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जो लोग सुबह के समय नाश्ता नहीं करते और रात का खाना बहुत देर से खाते हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद बदतर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं. एक स्टडी के आधार पर ऐसी चेतावनी दी गई है.
इस स्टडी को European Journal of Preventive Cardiology में पब्लिश किया गया है. इसमें रात के खाने और सोने के बीच कम से कम दो घंटे का अंतराल रखने की भी सलाह दी गई है.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ के.के. अग्रवाल का कहना है कि भारतीयों में पेट के चारों ओर अधिक वसा एकत्र होने की प्रवृत्ति होती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है. इसका एक प्रमुख कारण आज की जीवनशैली है.
डॉ अग्रवाल कहते हैं कि ये समझना जरूरी है, रेगुलर मीडियम इंटेसिटी के एक्सरसाइज से वजन में 5 प्रतिशत की कमी भी टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को 50 प्रतिशत से अधिक कम कर सकती है.
उन्होंने कहा, "जो लोग मोटे होते हैं, उन्हें जटिल कार्बोहाइड्रेट के सेवन को सीमित करने का लक्ष्य रखना चाहिए क्योंकि इनसे ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन का उत्पादन बढ़ता है. इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों में, इस वृद्धि से आगे वजन बढ़ सकता है."
डॉ अग्रवाल के कुछ सुझाव:
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