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हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन या फिर जिसे हम हाई बीपी कहते हैं, इसके कोई खास लक्षण नहीं नजर नहीं आते. शायद यही वजह है कि देश में हाई बीपी से ग्रस्त 15 से 49 साल तक के 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को पता ही नहीं है कि उनका ब्लड प्रेशर हाई है.
PLOS Medicine जर्नल में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक हाइपरटेंशन वाले लोगों में 45 फीसदी से कम लोगों को अपने कंडिशन की जानकारी थी, 13 फीसदी से कम लोग ( हर 7 में से 1 से भी कम) ब्लड प्रेशर घटाने की दवा ले रहे थें और 8 फीसदी से कम लोग (हर 10 में ले 1 से भी कम) अपने हाई बीपी पर कंट्रोल कर पाए थे.
शहरी इलाकों में 47.9 फीसदी हाइपरटेंशिव लोगों को अपनी कंडिशन की जानकारी थी जबकि सिर्फ 14.9 फीसदी लोग ही इलाज करा रहे थे और 8.3 फीसदी लोगों का बीपी कंट्रोल में था. वहीं ग्रामीण इलाकों में 42.5 प्रतिशत हाइपरटेंशिव लोगों को अपनी कंडिशन की जानकारी थी, 12.4 फीसदी फीसदी लोग ही इलाज करा रहे थे और 7.7 प्रतिशत लोगों का बीपी कंट्रोल में था.
ये स्टडी पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, हीडलबर्ग यूनिवर्सिटी (जर्मनी) और हावर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के रिसर्चर्स ने की है. इस सर्वे में भारत के सभी राज्यों से 15 से 49 की उम्र तक के कुल 7,31,864 लोगों को शामिल किया गया.
भारत में हाइपरटेंशन की व्यापकता अधिक है, लेकिन हाई बीपी से ग्रस्त ऐसे व्यस्कों की तादाद बेहद कम है, जिन्हें अपने हाई बीपी की जानकारी हो, जिनका इलाज चल रहा हो और बीपी कंट्रोल में हो.
भारत में बीमारियों से होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण कार्डियोवैस्कुलर बीमारी है और हाइपरटेंशन कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का एक प्रमुख रिस्क फैक्टर है. इसलिए हाइपरटेंशन के बारे में जानकारी और जागरुकता के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाए जाने की जरूरत है.
आपको रूटीन चेकअप के तौर पर अपना ब्लड प्रेशर चेक कराते रहने चाहिए. आजकल ब्लड प्रेशर के लिए कई तरह की मशीनें भी उपलब्ध हैं. अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई है, तो अपने डॉक्टर की सलाहानुसार आप उस पर काबू पा सकते हैं.
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Published: 17 May 2019,04:28 PM IST