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कम नींद का किडनी पर पड़ता है बुरा असर

कम और अधूरी नींद क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) के खतरे को और बढ़ा देती है.

आईएएनएस
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नींद कम आने या अच्छी नींद न आने से किडनी के मरीजों के किडनी ठीक तरह से काम नहीं कर पाते. इस कारण परेशानी और बढ़ जाती है. एक रिसर्च में यह बात सामने आई है.

अमेरिका में शिकागो के इलिनोइस यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों में से एक अना रिकाडरे का कहना है:

कम और अधूरी नींद क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) के खतरे को और बढ़ा देती है.

उन्होंने कहा, "हमारे इस रिसर्च से पता चलता है कि नींद और किडनी के बीच सीधा संबंध होता है. सीकेडी वाले लोगों में नींद की आदतों में सुधार के लिए एक डायग्नोस टेस्ट कराने की जरूरत होती है."

हालांकि ज्यादातर रिजल्ट ये कहते हैं कि सीकेडी से पीड़ित लोगों में नींद से जुड़ी परेशानिया आम बात है. इसके सीकेडी से जुड़े होने की बात अभी भी रहस्य बनी हुई है .

इस रिसर्च में प्रतिभागियों ने औसत 6.5 घंटे प्रति रात नींद ली. इस दौरान 70 व्यक्तियों में गुर्दे की नाकामी देखने को मिली और 48 व्यक्तियों की मौत हो गई.

रिसर्च करने वालों का मानना है कि रात में कुछ घंटे ज्यादा सोने से किडनी फेल होने की समस्या 12 पर्सेंट तक कम हो जाती है. इस रिसर्च को 'अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (एएसएन) किडनी वीक 2016' में प्रकाशित किया गया है.

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