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अमेरिका के स्वास्थ्य नियामक यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने कहा है कि भारत में बेचे जाने के लिए तैयार किए गए पतंजलि के दो शर्बत उत्पादों पर लगे लेबल पर ‘‘अतिरिक्त औषधीय एवं आहार संबंधी दावे’’ पाए गए जबकि अमेरिका निर्यात किए जाने वाली बोतलों पर ऐसे दावे कम पाए गए.
गौरतलब है कि अमेरिका के खाद्य सुरक्षा कानून भारतीय कानूनों की तुलना में ज्यादा सख्त हैं.
अगर पाया जाता है कि कंपनी ने अमेरिका में गलत तरीके से प्रचारित उत्पाद बेचे हैं तो USFDA उसे उस उत्पादन का आयात बंद करने के लिए चेतावनी-पत्र जारी कर सकता है, उस उत्पाद की पूरी खेप को जब्त कर सकता है, संघीय अदालत से कंपनी के खिलाफ रोक का आदेश पारित करा सकता है और आपराधिक मुकदमा भी शुरू कर सकता है, जिससे उस पर पांच लाख अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और कंपनी के अधिकारियों को तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है.
वहीं अगर कंपनी भारत में गलत ब्रांड या गलत दावों के साथ फूड प्रोडक्ट बेचती पाई जाती है, तो फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (FSS) एक्ट, 2006 के तहत उस पर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
मॉरीन ए वेंटजेल नाम की USFDA के एक जांच अधिकारी ने पिछले साल 7 और 8 मई को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के हरिद्वार संयंत्र की इकाई-तीन का निरीक्षण किया था.
वेंटजेल की निरीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक पतंजलि के हरिद्वार प्लांट में जहां शहद की प्रोसेसिंग होती है, वहां प्रोडक्शन इक्विपमेंट के ऊपर कबूतर उड़ रहे थे. उन्हें बताया गया कि प्रोडक्शन के वक्त कबूतरों को हटा दिया जाएगा.
वहीं पतंजलि ग्रुप के प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा की ओर से इस रिपोर्ट के बाबत पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.
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