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ये जानकर आपको खुशी तो नहीं होगी लेकिन विज्ञान अब मानता है कि शक्कर आपके लिए किसी जहर से कम नहीं है, कम से कम मोटापे से ग्रसित बच्चों के लिए तो कतई नहीं.
आंकड़ों की मानें तो हमारे देश में पिछले चार सालों में शक्कर की खपत 3 करोड़ टन के करीब हुई है जो विश्व का 13 प्रतिशत है.
ओबेसिटी जर्नल में प्रकाशित इस शोध में शक्कर को शरीर के लिए किसी जहर से कम नहीं माना गया है. अब तक किसी शोध में ये स्पष्ट नहीं हो पाया था कि नुकसान सीधे शक्कर से होता है या शक्कर के सेवन से बढ़ने वाले वजन से.
शोधकर्ता जीन मार्क के अनुसार, “मैंने अभी तक मनुष्यों पर किए गए किसी भी शोध में ऐसे परिणाम नही देखे थे.”
टोउरो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और यूसी सैन फ्रैंसिस्को के वैज्ञानिकों ने 9 से 18 साल के मोटापे के शिकार 43 बच्चों पर शोध किया जिन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या दिल के रोगों जैसी कम से कम एक मेटाबॉलिक समस्या थी.
बच्चों को एक ही तरह के फैट्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी वाली डाइट दी गई लेकिन डाइट में मौजूद शुगर को स्टार्च से बदल दिया गया. शोधकर्ताओं ने बच्चों को 10 प्रतिशत कैलोरी तक की शुगर का ही सेवन करने दिया.
मने डाइट से चिकन, टर्की हॉट डॉग, स्वीट योगहर्ट और बेक्ड पोटैटो चिप्स निकाल दिए. हमने पेस्ट्री को बैगल से बदल दिया. इससे बच्चों के वजन और कैलोरी में कोई बदलाव नहीं दिखा.”
- डॉ. रोबर्ट लस्टिग, डिपार्टमेंट ऑफ पेडियाट्रिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया
प्रतिदिन बच्चों का वजन मापा गया और कोशिश की गई की वजन न घटे और न बढ़े. वजन गिरने पर उनकी डाइट बढ़ा दी गई. 10 दिन तक इस डाइट के बाद चौंकाने वाले परिणाम दिखे.
बच्चों की सेहत में बेहद सकारात्मक बदलाव दिखे. ब्लड प्रेशर कम हुआ, शुगर लेवल आधा हो गया और बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम हो गया.
इस आधार पर उन्होंने माना कि जंक फूड में मौजूद तेल या फैट्स ही नहीं बल्कि शुगर की अधिकता भी सेहत के लिए उतनी ही नुकसानदायक है.
हालांकि इस शोध की दूसरी सीमाएं भी हैं. ये बच्चों के छोटे समूह पर किया गया है. यह स्पष्ट नहीं है कि सेहतमंद वयस्कों पर इसका क्या प्रभाव होगा.
ये लिवर को अधिक फैट्स जमा करने का बढ़ावा देता है जिससे लिवर मोटा हो सकता है. लंबे समय तक हाई शुगर वाली डाइट लेने से नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर बीमारियों का खतरा हो सकता है जो पहली बार 1980 के दशक में सामने आया.
दिल के लिए खतरनाक - दिल की बीमारी और डायबिटीज संबंधित हैं. क्या आपको पता है कि दिल के रोगों और स्ट्रोक का खतरा डायबिटिक लोगों को 65 प्रतिशत अधिक होता है.
लत लग सकती है - जी हां, वैज्ञानिकों का दावा है कि अधिक मीठे के सेवन से दिमाग में केमिकल बदलाव होते हैं जिससे दूसरे नशे की तरह मीठे की भी लत लग सकती है.
डायबिटीज को न्योता - PLOS जर्नल के शोध की मानें तो आर्टिफिशियल शुगर से मिलने वाली हर 150 कैलोरी शरीर में डायबिटीज का खतरा एक प्रतिशत और बढ़ा देती है.
यह शरीर में अतिरिक्त इंसुलिन बनाती है जिससे धमनियों में ब्लॉकेज का रिस्क बढ़ता है. हाई ब्लड प्रेशर, दिल के दौरे या स्ट्रोक का रिस्क भी बढ़ जाता है.
ऐसे में सवाल यह है कि हम मंगल ग्रह पर पानी खोज सकते हैं लेकिन शक्कर के बिना टेस्टी केक नहीं बना सकते?
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Published: 07 Mar 2018,04:20 PM IST