advertisement
सर्दी की शुरूआत के साथ ही हम लोगों का घर से निकलना कम हो जाता है. जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, हम ज्यादा से ज्यादा वक्त घर में ही बिताना चाहते हैं. एक्सरसाइज और वर्कआउट भी कम करते हैं, जिससे वजन बढ़ना लाजिमी है.
एक तथ्य ये भी है कि सर्दियों में हमें भूख ज्यादा लगती है और हम घर पर बैठे रहने के साथ ही तरह-तरह की चीजें ( जैसे मालपुआ, गजक, मिठाइयां) खाना भी खासा पसंद करते हैं. ऐसे में आलस के साथ ही वजन बढ़ने की गुंजाइश भी बढ़ जाती है.
हां, हम कोशिश बहुत करते हैं कि अपनी डाइट पर कंट्रोल करें लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा कर नहीं पाते हैं. इसके पीछे एक और वजह ये है कि सर्दियों में हमारे पास एक्सट्रा फैट को गर्म कपड़ों से छुपाने का विकल्प होता है, जिसकी वजह से हम वजन घटाने की कोशिश को टालते रहते हैं. हम सोचते हैं कि उन चीजों के बारे में अभी क्यों चिंता करना, जो फिलहाल दिख नहीं रहा है या जिसे छिपाया जा सकता है.
सर्दियों में आप अपने वजन बढ़ने का दोष बड़ी आसानी से मौसम को दे देते हैं. दिन के घंटे कम होने की वजह से मस्तिष्क के रसायनों सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर में कमी आती है, जो हमें सुस्त, आलसी बनाने के साथ ही एक्सरसाइज और वर्कआउट से दूर रखते हैं.
सर्दी के महीनों का मतलब दिन का छोटा होना है, इसलिए मेलाटोनिन लेवल में वृद्धि होती है. ये हार्मोन अंधेरे से सक्रिय होता है और आपके शरीर को सोने के लिए संकेत देता है, लेकिन यह भूख भी बढ़ाता है. इसके हाई लेवल का मतलब अधिक भूख लगना है. साथ ही सूरज की रोशनी कम होने का मतलब है विटामिन डी की कमी, जो वसा को तोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है. इसकी कमी वसा को स्टोर (जमा) करने का काम करती है और आप जो खाते हैं, वो वसा (फैट) कोशिकाओं में अधिक मात्रा में स्टोर होता है, जिसका मतलब है सर्दियों में वजन बढ़ना.
लेकिन ऐसा नहीं है कि आप सर्दियों में अपना वजन कम नहीं कर सकते. बशर्ते आप इस मौसम का आनंद थोड़ी समझदारी और अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लें.
पहला तरीका
बाहर निकलें और अपने शरीर पर सूरज की रोशनी पड़ने दें. दोपहर में सूर्य की रोशनी सबसे तेज होने के दौरान वॉक पर (टहलने) जाएं. इस तरह आप विटामिन डी अवशोषित कर पाएंगे और सूरज की रोशनी सेरोटोनिन के स्तर में कमी को भी रोकने में मदद करेगी.
दूसरा तरीका
ठंड में रजाई से बाहर न निकलने का मन और सुस्ती आम बात है. लेकिन इस आराम और आलस में पड़कर आप अपने डेली एक्सरसाइज को न टालें. अगर आप चाहें तो घर के अंदर ही एक्सरसाइज करें, लेकिन इसे छोड़े नहीं.
असल में आपका हर मूवमेंट महत्वपूर्ण होता है. इसका मतलब है कि ऑफिस में लिफ्ट नहीं, सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. सुबह कुत्ते को घुमाने के बहाने बाहर निकलें. यह क्रिसमस का समय है, शॉपिंग पर जाएं, लेकिन शॉपिंग के दौरान कार या बाइक की जगह ज्यादा से ज्यादा पैदल चलने की कोशिश करें. अपने घर को साफ रखें क्योंकि सफाई के दौरान एक्सट्रा कैलोरी बर्न (घटती) होती है. अतिरिक्त कैलोरी को कम करने के तरीकों को हमेशा ढूंढें, चाहे आप ऐसा दिल से करना चाहें या नहीं.
तीसरा तरीका
इस बात का खास ध्यान रखें कि सर्दियों में शाम के नाश्ते में बहुत भारी या यूं कहें कि ज्यादा कैलोरी वाली चीजें ना खाएं. हां, इसके बजाए, सर्दियों में आने वाले मौसमी फल और हरी सब्जियों का सेवन जरूर करें, जो आपके स्वास्थ्य के लिये भी अच्छा रहेगा और वजन बढ़ने का भी खतरा नहीं होगा.
चौथा तरीका
अपने शरीर को वह वसा (फैट) दें, जिसकी तलब होती है, लेकिन थोड़ा स्मार्ट तरीके से चुनाव करें. स्वस्थ वसा का चयन करें जैसे ड्राई फ्रूट्स, सीड्स (हां! तिल का लड्डू एक अच्छा विचार है), नारियल का तेल, जैतून का तेल और सीमित मात्रा में घी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
पांचवां तरीका
खाने में शरीर को गर्म रखने वाली चीजें शामिल करें. गर्म मसाले और जड़ी बूटी (काली मिर्च, इलायची, दालचीनी, लालमिर्च, अदरक) आपकी ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करते हैं.
हर दिन पौष्टिक सूप लें. वास्तव में, खनिज और पोषक तत्वों से भरपूर गर्म सूप से बेहतर कुछ भी नहीं है.
याद करें कि जब आप बच्चे थे तो सर्दियों के दौरान आपकी मां आपको कैसे चिकन सूप पिलाती थीं? वो सही थीं क्योंकि मां आपके स्वास्थ्य के बारे में बेहतर जानती हैं.
(कविता देवगत एक न्यूट्रिशनिस्ट, वजन प्रबंधन सलाहकार और हेल्थ राइटर हैं. इन्होंने Don't Diet! 50 Habits of Thin People किताब लिखी है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 15 Nov 2018,12:40 PM IST