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कैमरा: सुमित बडोला
वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
स्वाइन फ्लू इस बीमारी की शुरुआत सुअरों के रेस्परेटरी सिस्टम से निकले वायरस से हुई थी. इसलिए इस बीमारी को स्वाइन फ्लू कहा गया.
स्वाइन फ्लू या H1N1 फ्लू सांस से जुड़ी बीमारी है, जो बेहद संक्रामक है. ये वही बीमारी है, जिसे 2009 में WHO ने महामारी करार दिया था.
H1N1 वायरस स्टील और प्लास्टिक पर 24 से 48 घंटे, टिश्यू पेपर पर करीब 15 मिनट और हमारे हाथों में लगभग आधे घंटे तक रह सकता है.
इसीलिए आपको ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. इन्हें खत्म करने के लिए डिटर्जेंट, ब्लीच या साबुन का इस्तेमाल कर सकते हैं
स्वाइन फ्लू के लक्षण दूसरे फ्लू की तरह ही हैं. इसमें आपको बुखार होगा, ठंड लगेगी, नाक से पानी, बार-बार छींक, गले में खराश और शरीर में दर्द हो सकता है.
प्रेग्नेंट महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और अगर आपकी इम्यूनिटी वीक है, तो ऐसे लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए, जरूरी टेस्ट करा लिए जाएं और तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाए, तो इस बीमारी से निपटा जा सकता है.
स्वाइन फ्लू से किसी की मौत तभी हो सकती है. जब समय पर इलाज नहीं किया जाता या जो दवा का कोर्स पूरा नहीं करते.
अब वो टिप्स, जो H1N1 वायरस से आपको बचाने के लिए जरूरी हैं:
स्वाइन फ्लू का संक्रमण वैक्सीनेशन के जरिए भी रोका जा सकता है. एक सीजनल फ्लू की वैक्सीन इन्फ्लूएंजा वायरस के खिलाफ आपको 8-10 महीनों के लिए 60-80 फीसदी सुरक्षा दे सकती है.
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Published: 31 Jan 2019,02:23 PM IST