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दिल्ली में केंद्र सरकार के 4 अस्पतालों में इस साल अभी तक स्वाइन फ्लू से 47 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 22 लोग दिल्ली के थे. वहीं गुजरात में जनवरी से लेकर अबतक 288 लोगों की मौत हो गई है. गुजरात में बीते 24 घंटों में 8 और लोग इस बीमारी के शिकार हो गए हैं.
बता दें कि दिल्ली में स्वाइन फ्लू से हुई मौतों के ये आंकड़ें राजधानी में केंद्र सरकार के चारों अस्पतालों समेत सभी अस्पतालों से इकट्ठे किये गये है. ये दिल्ली सरकार के आंकड़ों से इत्तेफाक नहीं रखते जिनके मुताबिक एच1एन1 वायरस से शहर में अभी तक पांच लोगों की मौत हुई है जिनमें से दो दिल्ली के हैं.
राम मनोहर लोहिया (RML), AIIMS, सफदरजंग अस्पतालों से इस साल अब तक स्वाइन फ्लू के क्रमश: 95, 45 और 27 पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई है. इनमें से 45 लोगों की मौत हो गई. एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक, एक जुलाई से 16 अगस्त तक केंद्र सरकार के लेडी हार्डिंग अस्पताल में स्वाइन फ्लू के 30 मामलों की पुष्टि हुई है और 2 मरीजों की मृत्यु हो गयी.
RML अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक एच1एन1 वायरस से यहां जिन 22 लोगों की मौत हो गयी उनमें से 13 दिल्ली के थे वहीं 7 उत्तर प्रदेश से और दो हरियाणा के थे. एक अधिकारी ने बताया कि RML अस्पताल में कुल 195 रोगियों को भर्ती कराया गया जिनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण थे. इनमें से 95 को वायरस का संक्रमण होने की पुष्टि हुई.
AIIMS अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि एम्स में स्वाइन फ्लू के 45 मामले दर्ज किये गये जिनमें 12 लोगों की मौत हो गयी. मृतकों में चार दिल्ली के थे.
सफदरजंग अस्पताल में 27 रोगी स्वाइन फ्लू के आये और 11 लोगों की इस बीमारी से मृत्यु हो गयी. मृतकों में पांच दिल्ली के थे. हालांकि दिल्ली सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल स्वाइन फ्लू से मौत के मामलों की संख्या 5 हैं जिनमें दो दिल्ली के हैं.
जब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से पूछा गया कि दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से मौत के कई मामले सामने आये हैं तो उन्होंने कहा-
गुजरात में पिछले 24 घंटे में स्वाइन फ्लू से 8 और लोगों की जान चले जाने के साथ ही राज्य में जनवरी से इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढकर 288 हो गई है.
राज्य सरकार के जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक राज्य के कई हिस्सों में एच1एन1 से संक्रमित 8 लोगों की मौत हो गयी. फिलहाल प्रदेश के कई अस्पतालों में भर्ती कुल 1,877 संक्रमित लोगों का इलाज चल रहा है. जिनमें 22 वेंटिलेटर पर हैं.
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी ने स्थिति का जायज लेने के लिए एक विशेष दस्ता बनाया है. इस टीम ने कई प्राइवेट अस्पतालों में जाकर मरीजों के इलाज का जायजा लिया.
इस बीमारी में लोगों को बुखार, भूख की कमी, खांसी, जुकाम, नाक बहना, बार बार छींक आना, आंखे लाल पड़ जाना और गले में खराश आदि होते हैं. इसके उपचार के लिए टीका, स्प्रे, सीरप व टेमी फ्लू, टैबलेट बाजार व अस्पतालों में मौजूद हैं.
ऐसे लक्षण दिखने पर खुद मेडिसिन लेने की बजाय फौरन किसी डॉक्टर से चेकअप कराएं.
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