मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Fit Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अगर आप स्मोकिंग नहीं करते हैं, तो भी आपको लंग कैंसर का खतरा है!

अगर आप स्मोकिंग नहीं करते हैं, तो भी आपको लंग कैंसर का खतरा है!

लंग कैंसर के रोगियों में 10 से 15% तक हेल्दी और कभी भी सिगरेट न पीने वाले 40 साल तक के युवा होते हैं.

निकिता मिश्रा
फिट
Published:
(फोटो: द क्विंट)
i
(फोटो: द क्विंट)
null

advertisement

अगर आप सिगरेट नहीं पीते हैं, तो भी कोई जरूरी नहीं कि आप सिगरेट से होने वाले नुकसान से सुरक्षित हैं. अगर सीने में जलन और खांसी को आप प्रदूषण से होने वाली तकलीफ मानकर नजरअंदाज कर रहे हैं, तो आप सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. कई बार ये लक्षण लंग कैंसर की ओर इशारा करते हैं.

पिछले दशक तक, किसी के भी लंग कैंसर से ग्रस्‍त होने की औसत उम्र 70 साल थी. यह भी तब होता था, जब आप धूम्रपान के आदी हों या फिर वैसे लोगों के बीच में रहते हों. लेकिन आज, सीडीसी अटलांटा के अनुसार, लंग कैंसर के रोगियों में 10 से 15% तक हेल्दी और कभी भी सिगरेट न पीने वाले 40 साल तक के युवा होते हैं.

इससे सबसे ज्यादा परेशान रहने वाला इलाका दिल्ली का है, जहां 20% ऐसे कैंसर पेशेंट हैं, जिन्होंने कभी अपनी जिंदगी में सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाया. यह ग्लोबल एवरेज डेटा से 5% ज्यादा है.

(फोटो: iStock)
धूम्रपान नहीं करने वाले लंग कैंसर के रोगियों की संख्या 20% तक बढ़ गई है. इसके पीछे एयर पाॅल्यूशन में हो रही वृद्धि का अहम रोल है.
डॉ. जुल्का, ऑन्कोलॉजिस्ट, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान

अमेरिका में धूम्रपान नहीं करने वालों में लंग कैंसर से मौत छठा सबसे बड़ा कारण है. दिल्ली कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार, राजधानी में सभी तरह के कैंसर के बीच लंग कैंसर सबसे अधिक लोगों में देखा गया है.

साल 2008 में एक लाख की आबादी पर 14 लंग कैंसर के मामले देखे गए, जो 2010 में बढ़कर 16 हो गए.
धूम्रपान और तंबाकू का सेवन लंग कैंसर का सबसे प्रमुख कारण बना हुआ है. लेकिन जिस दर से यह धूम्रपान न करने वालों पर असर डाल रहा है, यह चिंताजनक है. हम अभी भी धूम्रपान न करने वालों में इस कैंसर के होने के बारे में बहुत कुछ पता नहीं कर पाए हैं.
डॉ. संजीव मेहता, पल्मोनाॅल्जिस्ट

जानकारी के मुताबिक:

  • पिछले दशक में, धूम्रपान न करने वाले पुरुषों की तुलना में लंग कैंसर से ग्रस्‍त महिलाओं की संख्या ज्यादा दर्ज की गई है.
  • शुरुआत में इसके लक्षण कुछ और ही दिखते हैं और जब तक इस रोग के बारे में पता चलता है तब तक लोग काफी बीमार हो चुके होते हैं.
  • एशियाई और अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के लोगों में अमेरिकी या यूरोपीय मूल के लोगों की तुलना में लंग कैंसर से बीमारी और मौत की दर ज्यादा है.
  • सिगरेट न पीने वाले लोगों में, एक धूम्रपान करने वाले इंसान के साथ रहने पर 31 प्रतिशत तक लंग कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.
  • Adenocarcinoma या नन-स्माॅल सेल लंग कैंसर धूम्रपान नहीं करने वालों में ज्यादा मिल रहा है.

और भी कई कारणों से हो सकता है लंग कैंसर

(फोटो: iStock)

जेनेटिक आल्ट्रेशन यानी की जीन में बदलाव से होता है Carcinogen Sponges : धूम्रपान नहीं करने वालों में जेनेटिक चेंज धूम्रपान करने वालों से बहुत अलग होता है. उनका शरीर विषाक्त पदार्थों का सफाया करने के लिए तैयार नहीं होता है, जो Carcinogen Sponges नाम से जाना जाता है. और उनके शरीर में कैंसर तत्व आसानी से घर कर जाते हैं.

दिल्ली में 20% ज्यादा लंग कैंसर रोगी पाए जाने का मतलब है कि एयर पाॅल्यूशन इस बीमारी का प्रमुख कारण माना जा सकता है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि एशियाई लोगों में यूरोपियन लोगों की तुलना में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होने की एक वजह खाना पकाने के लिए गर्म किए जाने वाले तेल से निकलने वाला धुआं है.

ज्यादा रिसर्च की जरूरत

हालांकि अभी भी इस बीमारी पर बहुत ज्यादा रिसर्च किए जाने की जरूरत है. लंग कैंसर पर किए जाने वाले रिसर्च पर निवेश पिछले एक दशक में दोगुनी हो गई है. लेकिन अभी भी स्तन कैंसर की तुलना में यह सिर्फ एक-तिहाई फंड और ल्यूकेमिया के लिए दिए जाने वाले फंड की तुलना में आधे से भी कम फंड प्राप्त करता है.

लेकिन यह फैक्ट अब गलत साबित हो रहा है कि लंग कैंसर खुद से जनित की गई बीमारी है. अब कोई भी इंसान इससे ग्रस्‍त हो सकता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT