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अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीकों या रिलेशनशिप से जुड़ी कोई परेशानी है, कोई उलझन है, जिसे आप हल नहीं कर पा रहे हैं, या आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखें, और वह आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल करें.
पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाबः
डियर रेनबोमैन,
मैं एक 56 साल की बेहद फिक्रमंद मां हूं. मुझे बहुत ठीक से खत लिखना नहीं आता, इसलिए अगर मैं कुछ गलत लिख जाऊं तो मुझे माफ कर दीजिएगा. मैं बहुत परेशान हूं.
मैं आपको अपनी पृष्ठभूमि बताती हूं. मेरी बहुत कम उम्र में शादी हो गई थी. मैं और मेरे पति बच्चा पैदा करना चाहते थे. हमने बार-बार कोशिश की, हम कामयाब नहीं हुए. मैं बच्चे के लिए दुआ मांगने शहर के हर मंदिर में गई. मैं निःसंतान रही. मेरे पति एक बच्चे को गोद लेना चाहते थे, लेकिन मैं अपना खून चाहती थी. मैं गर्भवती होना चाहती थी. किसी भी डॉक्टर ने भरोसा नहीं दिया कि मैं एक बच्चा पैदा कर सकूंगी.
उनमें से कोई भी यह नहीं बताता कि मैं बच्चा क्यों नहीं पैदा कर सकती. मेरे शरीर में कोई बहुत गंभीर समस्या थी. मैं 35 साल की उम्र में गर्भवती हुई. हालांकि मुझे प्रेग्नेंसी की उम्मीद भी नहीं थी. मैं बहुत खुश थी और यह बात अपने पति को बताना चाहती थी, लेकिन उस दिन मेरे पति घर नहीं आए. उनका पार्थिव शरीर आया.
उस दिन एक हादसे में उनकी मौत हो गई, जिस दिन मैं उन्हें अपनी प्रेग्नेंसी की खुशखबरी देने वाली थी. मैं बिखर गई थी. मेरे लिए यह गम सोच से परे था कि मुझे इस बच्चे की अकेले परवरिश करनी होगी.
मैंने अपने बच्चे को बड़ी जज्बाती कठिनाइयों के बीच पाला. मैं नहीं चाहती थी कि वह कभी भी दुखी महसूस करे, इसलिए मैंने अपने बेटे को बहुत ज्यादा दुलार दिया.
मुझे लगता है कि बहुत ज्यादा प्यार ने उसे मुझ पर निर्भर बना दिया, लेकिन यह भी लगता है कि मैं उसकी बुनियादी पालनकर्ता के रूप में विफल रही. नहीं तो और क्या वजह हो सकती है कि वह कम उम्र में पोर्न देखेगा. शायद मैं एक मां के तौर पर नाकामयाब रही.
हो सकता है, वह इसीलिए गलत रास्ते पर जा रहा है. मैंने उसे उसके कमरे में पोर्न देखते हुए पकड़ लिया. मैंने उसके दरवाजे में एक छोटा सा छेद बनाया है ताकि देख सकूं कि वह अकेले में क्या करता है. वह मास्टरबेशन की आदत का शिकार है. वह पोर्न देखता है और साथ ही मस्टरबेशन करता है.
यह कैसी बेहूदा हरकत है. क्या वह इसका बदला ले रहा है कि मैंने ठीक से परवरिश नहीं की? मुझे नहीं पता कि मैं उसकी यह गलत आदत कैसे छुड़ाऊं?
जिज्ञासु गुस्साई मां
डियर जिज्ञासु गुस्साई मां,
मुझे लिखने के लिए शुक्रिया. ऐसा कहते हैं कि एक बच्चे को पालने के लिए एक पूरे गांव की जरूरत पड़ती है और यहां तो आप अकेली ही अपने बच्चे के लिए पूरा गांव हैं. मैं समझ सकता हूं कि यह आसान काम नहीं रहा होगा. जिंदगी में एक ऐसा वक्त आता है, जहां एहसास नाकाम हो जाता है और जो बाकी रह जाता है वह सिर्फ एक समझदारी है, जिसे हम एहसास के रूप में वर्णित कर सकते हैं. एक पार्टनर का नहीं रह जाना ऐसा ही एहसास है. मुझे पता है कि सालों बीतने के बाद, आपने इसे स्वीकार कर लिया होगा, फिर भी किसी को खोना काफी तकलीफदेह है, खासकर जब यह आपके किसी सपने के पूरा होने के फौरन बाद होता है, जिसे आपने उस शख्स के साथ मिलकर देखा था.
एक बच्चे की परवरिश पर नियंत्रण खो देना मुमकिन है, जबकि आप बहुत सारी चीजों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो आपका ध्यान भटक सकता है.
असल में, समस्या यह नहीं है कि आपका अपने बेटे से ध्यान भटक गया है, इसके उलट, समस्या यह है कि आप उस पर बहुत ज्यादा ध्यान दे रही हैं.
आप अभी 56 साल की हैं और आप 35 वर्ष की उम्र में प्रेग्नेंट हुई थीं, तो आपके बेटे की उम्र 20 के आसपास लगती है.
मुझे यकीन है कि आपका असली इरादा बुरी नीयत से या बेटे की प्राइवेसी में दखल देने का नहीं है, हालांकि, एक दूसरे के दायरे का सम्मान करना जरूरी है.
मास्टरबेशन कोई पाप नहीं है, और हालांकि हर कोई चाहेगा कि कोई भी पोर्नोग्राफी न देखे, सच तो यह है कि हम सभी ने अपनी जिंदगी में कभी ना कभी पोर्न देखा है. हालांकि पोर्न देखने के असर पर बहस की जा सकती है, लेकिन मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि यह हमेशा हमारी शख्सियत का आइना नहीं है.
जब हमारे बच्चे बालिग होते हैं, तो हमें ख्याल रखना होगा कि उनके साथ बालिग की तरह बर्ताव करना चाहिए, न कि बच्चों की तरह.
मैं माफी मांगता हूं अगर मेरी बात असभ्य लगे- आप उसकी मां हो सकती हैं, लेकिन दूरी और दायरे का सम्मान करना आपकी भी उतनी ही जिम्मेदारी है जितनी कि उसकी.
मुझे यकीन है कि चीजें बेहतर होंगी. आपको बस कुछ चीजों को हल्के में लेने की जरूरत है.
प्यार के साथ,
रेनबोमैन
अंतिम बातः मुझे लगता है, वक्त आ गया है कि ताका-झांकी छोड़ दें और अपने बेटे को वह मां दें जिसे वह प्यार करता है, शर्लाक होम्स नहीं.
डियर रेनबोमैन,
मैं 33 साल का हूं और मैंने 2015 में शादी की थी. मेरी बीवी मुझसे पांच साल छोटी है, इससे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि वो मुझे 10-15 दिनों में सिर्फ एक बार से ज्यादा सेक्स करने की इजाजत नहीं देती है.
इस लंबे इंतजार की वजह से मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाता हूं और 3-4 मिनट में ही ऑर्गेज्म हो जाता है. मैं दूसरी औरतों के साथ सेक्स संबंध बनाने की जरूरत महसूस करता हूं. इसकी वजह लंबा अंतराल है.
मैं आपसे जानना चाहता हूं- क्या सेक्स के लिए किसी दूसरी औरत के पास जाना ठीक है?
कृपया मुझे बताएं.
उतावला राज
प्रिय उतावले राज,
अपनी जिंदगी का एक अंतरंग हिस्सा मुझसे साझा करने के लिए शुक्रिया.
सेक्स रुचियां हर शख्स में अलग-अलग होती हैं, इस तथ्य से कि वह उम्र में आपसे छोटी हैं, इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें सेक्स में ज्यादा रुचि होनी चाहिए. हम सभी ऐसे लोगों के बारे में जानते हैं, जो 50 और 60 साल की उम्र के बाद भी सेक्शुअली सक्रिय हैं.
तथ्य ये है कि वह आपके साथ लगभग दो सप्ताह तक यौन संबंध नहीं रखती हैं, यह ऐसा मसला है जिस पर आपको ध्यान देना चाहिए.
दिल से दिल की बात से बेहतर कोई उपाय नहीं है.
उन्हें उनकी बेरुखी के लिए दोष न दें. उनकी नीयत, भावनाओं और ख्वाहिशों पर सवाल न उठाएं, बल्कि उन्हें बताएं कि आपकी क्या ख्वाहिश है और शारीरिक नजदीकी हासिल करने में उनकी हिस्सेदारी चाहते हैं.
मुझे लगता है कि किसी दूसरी औरत के पास जाने का फैसला लेना नाइंसाफी है और इस तरह अपनी पत्नी को धोखा देना है, जबकि आपने पहले इसे बारे में उनके साथ मुद्दे को सुलझाने की कोशिश ही नहीं की है.
उनकी अपनी वजहें हो सकती हैं. या इसकी कोई वजह नहीं भी हो सकती है, उसकी बस रुचि नहीं हो. जो भी वजह हो, उस पर कोई भ्रम ना हो. अपराधबोध और दोषारोपण के नजरिए से मत देखें, समझदारी, एहसास और आपसी सहमति बनाएं.
मुझे यकीन है कि यह अच्छी तरह काम करेगा, बशर्तें कि आपकी भावनाएं नियंत्रण में हों और आप उनके साथ व्यावहारिक चर्चा करते हैं.
मुस्कान के साथ,
रेनबोमैन
डियर रेनबोमैन,
मैं एक 22 साल का नौजवान हूं. मैं एक पुरुष हूं और ये बात मैं आठ साल की उम्र से जानता हूं.
मुझे कभी भी फ्रॉक पहनना पसंद नहीं था. लेकिन मेरे माता-पिता दोनों ने मुझे वही पहनने के लिए मजबूर किया. उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे लड़के की तरह कपड़े नहीं पहनने चाहिए क्योंकि उस हालत में कोई भी लड़का मुझसे शादी नहीं करेगा.
मेरा कभी-कभी मर जाने का मन करता है. मुझे अचंभा होता है कि मेरी मां आखिर क्यों नहीं समझ पाती.
मैं उन्हें बताता रहता हूं कि मैं लड़का हूं, वह कहती रहती हैं कि मुझे लड़की की तरह रहना चाहिए. मुझे इस जिंदगी से नफरत है. मुझे क्या करना चाहिए.
मैं अपनी मां को कैसे यकीन दिलाऊं कि मैं नौजवान लड़का हूं.
कृपया मुझे फौरन जवाब दें.
पुरुष
डियर पुरुष,
मुझे लिखने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया. मैं आपसे यह नहीं कहूंगा कि मैं वह सब समझता हूं जिन हालात से आप गुजर रहे हैं, लेकिन मुझे उन मुश्किलों का अंदाजा है, जिनका सामना आप एक ऐसे पुरुष के रूप में कर रहे हैं जो एक महिला के रूप में पैदा हुआ है.
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किन शारीरिक अंगों के साथ पैदा हुए हैं. जेंडर जननांगों से परे है.
आपका जेंडर ही आपकी सच्चाई है, जिसे आपको जीने का एक मौका मिलना चाहिए.
जेंडर वह है जो आप लोगों को बताते हैं कि वह है, जेंडर वह नहीं है जिसे दूसरे लोग सोचते हैं.
मुझे पता है कि बात जब हमारे अपने माता-पिता की आती है, तो हम उनकी स्वीकृति चाहते हैं. हम समर्थन चाहते हैं. कभी-कभी जब हमारे करीबी दायरे में वह सहारा देने वाले कंधे नहीं मिलते हैं तो अकेलापन महसूस करते हैं.
कभी-कभी हम यह भूल जाते हैं कि हम अपनी सच्चाई के साथ अपनी जिंदगी का सफर तय करते हैं, तो साथ ही हमारे अजीजों और परिवार की भी अपनी सच्चाइयों के साथ अपनी यात्रा होती है.
अपनी मां को वक्त दें. अपनी मां को एक दोस्ताना मनोवैज्ञानिक के साथ बातचीत के जरिये आपको समझने में मदद करें. Facebook पर Sweekar नाम का एक ग्रुप है. अगर संसार में इस जगह आपको अपनापन महसूस करने में मदद करती है, तो मैं बताना चाहूंगा कि मैं इस समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक हूं और इसकी महत्वपूर्ण बैठकों और फैसलों में शामिल होता हूं, लेकिन यह समूह पूरी तरह से LGBTIQ व्यक्तियों के माता-पिता द्वारा LGBTIQ व्यक्तियों के माता-पिता के लिए चलाया जाता है. आप उनसे www.facebook.com/SweekarTheRainbowParents पर मिल सकते हैं
आप उमंग से भी संपर्क कर सकते हैं. उमंग हमसफर ट्रस्ट द्वारा चलाया जाने वाला एक समूह है, जो लेस्बियन, बाईसेक्शुअल, नॉन-बाइनरी महिलाओं और ट्रांस पुरुषों व महिलाओं के लिए एक मददगार व्यवस्था है. आप उनसे umanglbt@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं.
कृपया लोगों से मिलें और मुझे यकीन है कि हम एक साथ मदद पा सकते हैं. वक्त गुजरने के साथ चीजें बेहतर हो जाएंगी. उम्मीद ना छोड़ें.
मुस्कान के साथ,
रेनबोमैन
अंतिम बातः उम्मीद का दामन ना छोड़ें, खुशियां आपके आसपास बिखरी होंगी.
(लोगों की पहचान छिपाने के लिए तथ्यों और जगह के नाम में कुछ बदलाव किया गया है. आप अपने सवाल sexolve@thequint.com पर भेज सकते हैं.)
(हरीश अय्यर एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं.)
(FIT अब Telegram पर उपलब्ध है. जिन मुद्दों की आपको परवाह है, उन पर चुनिंदा स्टोरी हासिल करने के लिए हमें Telegram पर सब्सक्राइब करें.)
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Published: 29 Sep 2019,09:20 AM IST