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भारत में हर साल दिल की बीमारियों के कारण 30 लाख लोगों की मौत हो जाती है. पिछले पांच सालों में 20 और 30 की उम्र के लोगों में हार्ट अटैक की तादाद में काफी बढ़ोतरी हुई है.
20 साल की उम्र आपके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, लेकिन ध्यान रखें, इस उम्र में भी किसी को हृदय रोग घेर सकता है. पिछले साल मेट्रोपॉलिटिन शहरों के 20 से 39 साल के लोगों के बीच हृदय संबंधी रोगों के बारे में एसोचेम ने एक स्टडी की, जिसमें पाया गया कि इस उम्र के करीब 75 प्रतिशत लोगों में हृदय रोग होने के एक से अधिक कारण मौजूद हैं.
हृदय रोगों की ओर हमारी जीन में पाई जाने वाली टेंडेंसी और निष्क्रिय जीवनशैली आदि मिलकर हमें हार्ट अटैक की ओर ले जाते हैं.
यहां कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिनकी 20 की उम्र में शुरुआत करके आप स्वस्थ जीवन पा सकते हैं:
शरीर का ठीक वजन हमेशा कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करता है, ग्लूकोज और ब्लडप्रेशर के स्तर को ठीक रखता है. थोड़ा प्रोटीन, पूरा अनाज और ताजा फल खाएं. इंस्टेंट का लेबल लगा हुआ या पैक्ड फूड आपके किचन में नहीं होना चाहिए. यहां तक कि बोतलबंद ड्रिंक्स, जंक फूड और नमकीन से दूर रहें.
आपको क्या करना है, क्या नहीं, इससे आपके जीवन की गुणवत्ता तय होती है. आपको किसी फैंसी जिम का सदस्य बनने की जरूरत नहीं है. हृदय रोग के खतरे को बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले तीन कारकों- ब्लडप्रेशर,कोलेस्ट्रोल और डायबिटीज को कम करने के लिए तेज चलना भी दौड़ने के जितना ही अच्छा होता है.
अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन की सलाह के मुताबिक, अपने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट सामान्य व्यायाम करना चाहिए या 75 मिनट तक जोरदार तरीके से व्यायाम करना चाहिए. (या हल्के या कठोर व्यायाम को मिलाकर करना चाहिए).
धूम्रपान करने वालों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में हृदय रोग होने का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है. न्यू इंग्लैंड जर्नल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अगर आप स्मोकर के ग्रुप में रहते हैं, तो हृदय रोग होने की संभावना 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
वर्ल्ड हार्ट फेडेरेशन का कहना है कि अगर फर्स्ट डिग्री मेल रिलेटिव (पिता या भाई) में से किसी को 55 साल की उम्र से पहले हार्ट अटैक आया है या फिर आपके फर्स्ट डिग्री फिमेल रिलेटिव में से किसी को 65 साल की उम्र से पहले हार्ट अटैक आया है, तो आपको हृदय रोग होने का खतरा बहुत अधिक होता है.
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडिएट्रिक्स भी इस बात की सलाह देता है कि अगर आपके परिवार के पुरुष सदस्यों में 55 साल से कम उम्र में और महिला सदस्यों में 65 साल से कम उम्र में हृदय रोग होते रहे हैं, तो उस परिवार के बच्चों को 10 साल से कम उम्र में कोलेस्ट्रोल की जांच करानी चाहिए.
तनाव सीधे तौर पर हार्ट अटैक का कारण नहीं बनता है. लेकिन अचानक अत्यधिक तनाव कभी-कभी कार्डियोमियोपैथी (ब्रोकेन हर्ट सिंड्रोम) का कारण बन सकता है, जो हार्ट अटैक के बहुत करीब होता है. उसमें स्वास्थ्य की जांच कराने की जरूरत होती है. इसलिए अपने तनाव को कम करें तथा सीधे तौर पर हार्ट अटैक का कारण बनने वाले ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखें.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे पहला कदम यही होता है कि आप अपने स्वास्थ्य की जानकारी लें. इसके लिए एक महत्वपूर्ण बात है कि आप आपने हेल्थ नंबर्स को जानें. अपने लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर लेवल आदि की जांच कराते रहें. अपने फिजिकल चेकअप के माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि कहीं आप हृदय संबंधी रोग की ओर तो नहीं बढ़ रहे.
याद रखें, जीवन के किसी भी समय में आप हृदय संबंधी रोगों के खतरे को कम करने के लिए कुछ न कुछ कर सकते हैं.
(डॉ. नीलेश गौतम, एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलोजिस्ट और प्रिवेंटिव कार्डियलॉजी एंड रिहैब्लिटेशन विभाग के अध्यक्ष हैं.)
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Published: 04 Oct 2017,07:08 PM IST