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चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण, ग्रहण आंशिक हो या पूर्ण, इसे लेकर कई मान्यताएं हैं, जिनका पालन सदियों से किया जा रहा है. ग्रहण लगने की वैज्ञानिक व्याख्या के बावजूद आज भी कई बातें हैं, जो धार्मिक कहानियों के आधार पर ग्रहण के दौरान अपनाने की सलाह दी जाती है. जैसे- ग्रहण के दौरान कुछ पकाना नहीं चाहिए, ग्रहण काल में पकाया गया खाना जहरीला होता है, इस दौरान कुछ खाने या पीने से बचना चाहिए, नहीं तो इसका आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.
वहीं प्रेग्नेंट महिलाओं को ग्रहण के दौरान ज्यादा सावधान रहने को कहा जाता है, यहां तक माना जाता है कि अगर प्रेग्नेंट महिला ग्रहण देख ले या इस दौरान बाहर निकल आए, तो इससे उसके बच्चे को नुकसान हो सकता है. कुछ लोग ये भी कहते हैं कि ग्रहण काल में गर्भवती महिला को सोना या लेटना-बैठना नहीं चाहिए बल्कि टहलते रहना चाहिए.
हालांकि ज्यादातर मान्याताओं के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक कारण मौजूद नहीं हैं और एक्सपर्ट्स इन बातों को मात्र धार्मिक विश्वास बताते हैं, जिन्हें परंपरा के तौर पर फॉलो किया जा रहा है.
मैक्स सुपर स्पेशएलिटी हॉस्पिटल, साकेत के प्रसूति एवं स्त्री रोग संस्थान की डायरेक्टर और हेड डॉ अनुराधा कपूर इन बातों को पूरी तरह से मिथ बताती हैं. वो कहती हैं कि चंद्र ग्रहण का न तो प्रेग्नेंसी पर कोई असर होता है और न ही खाने-पीने की चीजों पर.
वो बताती हैं, 'भारत में इस पर काफी विश्वास किया जाता है, ऐसे में हम कहते हैं कि डॉक्टर से जरूर मिलो. डॉक्टर आपको बताएगा कि आपको खाना-पीना बंद नहीं करना है, डिहाइड्रेशन से बचना है. अगर आपको चक्कर आए या कमजोरी महसूस हो, तो लेट जाओ, खाने-पीने पर ध्यान दो और इस अंधविश्वास पर बिल्कुल भरोसा न करो.'
नासा (NASA) के मुताबिक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इंसानों पर ग्रहण का कोई फिजिकल इफेक्ट पड़ता हो.
डॉ कपूर भी कहती हैं कि जो बच्चा बन चुका है, वो कैसे डिफॉर्म हो जाएगा, बच्चा पहले तीन महीने में बन जाता है, उसके बात उसकी ग्रोथ हो रही होती है. कैसे 2-3 घंटे के लिए चंद्र ग्रहण लगेगा तो उसमें कुछ खराबियां आ जाएंगी.
वहीं स्वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्सालय योग एवं अनुसंधान केंद्र की डॉ दुर्गा कहती हैं, 'नैचुरोपैथ डॉक्टर के तौर पर हम ग्रहण के दौरान एनर्जी सेव करने को कहते हैं क्योंकि इस समय ऊर्जा में गिरावट आती है और इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखने को कहा जाता है.'
नासा के मुताबिक जहां तक ग्रहण के दौरान पकाए गए खाने को जहरीला मानने की बात है, ये इस धारणा पर आधारित है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें हानिकारक होती हैं. लेकिन अगर ये बात सही होती तो वही रेडिएशन खाने की हर चीज चाहे खेत की फसल हो या स्टोर की गई चीजें उन पर भी असर डालती.
मैक्स हेल्थकेयर में सीनियर ग्रैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ अश्विनी सेतिया कहते हैं कि ग्रहण के दौरान कुछ न खाने को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. लेकिन हमारी परंपरा में जो ऋषि-मुनि रहे हैं, वो ये कह गए हैं कि इस दौरान कुछ खाना नहीं चाहिए क्योंकि कच्चे खाने की बजाए पकाए गए खाने पर ग्रहण का ज्यादा असर पड़ता है. हालांकि आज हमारे पास इसका कोई प्रमाण नहीं है.
स्वामी परमानंद प्राकृतिक चिकित्सालय योग एवं अनुसंधान केंद्र की डॉ दुर्गा का कहना है कि ऐसा माना गया है, ग्रहण के दौरान खाना दूषित हो जाता है मतलब उसमें बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन होने की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए कुछ चीजों पर ध्यान देने को कहा जाता है. हालांकि वो भी इस बात पर जोर देती हैं कि अभी इस पर उतनी रिसर्च नहीं हुई है.
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Published: 16 Jul 2019,05:21 PM IST