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कोरोना वायरस डिजीज-2019 (COVID-19) के कन्फर्म मामलों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डिस्चार्ज पॉलिसी में बदलाव किए हैं.
ऐसे मामलों में लक्षण नजर आने के 10 दिनों बाद और तीन दिनों तक बुखार न रहने, सांस में तकलीफ न होने और ऑक्सीजन की जरूरत न होने की स्थिति में पेशेंट को बिना टेस्ट किए डिस्चार्ज किया जा सकता है.
वहीं COVID-19 के गंभीर मामलों में मरीज को क्लीनिकल रिकवरी के बाद RT-PCR टेस्ट एक बार निगेटिव आने पर डिस्चार्ज किया जा सकता है.
डिस्चार्ज के बाद हर मरीज के लिए 7 दिनों तक होम आइसोलेशन फॉलो करना जरूरी है.
कोरोना के माइल्ड मामलों में मरीज को कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज करने से पहले अगर किसी भी वक्त ऑक्सीजन सैचुरेशन 95% से कम चला जाता है, तो उसे डेडिकेटेड कोविड हेल्थ केयर सेंटर (DCHC) शिफ्ट किया जाएगा.
डिस्चार्ज के बाद अगर मरीज को फिर से बुखार, खांसी या सांस में तकलीफ की दिक्कत होती है, तो उसे कोविड केयर सेंटर या राज्य के हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क करना होगा.
कोरोना के मॉडरेट मामलों में मरीज को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (ऑक्सीजन बेड) में भर्ती किया जा रहा है, जहां मरीज के बॉडी टेंपरेचर और ऑक्सीजन सैचुरेशन को मॉनिटर किया जाता है.
अगर तीन दिनों में बुखार ठीक हो जाता है और बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के अगले 4 दिनों तक ऑक्सीजन सैचुरेशन 95% से ज्यादा रहता है, तो ऐसे मरीजों को लक्षण आने के 10 दिनों बाद बिना टेस्ट किए डिस्चार्ज किया जा सकता है.
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Published: 09 May 2020,03:34 PM IST