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हम लोग हर साल मॉनसून का इंतजार करते हैं और बारिश के आते ही मौका मिलते ही भीगना भी शुरू कर देते हैं. वैसे भी मौसम की पहली बारिश में भीगना किसे पसंद नहीं होता लेकिन ये मौसम अपने साथ इन्फेक्शन भी लेकर आता है जो आपका पूरा मजा किरकिरा कर सकता है.
आइए जानें इस मौसम में होने वाली कुछ खास बीमारियों और उनसे बचाव के तरीके -
मॉनसून के दौरान सर्दी, जुकाम और बुखार आना बहुत आम बात है लेकिन अगर बढ़ा हुआ बाॅडी टेम्परेचर 3 दिन तक कम नहीं हो रहा हो. इसके साथ ही आपको हड्डियों के टूटने जितने दर्द का सामना करना पड़े तो आप एंटीबायोटिक लेना बंद करें और ब्लड टेस्ट के लिए डाॅक्टर के पास जाएं. क्योंकि, आप मलेरिया या डेंगू के शिकार हो सकते हैं.
अगली बार दोबारा बीमार न पड़ने के लिए फॉलो करें ये टिप्स -
यह कीटाणुओं की संक्रमण चेन को तोड़ने में मदद करता है. जब भी आप एक संक्रमित चीज को छूते हैं तो आपके हाथों में 30% से 50% तक कीटाणु आ जाते हैं.
ऐसे में हैंड सैनिटाइजर के यूज हाथों को साबुन से धोने से आप इंफेक्शन से बच सकते हैं.
अगर आॅफिस में काम करना आपकी मजबूरी है और आप छुट्टी नहीं ले सकते तो अपना चेहरा ढ़क कर काम करें. किसी से हाथ मिलाने से बचें. कीबोर्ड छोड़कर और किसी भी चीज को हाथ लगाने से परहेज करें.
अगर आप गर्भवती हैं या छोटे बच्चे की मां हैं या पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो बेहतर है कि आप बरसात से पहले ही बीमारी से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन यानि कि टीका लगवा लें.
माॅनसून में चटपटी चीजों को खाने से खुद को रोकना मुश्किल है. लेकिन पेट के इंफेक्शन से बचने के लिए जरुरी है कि हम खुद पर थोड़ा कंट्रोल रखें.
गरम पकोड़े, समोसा और चाय...बारिश में ये चीजें बहुत लुभाती हैं. लेकिन इन्हें खाना एक रिस्क हो सकता है. लेकिन आप खुद को नहीं रोक पा रहें तो बेहतर है कि गरम खानों को ही तरजीह दें जो अच्छे तरीके से पकाए गए हों.
मशरुम, गोलगप्पा, सलाद, सड़क किनारे मिलने वाला ताजा जूस, शरबत और हरी पत्तियों वाली शरबत. जी हां! सही पढ़ा. हमेशा आपकी मां आपसे इन चीजों को खाने-पीने के लिए कहती होंगी पर बारिश में ये सब कीटाणुओं के पनपने की सबसे मुफीद जगह होती है. तो खुश हो जाइए क्योंकि बरसात तक आपको पालक, मेथी, पत्तागोभी से तो छुटकारा मिल ही जाएगा.
बारिश के दिनों में पानी इतना दूषित हो जाता है कि वो आपके वाटर प्यूरिफायर के फिल्टर को भी गंदगी से जाम कर सकता है. ऐसे में बेहतर है कि आप पानी उबाल कर रखें और उसका ही उपयोग करें.
मॉनसून के दौरान टाइफाइड होने का खतरा भी रहता है. संक्रमित पानी और खाने के जरिए इस रोग के होने की संभावना सबसे अधिक होती है. इस बीमारी में तेज बुखार आता है, जो घटता बढ़ता रहता है और कई दिनों तक बना रहता है. इस बीमारी की सबसे खतरनाक बात यह है कि व्यक्ति के ठीक होने के बाद भी संक्रमण रोगी के पित्ताशय में बना रहता है, जो खतरा पैदा कर सकता है.
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Published: 19 Jul 2016,06:41 PM IST