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आलिया कहती हैं कि उन्हें हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आता था. लेकिन उन्हें ये समझ में नहीं आता था कि वो आखिर करें क्या? जहां एक तरफ आलिया के चेहरे पर मुहांसे निकल रहे थें, वहीं दूसरी तरफ वो सामाजिक तौर पर लोगों से बिल्कुल कटती जा रही थीं. इस कारण खुद पर विश्वास और अंदर से हिम्मत तो मानो खत्म ही हो चुकी थी.
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक प्रकार का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जो महिलाओं में हार्मोन्स को असंतुलित करता है. यह समस्या प्रजनन की उम्र में होती है. PCOS से जूझ रही महिलाओं को आमतौर पर उनके पीरियड्स के असमय आने की समस्या होती है. उनके शरीर में एंड्रोजन नामक पुरुषों में होने वाले हार्मोन की अधिकता हो जाती है. और तब ओवरी में पानी से भरी कई छोटी-छोटी ग्रंथियां बनने लगती हैं, जिसे पॉलीसिस्टिक ओवरी कहते हैं.
लेकिन इस समस्या से जूझ रही आलिया अकेली नहीं हैं. भारत में हर साल 10 लाख से अधिक महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी की शिकायत सामने आती हैं.
मायो क्लिनिक के मुताबिक PCOS का कारण स्पष्ट नहीं है. इसमें कुछ कारकों की भूमिका हो सकती है:
1. इंसुलिन की अधिक मात्रा
इंसुलिन एक हार्मोन है, जो पैनक्रियाज में बनता है. इसकी मदद से कोशिकाएं शुगर का प्रयोग कर पाती हैं, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है. इंसुलिन की अधिकता एंड्रोजन प्रोडक्शन को बढ़ा सकती है, जो अण्डोत्सर्ग (ovulation) में समस्या का कारण बन सकता है.
2. लो-ग्रेड इंफ्लेमेशन
इस शब्द का इस्तेमाल सफेद रक्त कोशिकाओं द्वारा उत्पादित संक्रमण से लड़ने वाले पदार्थ के लिए किया जाता है. शोध से पता चला है कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में एक प्रकार की निम्न-ग्रेड सूजन होती है, जो पॉलीसिस्टिक अंडाशय को एंड्रोजन उत्पन्न करने के लिए उत्तेजित करती है. इससे दिल और रक्त वाहिकाओं की समस्याएं हो सकती हैं.
3. आनुवांशिकता
शोध से पता चलता है कि कुछ पीसीओएस आनुवांशिक भी हो सकते हैं.
4. एंड्रोजन की अधिकता
ओवरी में एंड्रोजन के असामान्य रूप से बनने से कारण मुहांसे और असामान्य तरीके से बाल उगने की समस्या होती है.
आलिया कहती हैं कि उनके चेहरे पर अचानक से बहुत अधिक दाने हो गए और शुरुआत में पीरियड्स में समस्या होने लगी. उन्हें लगा कि ऐसे होना सामान्य बात है लेकिन जब पीरियड्स की समस्या वैसी ही बनी रही, तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया.
वेबमेड के अनुसार PCOS के लक्षण इस प्रकार हैं.
लेकिन अगर पहले से मोटापा हो, तो इसके लक्षण अलग भी हो सकते हैं.
हेल्थ वेबसाइट के अनुसार PCOD/PCOS से जूझ रही अधिकतर महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्या देखने को मिलती है और अधिकतर मामलों में उनका इलाज नहीं हो पाता है.
PCOS की वजह से शरीर का वजन बढ़ता है, जिसकी वजह से बहुत से लोगों को निराशा, शर्मिंदगी भी होती है.
डॉक्टर मल्होत्रा कहते हैं कि PCOS/PCOD में
ये सब मानसिक स्वास्थ्य से ही संबंधित हैं.
डॉ मल्होत्रा के अनुसार PCOD/PCOS में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी किसी भी तरह की ऐसी समस्या होने पर आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. PCOD/PCOS के इलाज के साथ-साथ साइकोलॉजिस्ट से भी इलाज कराएं.
डॉ मल्होत्रा कहते हैं कि लाइफस्टाइल की वजह से मोटापा होता है और मोटापे की वजह से ओवेरियन सिस्ट होने की आशंका रहती है. ओवेरियन सिस्ट की वजह से हार्मोन असंतुलित होते हैं. इस वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और खुद पर विश्वास की कमी, भावनात्मक असंतुलन होते हैं.
डॉक्टर मंजु खेमानी के मुताबिक लाइफस्टाइल में बेहतर बदलाव और खानपान का ख्याल रख कर PCOS से बचा जा सकता है और साथ ही इससे होने वाली समस्या को कम किया जा सकता है.
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Published: 01 Sep 2018,04:10 PM IST