपके घर को अपना घर बनाने के लिए राजी हो गई. वह “हमेशा घर पर” नहीं रहती है, वह घरेलू कामों को निपटाती है और इसलिए मर्जी से, या बिना मर्जी से घर पर आपके काम और जिम्मेदारियों में हाथ बंटाती है.
उसे उसकी ख्वाहिशों के लिए इजाजत देने वाला परिवार कौन होता है? मुझे नहीं पता कि भगवान सचमुच है या नहीं, लेकिन यहां कहना चाहता हूं कि आप भगवान बनने की कोशिश ना करें. पूरी गंभीरता के साथ मुझे कोई यह कहने में कोई हिचक नहीं कि रुतबा दिखाने के लिए शोबाजी करना आपके घर का चलन है, आपके लफ्जों से साफ हो जाता है कि आप भी नाशुक्रे हैं.
इसके साथ ही, मैं पत्नी की चिंताओं के प्रति आपकी सहानुभूति की तारीफ करता हूं. हालांकि, आपको उसके धरातल पर आने की जरूरत है और यह समझने की कोशिश करें कि वह किन हालात का सामना कर रही है. हो सकता है कि आप उसे मानसिक बीमारी के शुरुआती लक्षणों की तरफ धकेल रहे हैं. (बाद में, आप उसे मानसिक बीमारी के लिए जिम्मेदार भी ठहरा सकते हैं, और से यह आसानी भूल जाएंगे कि आप ही इसके लिए जिम्मेदार कारण थे, जब यह पहली बार पैदा हुई थी.)
उसके साथ रहमदिली से बात करें. थोड़े समय के लिए उसके साथ छुट्टी पर बाहर जाएं. अगर आप स्विटजरलैंड नहीं जा सकते हैं, तो हर मुंबईकर की तरह उसे निकटतम ठिकाने पर ले जाएं- लोनावला/माथेरान/महाबलेश्वर. वह भी एक इंसान है, उसकी सेक्सुअल, भावनात्मक और शारीरिक जरूरतें हैं. आपको उसका सम्मान करना चाहिए.
अपने जीवनसाथी के साथ गुलाम की तरह बर्ताव ना करें. हम किसी इंसान के मालिक नहीं हैं. यह बात साफ-साफ समझ लेनी चाहिए.
सादर
रेनबोमैन
अंतिम बातः आपसे सख्ती से पेश आने के लिए अफसोस है, लेकिन ज्यादा मानवीय होने की कोशिश करें.
डियर रेनबोमैन,
मैं 30 साल का पुरुष हूं और मेरी समस्या यह है कि मेरी पत्नी सेक्स में बहुत मददगार नहीं है. जितना मैं चाहता हूं, उतना नहीं. मैं उसमें और ज्यादा रुचि कैसे पैदा करूं?
जिज्ञासु पति
डियर जिज्ञासु पति,
आपका “मददगार नहीं” से क्या आशय है? क्या आपका मतलब है कि वह आपकी फैंटेसीज में मददगार नहीं है? क्या इसका मतलब यह है कि आप दोनों एक दूसरे के साथ “अंतरंग” नहीं हैं?
आप सदियों से आजमाए “बातचीत” के पुराने नुस्खे को क्यों नहीं आजमाते?
उससे बात करें, बिस्तर पर नहीं बल्कि डाइनिंग टेबल या सोफे पर. फरमाइशें करने की बजाए, बातचीत करने वाले बनें.
अपने आप को थोड़ा लचीला बनाएं और देखें कि वह खुद को कितना लचीला बनाने के लिए तैयार है.
सहवास एक परस्पर क्रिया है. दोनों पक्ष को मजा आना चाहिए. यह एक लेन-देन भी है और यह आजाद ख्वाहिशों और खोज का जश्न होना चाहिए.
आखिरकार यह उसका फैसला है. यह बात हमेशा याद रखें. हमेशा उसे सम्मान दें. सहवास में ऐसा कोई काम नहीं है जो परस्पर सम्मान से ज्यादा मजेदार है.
प्यार,
रेनबोमैन
अंतिम बातः आपको भरपूर आनंद और संतुष्टि मिले.
डियर रेनबोमैन,
मैं एक नौजवान समलैंगिक पुरुष हूं और बहुत डरा हुआ हूं. मैं आज सुबह एक पब्लिक टॉयलेट में था. उसी समय 3 पुरुष यूरिनल में मेरे बगल में खड़े थे. मुझे पता लग गया कि वे मुझमें रुचि ले रहे हैं, उन्होंने आंखों से इशारा किया. उन्होंने मुझे उनको ब्लो जॉब करने के लिए कहा और मैंने किया. लेकिन जल्द ही तीनों मेरे साथ जबरदस्ती करने लगे, मेरी पैंट को उतार दिया और मेरे साथ कुकर्म किया. उन्होंने कंडोम भी इस्तेमाल नहीं किया. मैंने देखा कि वहां एक और आदमी था जो यह सब फिल्मा रहा था. मैं चीखना चाहता था लेकिन डर गया था. मैं दौड़कर बाहर भागा और अचानक ग्रिंडर एप में मुझे एक मैसेज मिला, जिसमें कहा गया था कि अगर मैंने उन्हें पैसे नहीं दिए, तो वे मेरे मजे का नजारा सबको दिखा देंगे. मैं बहुत डर गया हूं. मैं क्या करूं.
फिक्रमंद
डियर फिक्रमंद,
अपनी कहानी मेरे साथ साझा करने की हिम्मत दिखाने के लिए शुक्रिया. मैंने आपको एक पर्सनल ईमेल भेजा है, लेकिन साथ ही यहां दूसरे लोगों के लिए सार्वजिक प्रतिक्रिया भी दे रहा हूं, जो ऐसे ही हालात में घिरे होंगे.
कृपया किसी भरोसेमंद दोस्त को खबर करें. आपको इसके बाद नैतिक समर्थन की जरूरत होगी. इस बारे में जानकारी के लिए आप www.Humsafar.org पर संपर्क कर सकते हैं. उन्हें या किसी भी एक्टिविस्ट (यह मेरा फेसबुक प्रोफाइल है www.facebook.com/hiyerfan ) को इस मामले में आपकी मदद करने या आपको व्यक्तिगत रूप से मदद कर सकने वाले व्यक्ति को ढूंढने में खुशी होगी.
दूसरी बात फैसला लें कि आप इस मामले में क्या कदम उठाना चाहते हैं. आप पुलिस में शिकायत भी कर सकते हैं, हालांकि, प्रक्रियाओं के लिए किसी सोशल वर्कर/एक्टिविस्ट की मदद लें.
ऐसे में अगर आप इस मामले को कानूनी तरीके से आगे बढ़ाने का फैसला लेते हैं, तो कानूनी सहायता/ राहत के उपाय हैं, हालांकि, हमें यह पता होना चाहिए कि हर पुलिस स्टेशन की पुलिस को पूरी तरह से संवेदनशील नहीं माना जा सकता है, इसलिए एक सोशल वर्कर/वकील को साथ ले जाना अच्छा होगा, जो पुलिस की भी मदद कर सके.
मैं चाहता हूं कि आप यह भी जान लें कि आप प्यारे इंसान हैं. इतनी बड़ी घटना भी आपकी आत्मा को तोड़ नहीं सकती है.
वक्त के साथ चीजें बेहतर हो जाती हैं.
प्यार भरी झप्पी के साथ
रेनबोमैन
अंतिम बातः आपने जितनी उम्मीद की होगी, उससे भी जल्द आप इससे उबर कर खुद को अचंभित कर देंगे.
(लोगों की पहचान सुरक्षित रखने के लिए नाम और कुछ ब्योरे परिवर्तित कर दिए गए हैं. आप भी अपने सवाल sexolve@thequint.com पर भेज सकते हैं.)
(हरीश अय्यर एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं.)
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