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केरल राज्य में इस बार निपाह वायरस के सोर्स का पता लगाने के लिए गुरुवार 13 जून, 2019 को केरल के इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड वायरोलॉजी और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से वैज्ञानिकों की टीम एर्नाकुलम के नॉर्थ पारावुर पहुंची. ये टीम यहां फ्रूट खाने वाले बैट्स के सैंपल कलेक्ट करने के लिए आई है.
केरल सरकार की ओर से राज्य में एक निपाह वायरस पॉजिटिव केस की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में व्यापक अभियान छेड़ा हुआ है. लोगों से ना घबराने के लिए कहा गया है, लेकिन बुखार बढ़ने पर तुरंत मेडिकल सलाह लेने के लिए कहा गया है.
निपाह का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. जिन 7 मरीजों के निपाह से संक्रमित होने की आशंका थी, उनकी रिपोर्ट निपाह निगेटिव आई है.
इस मीटिंग में निपाह वायरस डिजीज के मैनेजमेंट और उस पर काबू पाने के लिए लिए राज्य की तैयारी पर चर्चा की गई.
हेल्थ मिनिस्ट्री और ICMR की ओर से एक्सपर्ट्स की टीम केरल में है, जो राज्य में निपाह वायरस डिजीज के मैनेजमेंट और जांच में मदद कर रही है.
मलयालम न्यूज पेपर मातृभूमि की वेबसाइट के मुताबिक अलग वार्ड में रखे गए 7वें पेशेंट का सैंपल टेस्ट भी निपाह निगेटिव आया है.
तमिलनाडु सरकार ने केरल की सीमा से लगे अपने 7 जिलों के चेकपोस्ट पर मेडिकल टीम बनाई है, जो ये टेस्ट करेगी कि कोई शख्स निपाह वायरस से संक्रमित तो नहीं है. ये जानकारी पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के एक सीनियर अधिकारी ने दी है.
वेदीवेलन के मुताबिक इन जिलों के डॉक्टरों को निपाह के लक्षणों और मरीज के इलाज से जुड़ी पूरी गाइडलाइन दी गई है.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया है कि निपाह को लेकर 7 मरीज हॉस्पिटल में एडमिट हैं. निपाह वायरस टेस्ट में एक पेशेंट का रिजल्ट पॉजिटिव आया है और छह पेशेंट के रिजल्ट निगेटिव आए हैं. फिलहाल किसी को भी डिस्चार्ज नहीं किया गया है. वायरस का सोर्स क्या है, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
केरल के त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज में दो मरीजों को मेडिकल निगरानी में रखा गया है. उनके सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए हैं.
केरल में एक युवक के निपाह वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद जिन संभावित पीड़ित लोगों के सैंपल निपाह की जांच के लिए भेजे गए थे, उनमें से छह लोगों की निपाह जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
एक और पेशेंट की टेस्ट रिपोर्ट आनी बाकी है.
केरल में निपाह वायरस इंफेक्शन का एक मामला देखते हुए इंटिग्रेटेड डिजीज सर्वेलन्स प्रोग्राम, डरेक्टरट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर सर्विसेज, कर्नाटक की ओर से सर्कुलर जारी किया गया है.
केरल में निपाह वायरस के मामले को लेकर बुधवार को हुई समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि हालात काबू में हैं, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो खुद केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा के साथ इस पर नजर रखे हुए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केरल में निपाह का केस कन्फर्म होने के बाद कर्नाटक हेल्थ डिपार्टमेंट ने 8 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है. ये जिले हैं- चमराजनगर, मैसूर, कोडागू, दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़, उडुपी, शिवमोगा और चिकमंगलूर.
Livemint को दिए एक इंटरव्यू में कोच्चि में निपाह संक्रमित युवक का इलाज कर रहे डॉ अनूप आर वारियर ने कहा कि निपाह संक्रमण के बाद भी बचना मुमकिन है. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी लोग निपाह इंफेक्शन के बाद भी जीवित रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सर्वाइवल तीन चीजों से निर्धारित होता है. पहला, खास पैथोजन के खिलाफ दवाई. दूसरा, अगर शरीर के किसी अंग पर असर पड़ा है, तो हम उस हिस्से को कैसे मेडिकल सपोर्ट दे रहे हैं. तीसरा, पेशेंट का इम्यून फंक्शन.
केरल हेल्थ मिनिस्टर केके शैलजा के मुताबिक 6 मरीजों को अलग वार्ड में रखा गया है. किसी भी पेशेंट की हालत गंभीर नहीं है, अलग किए गए पांच लोगों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजे गए हैं. हम टेस्ट रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. शैलजा के मुताबिक उनकी जांच रिपोर्ट कल (गुरुवार) या उसके अगले दिन आ सकती है.
केरल की हेल्थ मिनिस्टर केके शैलजा ने जानकारी दी है कि Human Monoclonal Antibody (MAB) मेडिसिन आ रही है, जो आज शाम तक पहुंच जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो इसका इस्तेमाल किया जाएगा, जिसकी इजाजत केंद्र और ICMR की तरफ से मिल चुकी है. फिलहाल, Ribavirin टैबलेट दिए जा रहे हैं.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि निपाह वायरस से संक्रमित पेशेंट की हालत स्थिर है. उस मरीज समेत सिर्फ पांच मरीजों को अलग वार्ड में रखा गया है.
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Published: 05 Jun 2019,01:32 PM IST