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तनाव यानी स्ट्रेस से हम बच नहीं सकते हैं. यहां तक कि कई लोगों को स्ट्रेस में जीने की आदत पड़ जाती है. स्ट्रेस हर जगह है. यूं तो थोड़ा स्ट्रेस चलता है, कुछ तरह के तनाव को तो फायदेमंद माना जाता है, लेकिन बहुत ज्यादा तनाव आपको बीमार कर सकता है. मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से.
क्या आपको जरा भी अंदाजा है कि जिंदगी का हिस्सा बन चुके तनाव का आपकी हड्डियों और मांसपेशियों पर भी असर पड़ रहा है.
तनाव मुश्किल हालात में शरीर की प्रतिक्रिया है. ये मुश्किल हालात असल में भी हो सकते हैं या आपको उनका एहसास हो सकता है. अब किसी को किस बात का तनाव हो जाए, कारण सभी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं.
तनाव से आपकी जिंदगी का हर पहलू प्रभावित हो सकता है, फिर वो चाहे आपकी भावनाएं हों, सोच हो या फिजिकल और मेंटल हेल्थ.
अपोलो के सीनियर कंसल्टेंट साइकियाट्रिस्ट डॉ अचल भगत कहते हैं,
यही स्ट्रेस सेहत से जुड़ी कई गंभीर दिक्कतों का कारण भी बन सकता है या कई समस्याओं को बढ़ा सकता है.
अगर आप लंबे समय तक स्ट्रेस में ही रहते हैं, तो ये तनाव डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी मानसिक दिक्कतें, मोटापा, स्किन और हेयर प्रॉब्लम्स, पेट और दिल से जुड़ी तमाम समस्याओं की वजह बन सकता है. स्ट्रेस के तमाम लक्षणों में सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और खिंचाव भी शामिल है.
डॉ अचल भगत कहते हैं, 'तनाव और दर्द अक्सर आपस में काफी गहराई से जुड़े होते हैं. दोनों का ही एक-दूसरे पर असर पड़ सकता है, जो क्रॉनिक पेन और और क्रॉनिक स्ट्रेस की वजह बन सकता है. इसलिए दर्द से निजात पाने का एक तरीका तनाव से छुटकारा पाने की कोशिश करना हो सकता है. हालांकि रिसर्चर्स को अभी ये पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सका है कि तनाव और दर्द एक-दूसरे से कैसे जुड़े हैं.'
जब आप किसी तरह के तनाव में होते हैं, तब आपकी मांसपेशियां बचाव के लिए खिंच जाती है. आपके सामान्य होते ही मांसपेशियां भी सामान्य हो जाती हैं. लेकिन अगर आप लगातार स्ट्रेस में ही रहते हैं, तब आपकी मांसपेशियों को सामान्य होने का मौका नहीं मिलता. मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से सिर दर्द, पीठ, कमर और कंधे का दर्द और शरीर के बाकी हिस्सों में भी दर्द होता है.
डॉ अचल भगत के मुताबिक दर्द नर्वस सिस्टम से नियंत्रित होता है, हम दर्द को कैसे महसूस करते हैं, इसमें दिमाग की अहम भूमिका होती है.
इसका जवाब 'हां' है क्योंकि तनाव आपकी मांसपेशियों के साथ ही हड्डियों को भी नुकसान पहुंचाता है. कई स्टडीज में ये बात सामने आई है कि कैसे स्ट्रेस का आपकी बोन मिनरल डेंसिटी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. बोन मिनरल डेंसिटी, हड्डियों के प्रति वर्ग सेंटिमीटर पर मिनरल मैटर की मात्रा को कहते हैं.
शरीर में ऊतकों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया दो तरह की कोशिकाओं से चलती है. ऑस्टियोब्लास्ट्स, जो नए अस्थि ऊतकों को संचित करती है और ऑस्टियोक्लास्ट्स पुराने अस्थि ऊतकों को ब्रेक करती है. स्ट्रेस के दौरान हमारे एड्रीनल ग्लैंड्स से कॉर्टिसोल का ज्यादा प्रोडक्शन होता है.
कॉर्टिसोल की वजह से शरीर से मिनरल्स का लॉस होता है और एसिड लोड भी बढ़ता है, जो कि हमारी हड्डियों के लिए सही नहीं है.
लंबे समय से स्ट्रेस रहे, तो कैल्शियम की कमी होने लगती है और ये कमी इतनी तेजी से होती है कि डाइट से इसकी पूर्ति नहीं हो पाती.
अगर आपको लगता है कि तनाव की वजह से आपकी बॉडी में दर्द हो रहा है, तो अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में थोड़े बदलाव करें, ताकि स्ट्रेस से निपटने में मदद मिल सके.
डॉ अचल भगत इन टिप्स को अपनाने की बात करते हैं:
एक्टिव रहें: इससे स्ट्रेस लेवल घटाने में मदद मिल सकती है. एक्सरसाइज जरूर करें, भले ही ये आधे घंटे ही हो.
अच्छी नींद लें: पर्याप्त और गहरी नींद से आपको स्ट्रेस से उबरने में मदद मिल सकती है.
संतुलन: हम अक्सर बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं. अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अपने लिए वक्त निकालें.
हेल्थलाइन डॉट कॉम भी कुछ सुझाव देता है:
जरूरी नहीं है कि आपके शरीर में हर दर्द स्ट्रेस की वजह से हो. आपकी मांसपेशियों या हड्डियों में दर्द स्ट्रेस की वजह से है या किसी दूसरी वजह से इसके बारे में डॉक्टर्स बता सकते हैं.
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Published: 23 Nov 2018,11:03 AM IST