advertisement
मेडिकल गलतियों की वजह से हर साल 13.8 करोड़ से अधिक मरीजों को नुकसान पहुंचता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने 'वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे' मनाने के महज कुछ दिन पहले ये चेतावनी दी है. इस दिवस को मनाने का मकसद इस त्रासदी के प्रति जागरुकता बढ़ाना है.
Efe की रिपोर्ट के मुताबिक पेशेंट-सेफ्टी कोऑर्डिनेटर डॉ नीलम ढिंगरा कहती हैं:
एक्सपर्ट ने कहा, "ये गलतियां इसलिए होती हैं क्योंकि स्वास्थ्य प्रणालियां इन त्रुटियों से सही तरीके से निपटने और उनसे सीखने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि कई अस्पताल ये छिपाते हैं कि उन्होंने क्या गलत किया है, जो अक्सर उन्हें भविष्य में फिर ऐसा न हो इसके लिए उन्हें कदम उठाने से रोकता है.
अगर विकसित देशों को ध्यान में रखकर देखा जाए तो वास्तविक संख्या और ज्यादा हो सकती है क्योंकि विकसित देशों में भी, हर 10 में से एक मरीज चिकित्सा संबंधी गलतियों का शिकार होता है.
इन गलतियों के उदाहरण के तौर पर, उन तरीकों से इलाज किया जाना जिनके लिए वे डिजाइन नहीं किए गए, ब्लड ट्रान्सफ्यूशन या एक्स-रे करने में गलती, गलत अंग काटकर निकाल देना या बीमारी वाले हिस्से में सर्जरी न करके मस्तिष्क के गलत हिस्से में सर्जरी कर देने जैसी बड़ी गलतियां सामने आती रहती हैं.
दुनिया भर में केवल दवा के गलत प्रेस्क्रिप्शन के चलते ही हेल्थकेयर सिस्टम को करीब 42 अरब डॉलर (37 अरब यूरो) का नुकसान हुआ है.
इन समस्याओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए इस साल से डब्ल्यूएचओ हर साल 17 सितंबर को 'वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे' (विश्व रोगी सुरक्षा दिवस) मनाएगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 16 Sep 2019,05:57 PM IST