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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जिसे मैनेज करने के लिए एक्सपर्ट्स सही डाइट से शरीर का वजन नियंत्रित रखने को अहम बताते हैं.
आमतौर पर अनियमित पीरियड्स और इंफर्टिलिटी, पुरुष हार्मोन (गोनैडोट्रोपिन) का हाई लेवल, मोटापे के तौर पर नजर आने वाला पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है.
दिल्ली की एक सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट पोडियम की हेड शिखा महाजन कहती हैं, 'ज्यादातर लड़कियां पीसीओएस के परिणामों से जूझती रहती हैं, बिना यह जाने कि इनमें से अधिकांश समस्याओं का समाधान स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने में है.'
लांसेट जर्नल में 2017 में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक वजन कम कर पीसीओएस के सभी लक्षणों में सुधार किया जा सकता है.
एम्स में डाइटीशियन स्वप्ना चतुर्वेदी कहती हैं कि PCOS कंट्रोल करने में डाइट की अहम भूमिका होती है और आदर्श वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है.
मैक्स हेल्थकेयर में कंसल्टेंट और फंक्शनल न्यूट्रिशनिस्ट मंजरी चंद्रा के मुताबिक पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) इंसुलिन की कमी से होने वाला हार्मोनल असंतुलन है.
क्या इसका मतलब है कि PCOS से पीड़ित महिलाओं को हमेशा वेट लॉस डाइट फॉलो करनी चाहिए?, "असल में नहीं." शिखा महाजन ने आगे बताया, इंसुलिन के हाई लेवल के कारण ओवरीज से पुरुष हार्मोन प्रोड्यूस हो सकते हैं, इसलिए PCOS में इंसुलिन हार्मोन पर प्रभावी कंट्रोल अहम है.
सर गंगाराम हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ माला श्रीवास्तव कहती हैं कि डाइट के जरिए PCOS से निपटने के लिए ऐसी चीजों की लिस्ट बनानी चाहिए, जिसे फॉलो करना आसान हो.
(ये पीटीआई की स्टोरी का अनुवाद है.)
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Published: 18 May 2019,06:13 PM IST