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सेक्सॉल्व: ‘क्या मेरी रिलेशनशिप में अलगाव आ रहा है?’

‘हमने एक-दूसरे से उस तरह से बात नहीं की, जैसे हम करते थे.’

हरीश अय्यर
फिट
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‘क्या ये धीरे-धीरे ब्रेकअप का संकेत है?’
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‘क्या ये धीरे-धीरे ब्रेकअप का संकेत है?’
(फोटो: iStockphoto)

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सेक्सॉल्व समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब आधारित कॉलम है. अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीके या रिलेशनशिप से जुड़ी कोईपरेशानी है, कोई उलझन है, जिसे आप हल नहीं कर पा रहे हैं, या आपको किसी तरह के सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले, तो हरीश अय्यर को लिखिए और वो आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे.

आप sexolve@thequint.com पर मेल कर सकते हैं.

पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाबः

‘क्या मेरी रिलेशनशिप में अलगाव रहा है?’

डियर रेनबोमैन,

मेरा पिछले 14 सालों से एक लड़के के साख संबंध है. हम एक-दूसरे को बहुत प्यार करते हैं और कभी एक दूसरे को धोखा नहीं दिया, यहां तक कि इसकी जरूरत भी महसूस नहीं हुई. हम लगभग एक शादीशुदा जोड़े की तरह हैं. हमारे बीच कभी कोई मतभेद या झगड़ा नहीं हुआ. वह दूसरे शहर में रहता है, इसलिए जब वह मेरे शहर में आता है, तो हम साथ में मजे करते हैं. हालांकि, बीते एक हफ्ते में चीजें बिगड़ गई हैं. सही मायनों में हमारे बीच कोई लड़ाई या कोई बात नहीं हुई, लेकिन हमने एक-दूसरे से उस तरह बात नहीं की, जैसे हम करते थे. क्या ये निशानियां धीरे-धीरे ब्रेकअप की हैं? अगर ऐसा है, तो मैं अभी खुद सुधार कर लूं. कृपया मेरा मार्गदर्शन करें ताकि मैं हमारे रिश्ते को खत्म न होने दूं. हम जो साझा करते हैं, वह दुर्लभ है.

फिक्रमंद

हम में कभी कोई मतभेद या झगड़ा नहीं हुआ.(फोटो: iStockphoto)

प्रिय फिक्रमंद,

सबसे पहले, मैं आपको एक प्यार करने वाला पार्टनर मिलने के लिए बधाई देता हूं.  आपको मालूम होगा सच्चा प्यार मिलना बहुत दुर्लभ है, है ना? इस तथ्य की भी तारीफ करनी होगी कि आपने सहज और स्वाभाविक रूप से संबंध बनाए रखा है. यह भी एक ऐसी चीज है, जिस पर हमें जश्न मनाने की जरूरत है. इसके लिए बधाई.

सबसे पहली बात, मुझे आपके जेंडर या आपके यौन रुझान के बारे में पता नहीं है और गंभीरता से कहें तो ये महत्वपूर्ण भी नहीं है. हर रिलेशनशिप जंगलों और खाइयों से होकर गुजरती है और ऐसी रिलेशनशिप जो बहुत आम नहीं होती, अलग होने के नाते उसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

आपकी रिलेशनशिप के बारे में, मेरा अंदाजा है कि आपका अपने पार्टनर के साथ एक खुला तालमेल है, तो इसकी चुनौतियों का भी सामना करें. कृपया आमने-सामने बैठें और उससे सीधे पूछें, “आपको क्या चीज परेशान कर रही है.” अपने दिमाग में साजिश के ख्याल मत लाएं. दोस्तों और परिवार के सदस्यों की फौज को मत बताएं. यह उसके साथ आपकी समस्या है, पहले आप इसे खुद हल करें.

ये अफसोसजनक है कि लड़ाई और मनमुटाव के बाद अलगाव को सहज माना जाता है, और तालमेल व निश्छल आत्मीयता को अनोखा समझा जाता है. लेकिन मुझे खुशी है कि आप अनोखे किस्म हैं क्योंकि आप लोग अलग हैं और अलग ही तरह के लोग हैं.

हां, कभी-कभी रिलेशनशिप बिना लड़ाई की होती हैं. मैं भी किसी ऐसे शख्स के साथ रिलेशनशिप में था, जिसे मैं प्यार करता था और वह भी मुझसे प्यार करता था. हममें कभी लड़ाई नहीं हुई, हमारे बीच कभी कोई तकरार नहीं हुई, लेकिन आखिरकार हम अलग हो गए. हालांकि मैं उसे अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे समय में से एक मानता हूं, जो बिना किसी बेढंगेपन के था, यह बात कई बार दर्द देती है कि हम “दंपती” नहीं हैं. मैं यह आपका दुख बढ़ाने के लिए नहीं कह रहा हूं, लेकिन मैं आपकी यह बात समझने के लिए सराहना करता हूं कि कुछ वर्षों के बाद हर रिश्ते को आत्मावलोकन की जरूरत होती है.

यहां तक कि पौराणिक कथाओं में भी प्रेम कहानियों में 14 साल के प्रेम संबंधों के बाद “खुशी-खुशी रहे” के उदाहरण नहीं हैं. और आपका रिश्ता एक हकीकत है. हालांकि, इस पर बात करें और इसका समाधान करें, लेकिन यकीन बरकरार रखें और सोच-सोच कर खुद को पागल न बनाएं.

कुछ आशावाद कायम रखें. अपने डर को नकारात्मक संभावनाओं का आधार न बनाएं, इसके बजाए सकारात्मक संभावना को जगह दें.

ठीक है?

रेनबोमैन

आखिरी बातः प्यार जीतता. हमेशा यही होता है.

‘मैं थक जाता हूं, लेकिन मेरी पत्नी मेरी मदद नहीं करती है’

मैं कई बार वाकई थक जाता हूं और कोई मेरी मदद करने वाला नहीं होता.(फोटो: iStockphoto)

डियर रेनबोमैन,

मैं कड़ी मेहनती करने वाला और प्यार करने वाला पति हूं. हमारी शादी को आठ साल हो चुके हैं. मैं पूरी कोशिश करता हूं कि अपनी पत्नी की देखभाल करूं. मैं फुल टाइम काम करता हूं, मेरी पत्नी पार्ट टाइम काम करती है. वह दोपहर में घर आती है और सो जाती है. मैं घर आने के बाद कपड़े धोता हूं, खाना पकाता हूं, बर्तन मांजता हूं. यहां तक कि अगले दिन के लिए लंच बॉक्स भी तैयार करता हूं. वह मेरे बारे में अपने दोस्तों को बहुत गर्व से बताती है और घरेलू काम में मदद करने के लिए मेरी तारीफ करती है. चंद लोग मेरा मजाक उड़ाते हैं, जबकि बहुत से ऐसे भी लोग हैं, जो एक नारीवादी के रूप में मेरी तारीफ करते हैं.

मैं ये सब इन तारीफों के लिए नहीं करता, हालांकि, मैं कहूं कि मैं खुद को महान नहीं समझता तो ऐसा कहना झूठ होगा. लेकिन इसमें एक समस्या है, जिसके बारे में मैं किसी से बात नहीं कर सकता क्योंकि मैं खुद की सकारात्मक छवि का शिकार हूं. मुझे यह बात अच्छी नहीं लगती कि मेरी पत्नी मेरी मदद नहीं करती है. मैं कई बार थक जाता हूं और मेरी मदद करने वाला कोई नहीं होता. मेरी पत्नी सफाई को लेकर काफी सख्त है. वह नियमित रूप से, जब-तब ठीक से काम नहीं करने के लिए मुझ पर चिल्लाती रहती है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस समस्या से कैसे निपटा जाए.

होम मेकर

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प्रिय होम मेकर,

आप अलग किस्म के शख्स हैं. मैं आपको होम मेकर ही कहूंगा. घर के काम करने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए. अरसे से यह जेंडर पर आधारित रहा है, अब ऐसा नहीं होना चाहिए. मुझे आपके जैसे पुरुषों पर नाज है, जो पितृसत्ता के कैंसर के अपवाद हैं और आप तारीफ के काबिल हैं.

दुनिया भर में पुरुषों द्वारा शादी के रिश्ते में बंधी महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है, उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है, उनका बलात्कार किया जाता है. एक काबिले-तारीफ बदलाव के लिए आपका धन्यवाद.

जैसा कि कहा जाता है, एक शब्द के रूप में नारीवाद का एक शब्दकोषीय अर्थ हो सकता है, लेकिन हम सभी इसकी अपनी समझ, आस्था और अनुभव के हिसाब से व्याख्या करते और समझते हैं. दो सबसे अधिक आबादी वाले जेंडर के बारे में बात करते हुए मेरी राय में नारीवाद जेंडर की समानता के बारे में है. मेरे लिए, यह उन महिलाओं या पुरुषों के बारे में नहीं है, जो “कौन किससे बेहतर है” की लड़ाई लड़ रहे हैं. मेरी विनम्र राय में, हालांकि हम इसे एक आदर्श के रूप में पेश नहीं कर सकते हैं, लेकिन आमतौर पर महिलाएं अधीनस्थ भूमिका में होती हैं. इस मामले में, वह निश्चित रूप से बहुत नकचढ़ा बर्ताव कर रही हैं.

उन्हें बोल दें, बहुत सख्ती दिखाना बंद करो.

पुरुष अतिवाद का जवाब स्त्री अतिवाद नहीं है. पुरुष पितृसत्ता का जवाब दूसरे जेंडर द्वारा पितृसत्ता लागू करना नहीं है. 

सदियों की अधीनता का बदला लेने का तरीका अधीनता नहीं है. वह जो कुछ कर रही हैं (या नहीं कर रही हैं), गलत है. कृपया इस बर्ताव को बढ़ावा न दें. उसे नरमी से बोलें और जिम्मेदारियों को साझा करना शुरू करें. यह सब अचानक शुरू न कर दें. लेकिन धीरे-धीरे करें.

फिर से कह दूं कि आप जो करते हैं उसके लिए धन्यवाद और उम्मीद है, वो धीरे-धीरे वह करना शुरू कर देंगी, जो उन्हें करना चाहिए.

मुस्कान,

रेनबोमैन

अंतिम बातः अगर दोनों बराबर नहीं हैं, तो बराबरी नहीं है. जिम्मेदारियां साझा करें.

‘मैं समलैंगिक समुदाय के लिए कुछ काम करना चाहता हूं’

डियर रेनबोमैन,

मैं कॉलेज में पढ़ने वाला 19 साल का समलैंगिक पुरुष हूं. मैं बाकी समलैंगिक पुरुषों की मदद करना चाहता हूं. मेरे बारे में लोगों को पता हैं. परिवार भी जानता है और समर्थन करता है. मैं यह काम कैसे कर सकता हूं?

उत्साही

नई दिल्ली, 2009 में एक गे प्राइड मार्च में भाग लेते प्रदर्शनकारी.(फोटो: रॉयटर्स)

प्रिय उत्साही,

खुली पहचान रखने (और इसे जाहिर करने) पर बधाई और अब जबकि आप बंधन से आजाद हैं, दूसरों के बारे में सोचने के लिए धन्यवाद.

आपका जीवन ही आपका संदेश है. आप जो हैं, वह होने से भी लोगों को मिलने वाला लाभ, आपके द्वारा की जाने वाली सभी कल्याणकारी गतिविधियों से ज्यादा होगा.

“अपने असली जीवन को सही रूप में और बिना झिझक जीना, एक्टिविज्म का सबसे सच्चा रूप है.”

स्वयं को असल में रूप में जीने के अलावा, आप आगे बताए काम कर सकते हैं:

एक कॉलेज क्लब शुरू करें

अपने कॉलेज में एक क्लब शुरू करें, जिसमें लोग आकर सेक्स और सेक्सुअलिटी के बारे में चर्चा कर सकें. हालांकि ध्यान रखें- इसके साथ “सेक्स” या “ सेक्सुअलटी” शब्द ना जोड़े, आप इसके साथ“जेंडर” या “इक्वेलिटी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल सकते हैं.

यारियां और गे सी फैमिली जैसे युवा समूहों में शामिल हों

मुंबई में कई एलजीबीटी युवा समूह हैं और कई दूसरे शहरों में भी सक्रिय हैं. इनमें से अधिकांश ऑनलाइन समूह हैं. इसलिए निश्चित रूप से इन समूहों का एक हिस्सा बना जा सकता है, भले ही इनके कार्यक्रमों में हिस्सा लेना मुमकिन ना हो. Yaariyah.hst@gmail.com, gaysifamily@gmail.com इनकी ईमेल आईडी है. उन्हें एक मेल भेजें.

प्राइड के आयोजन में हिस्सा लें

हमें info@mumbaipride.in पर मेल करें और प्राइड मीटिंग्स में शामिल होना शुरू करें. अगर आपको दूसरे शहरों में आयोजित की जाने वाली प्राइड के ब्योरे की जरूरत है, तो मुझे एक ईमेल करें.

अपने माता-पिता को स्वीकार में नामांकित करें

माताओं-पिताओं का एक समूह है जिसे Sweekar कहा जाता है.

Https://www.facebook.com/SweekarTheRainbowParents/

अपने माता-पिता को लिखें और उन्हें शामिल करें.

स्थानीय विधायक/सांसद से बात करें

उनको बोलें कि हमारा अस्तित्व है. हालांकि धारा 377 को खत्म कर दिया गया है, लेकिन पूर्वाग्रह आसानी से खत्म नहीं होता.

लोगों की बात सुनें

लोग कई बार समाधान नहीं चाहते हैं, वो बस किसी ऐसे शख्स को ढूंढते हैं, जो उनकी बात सुन ले. बिना विशेषज्ञ की तरह सलाह दिए अपने एलजीबीटी दोस्तों को सुनें. उन्हें अपनी राह तलाशने और अपनी खुद की यात्रा तय करने में मदद करें. बस अपनी कहानी साझा करें, और उनकी बातें सुनें.

मानसिक स्वास्थ्य

मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स की संख्या बहुत कम है. मानसिक स्वास्थ्य को लेकर पूर्वाग्रहों को देखते हुए, इसके बजाए कि वो एक गैर-प्रोफेशनल से बात करें, कृपया मुझे बेफिक्र होकर लिखें और मुझे उनकेलिए श्रोता बनने या दूसरे श्रोताओं को निर्देशित करने में खुशी होगी.

हमारी राह का साथी बनने के लिए आपका स्वागत है, युवा एक्टिविस्ट.

मुस्कुराइए,

अंतिम बातः हमें आपकी जरूरत है.

(लोगों की पहचान सुरक्षित रखने के लिए नाम और कुछ ब्योरे बदल दिए गए हैं. आप भी अपने सवाल sexolve@thequint.com.)

(हरीश अय्यर एलजीबीटी समुदाय, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक समान अधिकार कार्यकर्ता हैं.)

(FIT अब वाट्स एप पर भी उपलब्ध है. अपने पसंदीदा विषयों पर चुनिंदा स्टोरी पढ़ने के लिए हमारी वाट्स एप सर्विस सब्सक्राइब कीजिए, यहां क्लिक कीजिए और सेंड बटन दबा दीजिए.)

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