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PCOS से निपटने के लिए जरूरी है इन दो चीजों पर खास ध्यान देना

लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव PCOS की ज्यादातर दिक्कतों से आराम दे सकते हैं.

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शरीर के वजन को मेंटेन कर पीसीओएस के ज्यादातर लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है.
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शरीर के वजन को मेंटेन कर पीसीओएस के ज्यादातर लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है.
(फोटो: iStock)

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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जिसे मैनेज करने के लिए एक्सपर्ट्स सही डाइट से शरीर का वजन नियंत्रित रखने को अहम बताते हैं.

आमतौर पर अनियमित पीरियड्स और इंफर्टिलिटी, पुरुष हार्मोन (गोनैडोट्रोपिन) का हाई लेवल, मोटापे के तौर पर नजर आने वाला पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है.

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि PCOS से प्रभावित 10 में से 1 महिलाओं और युवा लड़कियों के साथ ये जानना बेहद जरूरी है कि शरीर के वजन को मेंटेन कर पीसीओएस के ज्यादातर लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है.

लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव और वेट मैनेजमेंट

दिल्ली की एक सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट पोडियम की हेड शिखा महाजन कहती हैं, 'ज्यादातर लड़कियां पीसीओएस के परिणामों से जूझती रहती हैं, बिना यह जाने कि इनमें से अधिकांश समस्याओं का समाधान स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने में है.'

लांसेट जर्नल में 2017 में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक वजन कम कर पीसीओएस के सभी लक्षणों में सुधार किया जा सकता है.

इसलिए लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव के साथ वेट मैनेजमेंट की सलाह दी जाती है.

PCOS से निपटने में डाइट अहम

PCOS कंट्रोल करने में डाइट की अहम भूमिका होती है(फोटो: iStock)

एम्स में डाइटीशियन स्वप्ना चतुर्वेदी कहती हैं कि PCOS कंट्रोल करने में डाइट की अहम भूमिका होती है और आदर्श वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है.

फाइबर से भरपूर डाइट, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर लो फैट डाइट, फल और सब्जियों के रूप में एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार होना चाहिए. मैदा, सूजी, शुगर जैसे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से परहेज करना चाहिए. फिजिकल एक्टिविटी और हेल्दी लाइफस्टाइल जरूरी है.
स्वप्ना चतुर्वेदी, डाइटीशियन, एम्स
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मैक्स हेल्थकेयर में कंसल्टेंट और फंक्शनल न्यूट्रिशनिस्ट मंजरी चंद्रा के मुताबिक पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) इंसुलिन की कमी से होने वाला हार्मोनल असंतुलन है.

डाइट कार्बोहाइड्रेट और शुगर का इनटेक को कंट्रोल या कम करके और फाइबर व एंटीऑक्सीडेंट बढ़ा कर इसे बेहतर तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है.
मंजरी चंद्रा, कंसल्टेंट और फंक्शनल न्यूट्रिशनिस्ट, मैक्स हेल्थकेयर

क्या इसका मतलब है कि PCOS से पीड़ित महिलाओं को हमेशा वेट लॉस डाइट फॉलो करनी चाहिए?, "असल में नहीं." शिखा महाजन ने आगे बताया, इंसुलिन के हाई लेवल के कारण ओवरीज से पुरुष हार्मोन प्रोड्यूस हो सकते हैं, इसलिए PCOS में इंसुलिन हार्मोन पर प्रभावी कंट्रोल अहम है.

सर गंगाराम हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ माला श्रीवास्तव कहती हैं कि डाइट के जरिए PCOS से निपटने के लिए ऐसी चीजों की लिस्ट बनानी चाहिए, जिसे फॉलो करना आसान हो.

(ये पीटीआई की स्टोरी का अनुवाद है.)

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Published: 18 May 2019,06:13 PM IST

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